NCERT Solution Class 6th Social Science इतिहास Chapter – 9 नए साम्राज्य और राज्य (New Empires and Kingdoms) Question & Answer in Hindi

NCERT Solution Class 6th Social Science इतिहास Chapter – 9 नए साम्राज्य और राज्य (New Empires and Kingdoms)

TextbookNCERT
Class 6th
Subject Social Science (इतिहास)
Chapter9th
Chapter Nameनए साम्राज्य और राज्य (New Empires and Kingdoms)
CategoryClass 6th Social Science (इतिहास) 
Medium Hindi
SourceLast Doubt
NCERT Solution Class 6th Social Science इतिहास Chapter -9 नए साम्राज्य और राज्य (New Empires and Kingdoms) Question & Answer in Hindi ऐहोल पल्लवों की राजधानी, दक्षिण भारत में स्थानीय सभाएँ, दक्षिणापथ में बारह शासक, हर्षवर्धन, इस युग में सैन्य संगठन में क्या बदलाव, इस काल की प्रशासनिक व्यवस्था में तुम्हें, समुद्रगुप्त की भूमिका अदा, प्रशासनिक व्यवस्था में तुम्हें क्या-क्या नई चीजें दिखती है, दक्षिणापथ में बारह शासक थे, क्या प्रशस्तियों को पढ़कर आम लोग समझ लेते होंगे, प्रशस्ति’ संस्कृत भाषा का शब्द है, ऐसे तीन लेखकों के नाम लिखो जिन्होंने हर्षवर्धन के बारे में लिखा।, दक्षिण भारत में स्थानीय सभाएँ सदियों तक काम करती रही।, आदि के बारे में हम विस्तार से पढ़ेंगे। 

NCERT Solution Class 6th Social Science इतिहास Chapter – 9 नए साम्राज्य और राज्य (New Empires and Kingdoms)

Chapter – 9

नए साम्राज्य और राज्य

प्रश्न – उत्तर

प्रश्न 1. सही या गलत बताओ:

(क) हरिषेण ने गौतमी पुत्र श्री सातकर्णी की प्रशंसा में प्रशस्ति लिखी।
उत्तर –
गलत

(ख) आर्यावर्त के शासक समुद्रगुप्त के लिए भेंट लाते थे।
उत्तर –
गलत

(ग) दक्षिणापथ में बारह शासक थे।
उत्तर –
सही

(घ) गुप्त शासकों के नियंत्रण में दो महत्वपूर्ण केंद्र तक्षशिला और मदुरै थे।
उत्तर –
गलत

(ङ) ऐहोल पल्लवों की राजधानी थी।
उत्तर –
गलत

(च) दक्षिण भारत में स्थानीय सभाएँ सदियों तक काम करती रही।
उत्तर –
सही
प्रश्न 2. ऐसे तीन लेखकों के नाम लिखो जिन्होंने हर्षवर्धन के बारे में लिखा।

उत्तर –
बाणभट्ट, रविकीर्ति और श्वैन त्सांग।
प्रश्न 3. इस युग में सैन्य संगठन में क्या बदलाव आए?

उत्तर –
इस युग में सैन्य संगठन में कई बदलाव आए। कुछ राजा अभी भी पुराने राजाओं की तरह एक सुसंगठित सेना रखते थे। इस समय कुछ ऐसे सेनानायक भी होते थे, जो आवश्यकता पड़ने पर राजा को सैनिक सहायता दिया करते थे। इन सेनानायको को कोई नियमित वेतन नहीं मिलता था।

सेवा के बदले उन्हें भूमि दान में दी जाती थी। इन्हें कर वसूलने का अधिकार भी मिल जाता था। इसीसे वे युद्ध के लिए जरूरी संसाधन जुटाते थे। इन सेनानायको को सामंत कहा जाता था। जिन जगहों के शासक कमजोर होते थे, ये सामंत स्वतंत्र होने की कोशिश करते थे।
प्रश्न 4. इस काल की प्रशासनिक व्यवस्था में तुम्हें क्या-क्या नई चीजें दिखती है?

उत्तर –
 पहले की तरह इस समय भी भूमि ही कर का सबसे महत्वपूर्ण साधन बना रहा। प्रशासन की सबसे प्राथमिक इकाई गाँव थी। लेकिन इसमें कई महत्वपूर्ण बदलाव हुए। इस समय कोई भी इतना शक्तिशाली राजा नहीं था, जो इस महाद्वीप पर सम्पूर्ण नियंत्रण रख सके। इसके लिए उन्होंने सत्ता की साझेदारी के उपाय निकाले। जिसके तहत शक्तिशाली और प्रभावशाली लोगों को अपनी ओर करने का प्रयास करने लगे।

कुछ प्रशासनिक पद आनुवांशिक बन गए अर्थात पिता की मृत्यु के बाद उस पद को पुत्र को दे दिया जाता था।कभी कभी कई पदों को एक ही व्यक्ति सम्भालता था।वहाँ के स्थानीय प्रशासन में प्रमुख व्यक्तियों जैसे- मुख्य बैंकर, व्यपारिक समूह के नेता, मुख्य शिल्पकार और कायस्थो(लिपिको) का बोलबाला था।
प्रश्न 5. तुम्हें क्या लगता है कि समुद्रगुप्त की भूमिका अदा करने के लिए अरविन्द को क्या-क्या करना पड़ेगा? 

उत्तर –
 अगर अरविन्द राजा समुद्रगुप्त की भूमिका अदा करता है तो उसे निम्नलिखित कार्य करना पड़ेगा।
वह शाही वेशभूषा में, मूंछों पर ताव देते हुए, रूपहले कागज में लिपटी तलवार को शान से पकड़कर चहलकदमी करेगा।

• वह राज सिंहासन पर बैठकर वीणा बजाएगा और कविता पाठ भी करेगा।
• वह एक महान योद्धा की तरह कई युद्ध लड़ेगा और उन युद्धों को उसे जीतना पड़ेगा।
प्रश्न 6. क्या प्रशस्तियों को पढ़कर आम लोग समझ लेते होंगे? अपने उत्तर के कारण बताओ।

उत्तर –
 प्रशस्ति’ संस्कृत भाषा का शब्द है, जिसका अर्थ है किसी की प्रशंसा। उस समय राजा की प्रशंसा में प्रशस्ति लिखा जाता था, जो संस्कृत में लिखा जाता था, और जिसे राजा और ब्राह्मण ही समझते थे। आम लोग तो प्राकृत भाषा समझते थे। इसलिए प्रशस्तियो को वे न तो पढ़ पाते थे और न समझ पाते थे।

You Can Join Our Social Account

YoutubeClick here
FacebookClick here
InstagramClick here
TwitterClick here
LinkedinClick here
TelegramClick here
WebsiteClick here