NCERT Solutions Class 12th Sociology (भारत में सामाजिक परिवर्तन एवं विकास) Chapter – 1 संरचनात्मक परिवर्तन (Structural Change)
Textbook | NCERT |
class | Class – 12th |
Subject | Sociology (भारत में सामाजिक परिवर्तन एवं विकास) |
Chapter | Chapter – 1 |
Chapter Name | संरचनात्मक परिवर्तन |
Category | Class 12th Sociology Question Answer in Hindi |
Medium | Hindi |
Source | Last Doubt |
NCERT Solutions Class 12th Sociology (भारत में सामाजिक परिवर्तन एवं विकास) Chapter – 1 संरचनात्मक परिवर्तन (Structural Change) Question & Answer In Hindi संरचनात्मक परिवर्तन से आप क्या समझते हैं कक्षा 12 समाजशास्त्र? भारत में सामाजिक परिवर्तन क्या है तथा भारत में सामाजिक परिवर्तन के कारण और प्रभाव की चर्चा कीजिए? सामाजिक परिवर्तन और विकास क्या है? सामाजिक परिवर्तन को अन्य प्रकार के परिवर्तन से कैसे अलग किया जाए? संरचनात्मक परिवर्तन समाजशास्त्र कक्षा 12 क्या है? संरचना में परिवर्तन और समाजशास्त्र में संरचना का परिवर्तन क्या है? सामाजिक परिवर्तन का सिद्धांत कौन है? सामाजिक संरचना एवं प्रकार में होने वाले परिवर्तन को क्या कहते हैं? समाजशास्त्र में परिवर्तन का अर्थ क्या है? संरचनात्मक विकास का अर्थ क्या है? |
NCERT Solutions Class 12th Sociology (भारत में सामाजिक परिवर्तन एवं विकास) Chapter – 1 संरचनात्मक परिवर्तन (Structural Change)
Chapter – 1
संरचनात्मक परिवर्तन
प्रश्न – उत्तर
प्रश्न 1. उपनिवेशवाद का हमारे जीवन पर किस प्रकार का प्रभाव पड़ा है? आप या तो किसी एक पक्ष जैसे संस्कृति या राजनीति को केंद्र में रखकर, या सारे पक्षों को जोड़कर विश्लेषण कर सकते हैं?
उत्तर – ब्रिटिश उपनिवेशवाद जो कि पूँजीवाद पर आधारित था, ने सीधे तौर पर निजी लाभ तथा ब्रिटिश पूँजीवाद के हितों पर अपना ध्यान केंद्रित किया। जो भी नीतियाँ बनाई गईं, उनका उद्देश्य ब्रिटिश पूँजीवाद को विस्तारित तथा मजबूत करना था। उसने कृषिगत भूमि के नियमों में भी बदलाव किए
(क) इसने न केवल भूमि के स्वामित्व में बदलाव किए, बल्कि इस नीति ने यह भी निर्धारित किया कि कौन-सी फसल का उत्पादन किया जाना चाहिए तथा किसका नहीं?
(ख) इन नीतियों ने वस्तुओं के उत्पादन तथा वितरण की पद्धति में भी बदलाव किए।
(ग) इसने विनिर्माण क्षेत्रों में भी हस्तक्षेप किया।
(घ) इसने जंगलों पर नियंत्रण करके पेड़ों का सफाया कर वहाँ बगान लगाना प्रारंभ कर दिया।
(ङ) उपनिवेशवाद ने वन अधिनियम लागू किया। इसके कारण जनजातियों तथा चरवाहों के जीवन में बदलाव आया।
(च) इसने लोगों को भारत के एक भाग से दूसरे भाग तक आने-जाने को भी सुगम बनाया। इस कारण लोगों में जागरूकता बढी तथा ब्रिटिश उपनिवेशवाद के विरुद्ध असंतोष और मुखर हुआ।
उपनिवेशवाद ने हमारे सांस्कृतिक तथा राजनीतिक जीवन को काफी प्रभावित किया तथा कमोवेश इसे एक-दूसरे के साथ मिलाने का भी काम किया। गतिशीलता तथा आधुनिक विचारधारा को अपनाने के कारण लोगों ने स्वतंत्रता तथा मानवाधिकारों के बारे में सोचना प्रारंभ किया। इसने भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन की नींव को तैयार किया। उपनिवेशवाद का एक महत्त्वपूर्ण सामाजिक प्रभाव भी था। जैसे कि भारतीय मध्यम वर्ग की जीवन शैली में परिवर्तन आया। इनके खानपान, भाषा तथा पहनावे में भी परिवर्तन आया।
उपनिवेशवाद का भारतीय समाज पर पड़ने वाला राजनीतिक प्रभाव बहुत ही गहरा था। इसने हमारे राष्ट्रीय आंदोलन, राजनीतिक पद्धति, संसदीय तथा विधिक पद्धति, संविधान, शिक्षा पद्धति तथा पुलिस यातायात के नियम तथा कुल मिलाकर पूरे राजनीतिक संरचना में उपनिवेशवाद के कारण बदलाव आए।
प्रश्न 2. औद्योगीकरण और नगरीकरण का परस्पर संबंध है। विचार करें।
उत्तर – औद्योगीकरण का संबंध यांत्रिक उत्पादन के उदय से है, जो शक्ति के गैरमानवीय संसाधन जैसे-वाष्प या विद्युत पर निर्भर होता है।
• औद्योगिक समाज की एक प्रमुख विशेषता है। कि लोग कृषि के बजाय अधिक संख्या में कारखानों, ऑफ़िसों और दुकानों में काम करते हैं।
• 90 प्रतिशत से भी अधिक लोग कस्बों और शहरों में रहते हैं। क्योंकि वहीं पर रोजगार तथा व्यवसाय के अधिक अवसर होते हैं। ब्रिटेन का समाज औद्योगीकरण से गुजरने वाला पहला समाज था। अतः सबसे पहले ग्रामीण से रूपांतरित होकर नगरीय देश बना।
• ब्रिटिश शासन काल के दौरान कुछ क्षेत्रों में औद्योगीकरण के कारण पुराने नगरीय केंद्रों का क्षरण हुआ।
• उपनिवेशी शासन काल के दौरान पुराने नगरीय केंद्रों का क्षरण हुआ तथा नए उपनिवेशवादी नगर बस गए। उदाहरणार्थ, सूरत तथा मसुलीपट्नम ने अपना आकर्षण खो दिया तथा मुंबई तथा चेन्नई महत्त्वपूर्ण शहर बनकर उभरे। जब ब्रिटेन में निर्माण क्षेत्रों में तेजी आई हुई थी, तब भारत के परंपरागत, निर्यातक वस्तुओं रेशम तथा कपास के उत्पादन तथा निर्यात में गिरावटआई क्योंकि ये ‘मैनचेस्टर’ की प्रतियोगिता नहीं कर सकते थे।
• उन्नीसवीं शताब्दी के अंत में, भारत के कुछ शहरों में औद्योगीकरण के कारण उनकी जनसंख्या में तेजी से वृद्धि हुई। पूर्वी भारत के उन क्षेत्रों के अतिरिक्त यहाँ ब्रिटिश का आगमन जल्दी तथा सघन था, दूसरे क्षेत्र अधिक समय तक इससे अप्रभावित रहे। उदाहरणार्थ-सुदूर गाँवों की ग्रामीण शिल्पकला इससे काफी समय तक अप्रभावित रही। इन पर प्रभाव तभी पड़ा जब रेलवे का विस्तार हुआ। स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद भारत सरकार ने औद्योगीकरण के संरक्षण तथा संवर्द्धन के लिए महत्त्वपूर्ण कदम उठाए।
• उदारीकरण की वर्तमान नीति के कारण शहरो का तीव्र विकास हुआ है।
प्रश्न 3. किसी ऐसे शहर या नगर को चुनें जिसमें आप भली-भाँति परिचित हैं। उस शहर/नगर के इतिहास, उसके उद्भव और विकास, तथा समसामयिक स्थिति का विवरण दें।
उत्तर – स्वयं करें।
प्रश्न 4. आप एक छोटे कस्बे या बहुत बड़ा शहर या अर्धनगरीय स्थान, या एक गाँव में रहते हैं
जहाँ आप रहते हैं उस जगह का वर्णन करें।
वहाँ की विशेषताएँ क्या हैं, आप को क्या लगता है कि वह एक कस्बा है शहर नहीं, एक गाँव है। कस्बा नहीं यो शहर है गाँव नहीं?
जहाँ आप रहते हैं क्या वहाँ कोई कारखाना है?
क्या लोगों का मुख्य व्यवसाय खेती है?
क्या व्यवसाय वहाँ निर्णायक रूप में प्रभावशाली है?
क्या वहाँ इमारतें हैं?
क्या वहाँ शिक्षा की सुविधाएँ उपलब्ध हैं?
लोग कैसे रहते और व्यवहार करते हैं?
लोग किस तरह बात करते और कैसे कपड़े पहनते हैं?
उत्तर – स्वयं करें।