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NCERT Solutions Class 11th Physical Education Chapter – 7 परीक्षण मापन और मूल्यांकन (Test, Measurement and Evaluation)
Chapter – 7
परीक्षण मापन और मूल्यांकन
Notes
परीक्षण – परीक्षण एक ऐसा यंत्र है जो एक व्यक्ति अथवा खिलाड़ी के गुण (Attribute), दक्षता, ज्ञान, प्रवृत्ति, अथवा स्वस्थता की स्थिति का सटीक अनुमान लगाने के लिए प्रयुक्त प्रश्न या मापन प्रविधि है। “परीक्षण एक ऐसा यंत्र है जो एक व्यक्ति या खिलाड़ी के कौशल प्रदर्शन अथवा किए गये कार्य की विश्वसनीयता का मूल्यांकन करने का साधन है”।
मापन
परीक्षण द्वारा किसी खिलाड़ी के प्रदर्शन को आँकड़ों में एकत्रित करने की प्रक्रिया मापन कहलाती है।
परीक्षणों के प्रशासन और उनकी स्कोरिंग से प्राप्तांकों को मापन कहते है।
मूल्यांकन – परीक्षणों द्वारा संकलित मापनों के मूल्य को सुनिश्चित करने की प्रक्रिया को मूल्यांकन कहते हैं। किसी वैज्ञानिक यंत्र (परीक्षण) के प्रयोग द्वारा प्राप्त मापन की रीडिंग को मापदंडों से तुलना करने की क्रिया मूल्यांकन कहलाती है।
खेल -कूद में परीक्षण, मानप, और मूल्यांकन का महत्त्व।
खिलाड़ी के चयन में सहायक।
लक्ष्य एवं उद्देश्य निर्धारित करने में सहायक।
खिलाड़ियों का मूल्यांकन करने में सहायक।
शिक्षा – प्रणाली का मूल्यांकन करने में सहायक।
खिलाड़ियों की योग्यताओं और क्षमताओं की जानकारी प्राप्त करने में सहायक।
मापदंड और मानक तैयार करने में सहायक।
अनुसंधान कार्यप्रणाली में सहायक खिलाड़ी के व्यक्तिगत खेल के वर्गीकरण में सहायक।
खिलाड़ी के प्रदर्शन संभावना के बारे में पहले से घोषणा करने में सहायक।
खिलाड़ी की आवश्यकताओं की जानकारी प्राप्त करने में सहायक।
बॉडी मास इंडेक्स – बॉडी मास इंडेक्स एक सांख्यकीय मापन है जो व्यक्ति के भार और ऊँचाई की तुलना करके निकाला जाता है।
वेस्ट – हिप – रेशो – वेस्ट – हिप – रेशो – कमर एवं कूल्हों पर परिधियों की माप का अनुपात होता है।
मानव शरीर के प्रकार – मानव शरीर के प्रकार का अर्थ मानव शरीर के आकार व रचना से है। सिद्ध वैज्ञानिक विलियम हरबर्ट शैल्डन (William Herbert Sheldon) के अनुसार शरीर के आकार अर्थात Somatotype के आधार पर सभी व्यक्तियों को तीन निम्नलिखित श्रेणियों में बाँटा गया है।
एंडोमार्फ (Endomorph) – इस प्रकार के व्यक्तियों का शरीर गोल मटोल होता है। ये बड़े एवं सुदृढ शरीर के कारण खेलों में अधिक प्रदर्शन नहीं कर पाते हैं। इसके लिए उपयुक्त खेल भारोत्तोलन (Weight Lifiting) तथा पावर लिफ्टिंग (Power Lifting) होते हैं।
मेसोमोर्फ (Mesomorph) – मेसोमोर्फ व्यक्तियों का शरीर, सुदृढ़, मजबूत एवं वर्गाकार होता है। इन व्यक्तियों के कंधे व छाती चौड़ी होती है। ये व्यक्ति किसी भी खेल में अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं।
एक्टोमोर्फ (Actomorph) – जिन व्यक्तियों का शरीर पतला एवं लंबा होता है उन्हें एक्टोमोर्फ श्रेण्धी में रखा गया है। इनके शरीर के माँसपेशियों पतली होती हैं व हाथ – पैर लंबे होते हैं। इनकी छाती चपटी होती है। इनका शरीर ढाँचा हल्का होता है। अतः ये सहनदक्षता संबंधित खेलों के लिए उपयुक्त होता है। जैसे- लंबी दूरी की दौड़, जिम्नास्टिक आदि।
स्वास्थ्य संबंधी पुष्टि के घटकों का मापन – स्वास्थ्य संबंधी पुष्टि का संबंध, पुष्टि के घटकों के विकास व उनको बनाए रखने से है, जो विभिन्न बीमारियों व रोगों के बचाव व उपाय के द्वारा स्वास्थ्य के स्तर को बढ़ा सकते है, स्वास्थ्य संबंधी पुष्टि, व्यक्ति के कुशलतापूर्वक कार्य करने की योग्यता को बढ़ाती है तथा स्वस्थ जीवन – शैली को बनाए रखती है। इस प्रकार यह कहा जा सकता है कि स्वास्थ्य संबंधी पुष्टि सभी व्यक्तियों के लिए बहुत महत्त्वपूर्ण होती है।
स्वास्थ्य संबंधी पुष्टि के मुख्यतः पाँच घटकों में विभाजित किया जा सकता है।
शरीर संरचना या संयोजन – शरीर की संरचना का अर्थ, शरीर के भार में वसा मुक्त मात्रा से है। यह एक जाना पहचाना तथ्य है कि शरीर के कुल भार में शरीर की वसा का उच्च प्रतिशत हानिकारक होता है, तथा यह स्थूलता की ओर अग्रसर करता है। स्वास्थ्य की दृष्टि से युवा पुरुषों व स्त्रियों के लिए शरीर की वसा की सामान्य प्रतिशत क्रमशः 15 व 25 से अधिक नहीं होना चाहिए।
व्यक्तियों द्वारा शरीर की संरचना को मापने के लिए विभिन्न विधियाँ जैसे पानी के अन्दर भार मापना, स्किनफोल्ड मापन, व एन्थ्रोपोमैट्रिक मापन आदि विधियाँ प्रयोग में लाई जाती है। इसका अर्थ यह है कि स्वास्थ्य संबंधी पुष्टि के लिए एक व्यक्ति को आदर्श शरीर भार व वसा प्रतिशत रखना चाहिए।
हृदय – श्वसन सहनक्षमता – यह एक व्यक्ति की वह योग्यता है जो कि किसी कार्य जो उच्च तीव्रता पर अधिक समय तक जारी रखने में सक्षम हो। इसके अन्तर्गत हृदय, फेकड़ों, और रक्त पेशियों द्वारा आक्सीजन युक्त रक्त की अधिक मात्रा की आवश्यकता होती है।
हृदय – श्वसन सहनदक्षता का मापन विभिन्न प्रकार की दौड़, तैराकी प्रतियोगिता, और ऐरोबिक क्रियाओं के माध्यम से किया जा सकता है। एक व्यक्ति को ये क्रियाएँ अधिकतम 20 मिनट तक लगातार जारी रखनी चाहिए अथवा अपनी हृदय दर की क्षमतानुसार करनी चाहिए।
मांसपेशीय सहनक्षमता – मांसपेशीय सहन क्षमता, एक मांसपेशीय अथवा मांसपेशीय समूह को अधिकतम समय तक संकुचन जारी रखने या किसी शक्ति के विरूद्ध बार – बार मांसपेशीय संकुचन करने की योग्यता होती है। मांसपेशीय सहनक्षमता को मापने के लिए भारोत्तोलन सिट – अप आदि द्वारा मापा जा सकता है।
लचक – लचक जोड़ों की गति की क्षमता होती है, दैनिक जीवन में लचक सभी व्यक्तियों के लिए आवश्यक है। इसके सक्रिय लचक व असक्रिय लचक में वर्गीकृत किया जा सकता है। सक्रिय लचक को पुनः स्थिर लचक व गतिशील लचक में वर्गीकृत किया जा सकता है किसी खेल क्रिया के बाद या पूर्व में खिंचाव वाले व्यायाम करने से लचक को बढ़ावा जा सकता है। लचक का मापन – सिट एण्ड रीच परीक्षण द्वारा किया जा सकता है।
मांसपेशीय शक्ति – मांसपेशीय शक्ति, शक्ति की अधिकतम मात्रा होती है, जो एक मांसपेशी या मांसपेशीय समूह द्वारा किसी प्रतिरोध के विरूद्ध लगाई जाती है। माँसपेशीय शक्ति मापन के लिए पुश – अप, अधिकतम भार उठाने की क्षमता (Heavy weight lift) आदि द्वारा मापा जा सकता है।