NCERT Solutions Class 11th Hindi अंतरा Chapter – 5 ज्योतिबा फुले Question & Answer

NCERT Solutions Class 11th Hindi अंतरा Chapter – 5 ज्योतिबा फुले

TextbookNCERT
Class Class 111th
Subject Hindi
ChapterChapter – 5
Grammar Nameज्योतिबा फुले
CategoryClass 12th Hindi अंतरा अभ्यास
Medium Hindi
SourceLast Doubt
NCERT Solutions Class 11th Hindi अंतरा Chapter – 5 ज्योतिबा फुले Question & Answer ज्योतिबा फुले के जीवन में क्या प्रेरणा मिलती है?, ज्योतिबा फुले ने किस प्रकार की मानसिकता पर प्रहार किया है और क्यों?, ज्योतिबा फुले और सावित्री कैसे एक और एक मिलकर ग्यारह हो गये?, ज्योतिबा फुले क्यों प्रसिद्ध थे?, ज्योतिबा फुले ने कौन सा स्कूल खोला था?, ज्योतिबा फुले ने समाज के लिए क्या किया?, लड़कियों की शिक्षा किसने शुरू की?, लड़कियों का पहला स्कूल किसने शुरू किया था?, भारत में लड़कियों का स्कूल कब जाना शुरू हुआ?, भारत की प्रथम महिला अध्यापिका कौन थी?

NCERT Solutions Class 11th Hindi अंतरा Chapter – 5 ज्योतिबा फुले

प्रश्न-अभ्यास

प्रश्न 1. ज्योतिबा फुले का नाम समाज सुधारकों की सूची में शुमार क्यों नहीं किया गया? तर्क सहित उत्तर लिखिए।
उत्तर – ज्योतिबा फुले का नाम समाज सुधारकों की सूची में शुमार नहीं किया गया क्योंकि इसके निर्माता उस उच्चवर्गीय समाज का प्रतिनिधित्व करते थे, जिसका ज्योतिबा फुले विरोध करते थे। वे हमेशा ब्राह्मण समाज में व्याप्त आडंबरों और रूढ़ियों का विरोध करते थे। वे समाज में ब्राह्मण समाज के वर्चस्व के विरोधी थे।

वे सभी को समान अधिकार देने के समर्थक। यदि उन्हें समाज सुधारकों की सूची में रख दिया जाता, तो समाज की दशा कब की बदल गई होती। विकसित वर्ग के जो प्रतिनिधित्व करते थे, वे समाज का सुधार नहीं चाहते थे। अतः उन्होंने समाज सुधारकों की सूची में उनका नाम न रखकर ज्योतिबा फुले के कार्यों को दबाने का प्रयास किया।
प्रश्न 2. शोषण-व्यवस्था ने क्या-क्या षड्यंत्र रचे और क्यों?
उत्तर – शोषण-व्यवस्था ने निम्नलिखित षड्यंत्र रचे-

(क) उनके परिवार तथा समाज ने उनका बहिष्कार कर दिया।
(ख) उनके बाहर निकलने पर लोगों द्वारा उनको गालियाँ दी जातीं, उन पर थूका जाता तथा उन पर गोबर फैंका जाता।
(ग) उनके सामाजिक कार्यों को रोकने के लिए अनेक प्रकार के रोड़े अटकाए गए।
प्रश्न 3. ज्योतिबा फुले द्वारा प्रतिपादित आदर्श परिवार क्या आपके विचारों के आदर्श परिवार से मेल खाता है? पक्ष-विपक्ष में अपने उत्तर दीजिए।
उत्तर – विपक्ष – ज्योतिबा फुले द्वारा प्रतिपादित आदर्श परिवार मेरे विचारों से व मेरे आदर्श परिवार से मेल नहीं खाता है। मैं परिवार को धर्म के रूप में नहीं देखती/देखता हूँ। ज्योतिबा फुले द्वारा जो आदर्श परिवार की कल्पना की गई है, वह पूरे संसार को एक छत के नीचे लाने के लिए की गई है। लेकिन हर परिवार में ऐसा करना संभव नहीं है।

परिवार में विद्यमान लोगों में आपसी प्रेम, एकता, आपसी समझ, समन्वय की भावना, परिस्थितियों में दृढ़ता का भाव इत्यादि होना आवश्यक है। यदि किसी परिवार के मध्य ये नहीं हैं, तो वह आदर्श परिवार नहीं कहला सकता है। परिवार का आदर्श रूप अलग-अलग धर्म को मानने में नहीं। हर प्रकार की परिस्थिति में एक-दूसरे के साथ रहने में और एक-दूसरे को समझने में हैं।

पक्ष – आदर्श परिवार की यह सुंदर कल्पना है। यदि हर धर्म के लोग एक ही परिवार में रहेंगे, तो जीवन स्वर्ग के समान बन जाएगा। सभी धर्मों को मानने वाले साथ होंगे और मतभेद की स्थिति आएगी ही नहीं। इस तरह परिवार ही नहीं, समाज तथा देश एकजुट हो जाएँगे। जीवन आनंदमय हो जाएगा। हर धर्म के संस्कार बच्चे को एक ही स्थान से मिला करेंगे।
प्रश्न 4. स्त्री-समानता को प्रतिष्ठित करने के लिए ज्योतिबा फुले के अनुसार क्या-क्या होना चाहिए?
उत्तर – स्त्री-समानता को प्रतिष्ठित करने के लिए ज्योतिबा फुले के अनुसार निम्नलिखित बातों का होना आवश्यक है-

(क) स्त्रियों को पुरुषों के समान जीने का अधिकार तथा स्वतंत्रतापूर्वक रहने का अधिकार देना चाहिए।
(ख) स्त्रियों के अधिकार पुरुषों के समान ही होने चाहिए।
(ग) स्त्रियों को पुरुषों के समान शिक्षा प्राप्त करने का अधिकार होना चाहिए।
(घ) विवाह के समय बोले जाने वाले मंत्रों में ब्राह्मणों का स्थान समाप्त हो जाना चाहिए तथा ऐसे वचन बुलवाने चाहिए जिसमें दोनों के अधिकार हों। ऐसे वचनों को कोई स्थान नहीं देना चाहिए, जिसमें पुरुष को मनमानी का अधिकार मिले और स्त्री को गुलामी का।
प्रश्न 5. सावित्री बाई के जीवन में क्रांतिकारी परिवर्तन किस प्रकार आए? क्रमबद्ध रूप में लिखिए।
उत्तर – सावित्री बाई के जीवन में क्रांतिकारी परिवर्तन उनके विवाह के बाद आए-

(क) उनके पति ने सबसे पहले उन्हें पढ़ाना आरंभ किया। इसके लिए उनके पति ज्योतिबा फुले ने मराठी तथा अंग्रेज़ी भाषाओं की शिक्षा दी।
(ख) उसके पश्चात उन्होंने अपने साथ लाई पुस्तक को पढ़ा।
(ग) अपने पति के साथ उन्होंने पहले कन्या विद्यालय की स्थापना की।
(घ) विद्यालय खोलने के कारण उन्हें सास तथा ससुर ने घर से निकाल दिया।
(ङ) इसके बाद तो उन्होंने शुद्र जाति के लोगों के लिए निडर होकर कार्य करना आरंभ कर दिया।
प्रश्न 6. ज्योतिबा फुले और सावित्री बाई के जीवन से प्रेरित होकर आप समाज में क्या परिवर्तन करना चाहेंगे?
उत्तर – ज्योतिबा फुले और सावित्री बाई के जीवन से प्रेरित होकर मैं समाज में स्त्रियों की दशा को सुधारने के लिए काम करना चाहूँगी। अब भी भारत के ऐसे इलाके हैं, जहाँ स्त्रियों की दशा शोचनीय है। उन्हें अब भी शिक्षा का अधिकार प्राप्त नहीं है। अतः वहाँ पर जाकर उन्हें शिक्षा दिलवाना चाहूँगी। इस तरह समाज में स्त्रियों की शिक्षा का प्रतिशत बढ़ाऊँगी और उनके जीवन को बेहतर बनाना चाहूँगी।
प्रश्न 7. उनका दांपत्य जीवन किस प्रकार आधुनिक दंपतियों को प्रेरणा प्रदान करता है?
उत्तर – आज के समय में दांपत्य जीवन में छोटी-छोटी बातों पर झगड़े और कलेश हो जाते हैं। साथ मिलकर चलना तो कठिन हो जाता है। अहंकार की भावना रिश्तों के मध्य दीवार बन जाती है। लेकिन जब हम ज्योतिबा फुले और सावित्री बाई को देखते हैं, तो उनसे प्रेरणा मिलती है। हमें अपने जीवन साथी के साथ कंधे-से-कंधा मिलाकर चलना चाहिए। एक दूसरे के सपनों को अपना बना लेना चाहिए। जीवन की डगर में आने वाली कठिनाइयों को एक होकर झेलना चाहिए। एक-दूसरे पर अटूट विश्वास करना चाहिए। एक-दूसरे की कमी को बताने के स्थान पर उसे हटाने का प्रयास करना चाहिए।
प्रश्न 8. फुले दंपति ने, स्त्री समस्या के लिए जो कदम उठाया था, क्या उसी का अगला चरण, ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’, कार्यक्रम है?
उत्तर – ज्योतिषा फुले ओर उनकी पत्नी ने उस समय हो रहे थे स्त्रियों के शोषण पर सवाल उठाया है वे लोग कहते थे कि समाज में स्त्रियों को उतना अधिकार मिलता था जितना पुरुषो को मिलता था। देखा जाए तो उनकी सोच बेटी बचाओ बेटी पढाओ की सोच अंतर था क्योकि आज की समाज म महिलाओं को भी उतना ही अधिकार प्रदान किया गया था जितना पुरुषो को मिला था। बेटी बचाओ बेटी पढाओ कार्यक्रम छोटी बच्चियों की भूर्ण हत्या और उनकी शिक्षा के सदर्भ में शुरू किया गया था इसलिए यह कहा जा सकता था कि दपति ने स्त्री के लिए जो कदम उठाया है उसका अलग चरण बेटी बचाओ बेटी पढाओ नही था।
प्रश्न 9. निम्नलिखित पंक्तियों का आशय स्पष्ट कीजिए

(क) सच का सवेरा होते ही वेद डूब गए, विद्या शूद्रों के घर चली गई, भू-देव (ब्राह्मण) शरमा गए।
(ख) इस शोषण-व्यवस्था के खिलाफ़ दलितों के अलावा स्त्रियों को भी आंदोलन करना चाहिए।

उत्तर – (क) ज्योतिबा फुले कहते हैं कि जबसे शूद्र जाति वाले लोगों ने शिक्षा के महत्व को समझकर शिक्षा ग्रहण करना आरंभ किया है, तबसे ब्राह्मण समाज का अंत आ गया है। वेदों के नाम पर इन्होंने समाज के अन्य लोगों को दबाकर रखा। लेकिन आज स्थिति बदल गई है। अब वेदों का महत्व समाप्त हो गए हैं। शूद्रों के पास ज्ञान की शक्ति देखकर ब्राह्मण समाज लज्जित हो गया है। जिसमें इतने वर्षों ने उन्होंने अपना अधिकार बनाए रखा था, अब वह उनका नहीं रहा है। शिक्षा का अधिकार सबके लिए है और अब सब उसका फायदा उठा रहे हैं।

(ख) ज्योतिबा फुले कहते हैं कि सदियों से ब्राह्मण समाज ने शूद्रों के साथ-साथ स्त्रियों का भी शोषण किया है। उन्होंने स्त्रियों को कभी सिर नहीं उठाने दिया। पत्नी धर्म के नाम पर उन्हें गुलाम बनाकर रखा। अतः शूद्रों के अतिरिक्त स्त्रियों को भी अपने अधिकारों के लिए ब्राह्मण समाज का विरोध करना चाहि। वे तभी अपने अधिकारों को पा सकेगीं।
प्रश्न 10. निम्नलिखित गंद्याशों की संदर्भ सहित व्याख्या कीजिए-

(क) स्वतंत्रता का अनुभव ……………. हर स्त्री की थी।
(ख) मुझे ‘महात्मा’ कहकर …………….. अलग न करें।

उत्तर –  (क) प्रसंग – प्रस्तुत गद्यांश सुधा अरोड़ा द्वारा लिखित रचना ज्योतिबा फुले से ली गई है। प्रस्तुत पंक्ति में ज्योतिबा फुले स्त्रियों को अपनी शोषण अवस्था से उठकर अपने अधिकार पाने के लिए उत्साहित करते हैं। वे इसके लिए विवाह में ऐसे मंत्रों का निर्माण करते हैं, जिसमें स्त्री को पुरुष के समान अधिकार मिले।

व्याख्या – विवाह के समय मंगलाष्टक बोले जाते हैं। पहले में स्त्री अपने पति से कहती है कि हम स्त्रियों की बचपन से स्वतंत्रता ले ली जाती है। मृत्यु तक इस गुलामी युक्त जीवन को स्त्रियाँ जीने के लिए विवश होती हैं।

अतःतुम कसम खाओ कि मुझे मेरे अधिकार दोगे और अपने समान स्वतंत्रतापूर्वक जीने दोगे। अर्थात तुम्हें जिस प्रकार जीने का अधिकार है, वैसा ही अधिकार मुझे भी विवाह के बाद मिलेगा। लेखिका कहती है ज्योतिबा फुले ने जो कसम एक विवाहिता स्त्री के लिए तैयार की थी, वह हर स्त्री को चाहिए थी। क्योंकि वह भी गुलामी भरे जीवन से मुक्ति पाना चाहती थी।

(ख) प्रसंग – प्रस्तुत गद्यांश सुधा अरोड़ा द्वारा लिखित रचना ज्योतिबा फुले से ली गई है। प्रस्तुत पंक्ति में ज्योतिबा फुले उस विषय में विचार रखते हैं, जहाँ उन्हें महात्मा शब्द संबोधित किया गया।

व्याख्या – ज्योतिबा फुले के कार्य के लिए उन्हें महात्मा कहकर संबोधित किया गया था। उन्होंने तब कहा था कि मुझे इस प्रकार की पदवी न दें। इस प्रकार की पदवी पाकर मनुष्य अपनी दिशा से भटक जाता है। उसमें अहंकार आ जाता है और उसके कार्यों को विराम लग जाता है। अतःमुझे इस स्थिति से बचाएँ और अपने जैसा ही रहने दें। तभी मैं अपने कार्यों को सही प्रकार से कर पाऊँगा।

योग्यता-विस्तार

प्रश्न 1. अपने आसपास के कुछ सामाजिक कार्यकर्ताओं से बातचीत कर उसके आधार पर एक रिपोर्ट तैयार कीजिए।
उत्तर – विद्यार्थी स्वयं अपने आसपास के कुछ सामाजिक कार्यकर्ताओं से बातचीत कर उसके आधार पर एक रिपोर्ट तैयार कीजिए।
प्रश्न 2. क्या आज भी समाज में स्त्री-पुरुष के बीच भेदभाव किया जाता है? कक्षा में चर्चा कीजिए।
उत्तर – आज भी स्त्रियों को भेदभाव से गुजरना पड़ता है। उसे पुरुषों से हीन समझा जाता है। उसे समाज में पुरुषों के समान अधिकार प्राप्त नहीं है। उसने सदियों से पुरुषों के समान अधिकार पाने के लिए एक लंबी लड़ाई लड़ी है। यह लड़ाई शहरी जीवन में काफी हद तक सफल हो पायी है।

परन्तु ग्रामीण इलाकों में उसकी स्थिति अब भी गौण है। ग्रामीण जीवन में स्त्री वंश बढ़ाने और घर संभालने का साधन मात्र है। जिसके कंधे बोझ तले दबे रहते हैं। सारी उम्र सेविका के समान घर का काम करती है और वैसे ही मर जाती है। वहाँ उसे मुँह खोलने तक का अधिकार नहीं है, अपने मन की करना तो अलग बात है। सरकार जितना भी प्रयास करे कि स्त्री-पुरुष एक समान हों परन्तु यह बात मात्र दिखावा प्रतीत होती है।

इसका प्रभाव बच्चों पर भी देखा जाता है। माता-पिता स्वयं के बच्चों में लड़का-लड़की का भेद करते हैं। यदि समाज में यही चलता रहा तो कैसे स्त्री को समाज में पुरुष के समान अधिकार प्राप्त होगें? वे सदैव दासी बनी रहेगी और जीवन में अपने अधिकारों के लिए लड़ती रहेगी। हमें चाहिए कि कोशिश अपने घर से आरंभ करें, तभी हम समाज में स्त्री को समान अधिकार दिला पाएँगे।
प्रश्न 3. सावित्री बाई और महात्मा फुले ने समाज-हित के जो काम किए उनकी सूची बनाइए।
उत्तर – सावित्री बाई और महात्मा फुले ने समाज-हित के जो काम किए उनकी सूची इस प्रकार है-

(क) भारत के प्रथम कन्या विद्यालय की स्थापना की।
(ख) शूद्र बच्चों के पालन-पोषण का कार्य आरंभ किया।
(ग) सत्यशोधक समाज की स्थापना की।
(घ) किसान स्कूल की स्थापना की।
(ङ) छूआछूत व्यवस्था को मिटाने का प्रयास किया।
(च) 1852 में महिला मण्डल की स्थापना की।
(छ) विधवा स्त्रियों के मूंडन को रोकने के लिए आंदोलन किया।
(ज) पहला बाल हत्या प्रतिबन्धक गृह खोला।
(झ) असहाय स्त्रियों के लिए पहला अनाथाश्रम खोला।
(ण) महाराष्ट्र का पहला अन्तरजातीय विवाह करवाकर समाज में अन्तरजातीय विवाह के लिए राहें खोलीं।

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