NCERT Solutions Class 12th Hindi अंतरा Chapter – गांधी, नेहरू और यास्सेर अराफ़ात
Textbook | NCERT |
Class | Class 12th |
Subject | Hindi |
Chapter | 16 |
Grammar Name | गांधी, नेहरू और यास्सेर अराफ़ात |
Category | Class 12th Hindi |
Medium | Hindi |
Source | Last Doubt |
NCERT Solutions Class 12th Hindi अंतरा Chapter – 16 गांधी, नेहरू और यास्सेर अराफ़ात Question & Answer लेखक ने सेवाग्राम में किन लोगों के आने का जिक्र किया है? लेखक सेवाग्राम कब और क्यों गया था? रोगी बालक के प्रति गाँधी जी का व्यवहार किस प्रकार का था?कश्मीर के लोगों ने नेहरू जी का स्वागत किस प्रकार किया था?अख़बार वाली घटना से नेहरू जी के व्यक्तित्व की कौन सी विशेषता स्पष्ट होती है?
NCERT Solutions Class 12th Hindi अंतरा Chapter – गांधी, नेहरू और यास्सेर अराफ़ात
Chapter – 16
गांधी, नेहरू और यास्सेर अराफ़ात
प्रश्न – उत्तर
अभ्यास प्रश्न – उत्तर
प्रश्न 1. लेखक सेवाग्राम कब और क्यों गया था? उत्तर – लेखक सन् 1938 में सेवाग्राम गया। वहाँ उसके भाई बलराज रहते थे। ‘नई तालीम’ पत्रिका के सह-संपादक थे। सन् 1938 में कांग्रेस का हरिपुरा अधिवेशन हुआ था। लेखक कुछ दिन बड़े भाई के साथ बिताने के लिए चला गया था। |
प्रश्न 2. लेखक का गाँधी जी के साथ चलने का पहला अनुभव किस प्रकार का रहा? उत्तर – लेखक ने सुबह सात बजे गाँधी जी को सड़क पर आते देखा। उन्हें देखकर यह पुलक उठा। वे बिल्कुल वैस लग रहे थे जैसे वे चित्रों में दिखाई देते हैं। उनकी कमर के नीचे से एक घड़ी भी लटक रही थी लेखक तेजी से अपने भाई के साथ उनके साथ हो लिया। लेखक ने गाँधी जी से रावलपिंडी का जिक्र किया। इस जगह का नाम सुनकर गाँधी जी ने कई बातें सुनाई। वे अपने पुराने अनुभव सुनाते रहे। |
प्रश्न 3. लेखक ने सेवाग्राम में किन लोगों के आने का जिक्र किया है? उत्तर – सेवाग्राम में लेखक तीन सप्ताह तक रहा। वहाँ उन्हें अनेक देशभक्त मिले। वहाँ पृथ्वीसिंह आजाद बेन, खान अब्दुल गफ्फार खान, राजेंद्रबाबू जैसे देशभक्त आते थे। |
प्रश्न 4. रोगी बालक के प्रति गाँधी जी का व्यवहार किस प्रकार का था? उत्तर – रोगी बालक के प्रति गाँधी जी का व्यवहार आत्मीयतापूर्ण था। वे उसकी आवाज सुनकर मीटिंग को छोड़कर आ गए थे। उन्होंने उसके फूले हुए पेट को देखा तथा उसे उल्टी करने को कहा। उल्टी करने के बाद लड़के का पेट हल्का हो गया। गाँधी जी ने आश्रमवासी को कोई हिदायत दी और हँसते हुए चले गए। |
प्रश्न 5. कश्मीर के लोगों ने नेहरू जी का स्वागत किस प्रकार किया था? उत्तर – कश्मीर यात्रा के दौरान नेहरू जी का भव्य स्वागत किया गया। उस समय झेलम नदी पर शहर के एक सिरे से दूसरे सिरे तक शेख अब्दुला के नेतृत्व में शोभा यात्रा निकाली गई। नदी के तरफ हज़ारों कश्मीर निवासी उत्साहपूर्वक उनका स्वागत कर रहे थे। यह दृश्य अद्भुत था। |
प्रश्न 6. अख़बार वाली घटना से नेहरू जी के व्यक्तित्व की कौन सी विशेषता स्पष्ट होती है? उत्तर –अख़बार वाली घटना से पता चलता है कि नेहरू जी के अंदर अहंकार भाव नहीं था। वे सहनशील,मृदुशील तथा व्यवहारकुशल थे। वे दूसरे व्यक्ति के अधिकार क्षेत्र को जानते थे। इसी कारण उन्होंने लेखकसे अख़बार नहीं माँगा, अपितु उनके पढ़ने का इंतजार किया। |
प्रश्न 7. फिलिस्तीन के प्रति भारत का रवैया बहुत सहानभूतिपूर्ण एवं समर्थन भरा क्यों था? उत्तर – फ़िलिस्तीन में साम्राज्यवादी शासन था। भारत के नेताओं ने उन शक्तियों के अन्यायपूर्ण रवैये की भर्त्सना विदेशी शासन का कटु अनुभव पाया था। इसी कारण फिलिस्तीन के प्रति भारत का रवैया सहानुभूतिपूर्ण एवं समर्थन भरा था। |
प्रश्न 8. अराफात के आतिथ्य प्रेम से संबन्धित किन्हीं दो घटनाओं का वर्णन कीजिए। उत्तर – अराफ़ात के आतिथ्य प्रेम से संबंधित दो घटनाएँ निम्नलिखित हैं: 1.अराफ़ात स्वयं फल छीलकर लेखक व उसकी पत्नी को खिला रहे थे। उन्होंने शहद की चाय भी बनाई। 2.जब लेखक गुसलखाने से बाहर निकला तो वे स्वयं तौलिया लिए बाहर खड़े थे। |
प्रश्न 9. अराफात ने ऐसा क्यों बोला की ‘वे आपके ही नहीं हमारे भी नेता हैं उतने ही आदरणीय जितने आपके लिए।’ इस कथन के आधार पर गाँधी जी के व्यक्तित्व पर प्रकाश डालिए। उत्तर – गाँधी जी ने साम्राज्यवादी शक्तियों का अहिंसा और सत्याग्रह जैसे हथियारों से विरोध किया तथा सफलत पाई। उनके संघर्ष के कारण भारत आजाद हुआ। उन्होंने विश्व के गुलाम देशों को भी संघर्ष को राह दिखाई। विश्व के ऐसे सभी देश उन्हें अपना नेता मानते है।इसी कारण अराफात ने कहा कि वे आपके ही नही हमारे भी नेता है। उतने ही आदरणीय जितने आपके लिए। |
NCERT Solutions Class 12th हिंदी All Chapters अंतरा
काव्य खंड
- Chapter – 1 जयशंकर प्रसाद
- Chapter – 2 सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’
- Chapter – 3 सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन ‘अज्ञेय’
- Chapter – 4 केदारनाथ सिंह
- Chapter – 5 विष्णु खरे
- Chapter – 6 रघुवीर सहाय
- Chapter – 7 तुलसीदास
- Chapter – 8 बारहमासा
- Chapter – 9 पद
- Chapter – 10 रामचंद्रचंद्रिका
- Chapter – 11 कवित्त / सवैया
गद्य खंड
- Chapter – 12 प्रेमघन की छाया – स्मृति
- Chapter – 13 सुमिरिनी के मनके
- Chapter – 14 कच्चा चिट्ठा
- Chapter – 15 संवदिया
- Chapter – 16 गांधी, नेहरू और यास्सेर अराफ़ात
- Chapter – 17 शेर, पहचान, चार हाथ, साझा
- Chapter – 18 जहां कोई वापसी नहीं
- Chapter – 19 यथास्मै रोचते विश्वम्
- Chapter – 20 दूसरा देवदास
- Chapter – 21 कुटज
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