NCERT Solutions Class 10th Hindi (स्पर्श) New Syllabus Chapter – 9 डायरी का एक पन्ना
Textbook | NCERT |
Class | 10th |
Subject | Hindi |
Chapter | 9th |
Chapter Name | डायरी का एक पन्ना |
Category | Class 10th Hindi (स्पर्श) |
Medium | Hindi |
Source | Last doubt |
NCERT Solutions Class 10th Hindi (स्पर्श) New Syllabus Chapter – 9 डायरी का एक पन्ना
Chapter – 9
डायरी का एक पन्ना
प्रश्न उत्तर
प्रश्न-अभ्यास
मौखिक
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए-
प्रश्न 1. कलकत्ता वासियों के लिए 26 जनवरी 1931 का दिन क्यों महत्त्वपूर्ण था? उत्तर – 26 जनवरी, 1931 का दिन कलकत्तावासियों के लिए इसलिए महत्त्वपूर्ण था, क्योंकि सन् 1930 में गुलाम भारत में पहली बार स्वतंत्रता दिवस मनाया गया था। इस वर्ष उसकी पुनरावृत्ति थी, जिसके लिए काफ़ी तैयारियाँ पहले से ही की गई थीं। इसके लिए लोगों ने अपने-अपने मकानों व सार्वजनिक स्थलों पर राष्ट्रीय झंडा फहराया था और उन्हें इस तरह से सजाया गया था कि ऐसा मालूम होता था, मानों स्वतंत्रता मिल गई हो। |
प्रश्न 2. सुभाष बाबू के जुलूस का भार किस पर था? उत्तर – सुभाष बाबू के जुलूस का भार पूर्णोदास पर था जिन्होंने इस जुलूस का पूरा प्रबंध किया था उन्होंने जगह-जगह फोटो का भी प्रबंध किया था और बाद में पुलिस द्वारा उन्हें पकड़ लिया गया था। |
प्रश्न 3. विद्यार्थी संघ के मंत्री अविनाश बाबू के झंडा गाड़ने पर क्या प्रतिक्रिया हुई? उत्तर – विद्यार्थी संघ के मंत्री अविनाश बाबू के झंडा गाड़ने पर पुलिस ने उन्हें पकड़ लिया तथा अन्य लोगों को मारा और वहाँ से हटा दिया। |
प्रश्न 4. लोग अपने-अपने मकानों व सार्वजनिक स्थलों पर राष्ट्रीय झंडा फहराकर किस बात का संकेत देना चाहते थे? उत्तर – लोग अपने-अपने मकानों व सार्वजनिक स्थलों पर झंडा फहराकर इस बात का संकेत देना चाहते थे कि वे भी अपने देश की स्वतंत्रता और राष्ट्रीय झंडे का पूर्ण सम्मान करते हैं। |
प्रश्न 5. पुलिस ने बड़े-बड़े पार्को तथा मैदानों को क्यों घेर लिया था? उत्तर – पुलिस ने बड़े-बड़े पार्को तथा मैदानों को इसलिए घेर लिया था ताकि लोग वहाँ एकत्रित न हो सकें। पुलिस नहीं। चाहती थी कि लोग एकत्र होकर पार्को तथा मैदानों में सभा करें तथा राष्ट्रीय ध्वज फहराएँ। पुलिस पूरी ताकत से गश्त लगा रही थी। प्रत्येक मोड़ पर गोरखे तथा सार्जेंट मोटर-गाड़ियों में तैनात थे। घुड़सवार पुलिस का भी प्रबंध था। |
लिखित
(क) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए-
प्रश्न 1. 26 जनवरी 1931 के दिन को अमर बनाने के लिए क्या-क्या तैयारियाँ की गईं? उत्तर – 26 जनवरी 1931 के दिन को अमर बनाने के लिए कलकत्ता वासियों ने अपनी तैयारियां की थी जैसे लोगों ने अपने मकानों को खूब सजाया था, शहर के प्रत्येक भाग में राष्ट्रीय झंडे लगाए गए थे, कुछ लोगों ने तो अपने घर और दुकानों को ऐसे सजाया था जैसे स्वतंत्रता प्राप्त ही हो गई हो। मोनुमेंट के नीचे शाम को झंडा फहराने और सभा का आयोजन किया गया था। |
प्रश्न 2. ‘आज जो बात थी वह निराली थी’ -किस बात से पता चल रहा था कि आज का दिन अपने आप में निराला है? स्पष्ट कीजिए। उत्तर – 26 जनवरी का दिन अपने आप में ही निराला था क्योंकि इस दिन को निराला बनाने के लिए कलकत्ता वाली हर संभव प्रयास कर रहे थे। निषेधाज्ञा के बावजूद सैंकड़ों लोग तीन बजे से ही पार्क में पहुँच रहे थे। स्त्रियाँ भी जुलूस में बढ़-चढ़कर भाग ले रही थी। लोग टोलियाँ बना-बनाकर मैदान में घूम रहे थे और जगह-जगह राष्ट्रीय झंडे फहरा रहे थे। |
प्रश्न 3. पुलिस कमिश्नर के नोटिस और कौंसिल के नोटिस में क्या अंतर था? उत्तर – पुलिस कमिश्नर के नोटिस में कहा गया कि अमुक अमुक धारा के अनुसार सभा नहीं हो सकती। यदि आप सभा में भाग लेंगे तो दोषी समझे जाएँगे। कौंसिल के नोटिस में कहा गया कि मोनुमेंट के नीचे ठीक चार बजकर चौबीस मिनट पर झंडा फहराया जाएगा और स्वतंत्रता की प्रतिज्ञा पढ़ी जाएगी। ऐसा खुला चैलेंज देकर ऐसी सभा पहले नहीं की गई थी। पुलिस कमिश्नर के नोटिस में जहाँ सरकार अपना भय दिखाकर जनता के ऊपर अपने मनमाने कानूनों को थोप रहीं थीं, वहीं पर आम जनता ऐसे कानूनों का उल्लघंन कर अपनी देशभक्ति का परिचय दे रही थी। |
प्रश्न 4. धर्मतल्ले के मोड़ पर आकर जुलूस क्यों टूट गया? उत्तर – पुलिस की जनता पर लाठियाँ बरसाने, लोगों के घायल होने और सुभाष बाबू की गिरफ्तारी के कारण धर्मतल्ले के मोड़ पर आकर जुलूस टूट गया। |
प्रश्न 5. डॉ० दासगुप्ता जुलूस में घायल लोगों की देख-रेख तो कर ही रहे थे, उनके फ़ोटो भी उतरवा रहे थे। उन लोगों के फ़ोटो खींचने की क्या वजह हो सकती थी ? स्पष्ट कीजिए। उत्तर – डॉ. दास गुप्ता द्वारा लोगों की फोटो खींचने की वजह यह थी कि पूरा देश अंग्रेज़ी सरकार के इस अमानवीय कृत्य को देखे और प्रेरित होकर अंग्रेजों का विरोध करें और देश से अंग्रेजों को बाहर करने में अपना सहयोग दें। समाचार पत्रों में इन्हें छपवाकर सारे देश को इसके बारे में बताया जा सके। |
(ख) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए-
प्रश्न 1. सुभाष बाबू के जुलूस में स्त्री समाज की क्या भूमिका थी? उत्तर – सुभाष बाबू के जुलूस में स्त्री समाज की विशेष और बड़ी अहम भूमिका रही थी। स्त्रियों ने अपने-अपने तरीकों से जुलूस निकाला। जानकी देवी और मदालसा बजाज जैसी स्त्रियों ने जुलूस का सफल नेतृत्व किया। झंडोत्सव में पहुँच कर मोनुमेंट की सीढ़ियों पर चढ़कर झंडा फहराकर घोषणा पत्र पढ़ा। करीव 05 स्त्रियों ने पुलिस को अपनी गिरफ्तारी दी और अंग्रेजों के अत्याचार का सामना किया। |
प्रश्न 2. जुलूस के लाल बजार आने पर लोगों की क्या दशा हुई? उत्तर – जुलूस के लाल बाजार पहुँचते ही पुलिस ने पुलिस पर लाठियां बरसाना शुरू कर दिया। सुभाष बाबू को पकड़कर जेल भेज दिया गया। मदालसा बजाज भी पुलिस द्वारा पकड़ी गई। इस जुलूस में कई लोग घायल और गिरफ्तार हुए। |
प्रश्न 3. जब से कानून भंग का काम शुरू हुआ है तब से आज तक इतनी बड़ी सभा ऐसे मैदान में नहीं की गई थी और यह सभा तो कहना चाहिए कि ओपन लड़ाई थी।’ यहाँ पर कौन से और किसके द्वारा लागू किए गए कानून को भंग करने की बात कही गई है? क्या कानून भंग करना उचित था? पाठ के संदर्भ में अपने विचार प्रकट कीजिए। उत्तर – यहाँ पर पुलिस कमिश्नर के द्वारा कानून को भंग करने की बात की गई है. इस कानून के अनुसार किसी भी प्रकार की सभा को आयोजित या उसमें भाग लेने की मनाही थी। मेरे विचार से यह कानून भंग करना अति आवश्यक था क्योंकि यदि ऐसा न किया जाता तो देश में स्वतंत्रता की आग को और बढ़ावा न मिलता। साथ ही अंग्रेजों के कानून को भंग करना उनके लिए खुली चुनौती थी कि यह देश भारतीयों का था, है और रहेगा। |
प्रश्न 4. बहुत से लोग घायल हुए, बहुतों को लॉकअप में रखा गया, बहुत-सी स्त्रियाँ जेल गईं, फिर भी इस दिन को अपूर्व बताया गया है। आपके विचार में यह सब अपूर्व क्यों है? अपने शब्दों में लिखिए। उत्तर – मेरे अनुसार यह दिन अपूर्व इसलिए था क्योंकि इससे पहले कलकत्ता में इतने बड़े स्तपर, जुलूस नहीं निकाला गया था और न ही इस प्रकार से सरकार को खुली चुनौती दी गई थी। स्त्रियों का इतनी बड़ी संख्या में भाग लेना और अपनी गिरफ्तारी देना भी इस दिन को अपूर्व बनाता है। |
(ग) निम्नलिखित का आशय स्पष्ट कीजिए-
प्रश्न 1. आज तो जो कुछ हुआ वह अपूर्व हुआ है। बंगाल के नाम या कलकत्ता के नाम पर कलंक था कि यहाँ काम नहीं हो रहा है वह आज बहुत अंश में धुल गया। उत्तर – इसका आशय है कि स्वतंत्रता प्राप्ति के लिए इतना बड़ा आंदोलन बंगाल या कलकत्ता में नहीं हुआ था। यहाँ के विषय में लोगों के मन में जोश नहीं था, यह बात कलकत्ता के माथे पर कलंक थी। लेकिन इसे 26 जनवरी, 1931 को हुई स्वतंत्रता संग्राम की पुनरावृत्ति ने धो दिया। इस संग्राम में लोगों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया था और लोग जेल भी गए। लोगों के अंदर देशभक्ति की भावना का संचार हो चुका था। |
प्रश्न 2. खुला चैलेंज देकर ऐसी सभा पहले नहीं की गई थी। उत्तर – प्रस्तुत पंक्ति का यह आशय है कि जब 26 जनवरी सन् 1931 के दिन कलकत्ता में स्थान-स्थान पर झंडोत्सव मनाए गए तो ब्रिटिश सरकार को यह बात मान्य नहीं थी इसलिए उन्होंने भारतीयों पर अनेक जुल्म किए। कलकत्ता के इतिहास में यह पहली बार हुआ था कि पुलिस कमिश्नर दूद्वारा निकाले गए नोटिस के बावजूद भी कौंसिल द्वारा उन्हें खुली चुनौती दी गई कि न केवल एकजुट होकर झंडा फहराया जाएगा अपितु स्वतंत्रता की प्रतिज्ञा भी पढ़ी जाएगी। पुलिस द्वारा यह नोटिस भी जारी किया गया कि इन सभाओं में भाग लेनेवालों को दोषी समझा जाएगा तब भी बड़ी संख्या में न केवल पुरुषों ने बल्कि स्त्रियों ने भी जुलूस में भाग लिया और सरकार द्वारा बनाए गए कानून को भी भंग किया। आजादी के इतिहास में ऐसी खुली चुनौतियाँ देकर पहले कभी कोई सभा आयोजित नहीं हुई थी। |
भाषा अध्ययन
प्रश्न 1. रचना की दृष्टि से वाक्य तीन प्रकार के होते हैं-सरल वाक्य – सरल वाक्य में कर्ता, कर्म, पूरक, क्रिया और क्रिया विशेषण घटकों या इनमें से कुछ घटकों का योग होता है। स्वतंत्र रूप से प्रयुक्त होने वाला उपवाक्य ही सरल वाक्य है। उदाहरण- लोग टोलियाँ बनाकर मैदान में घूमने लगे। संयुक्त वाक्य – जिस वाक्य में दो या दो से अधिक स्वतंत्र या मुख्य उपवाक्य समानाधिकरण योजक से जुड़े हों, वह संयुक्त वाक्य कहलाता है। योजक शब्द-और, परंतु, इसलिए आदि। उदाहरण – मोनुमेंट के नीचे झंडा फहराया जाएगा और स्वतंत्रता की प्रतिज्ञा पढ़ी जाएगी। मिश्र वाक्य – वह वाक्य जिसमें एक प्रधान उपवाक्य हो और एक या अधिक आश्रित उपवाक्य हों, मिश्र वाक्य कहलाता है। उदाहरण – जब अविनाश बाबू ने झंडा गाड़ा तब पुलिस ने उनको पकड़ लिया। निम्नलिखित वाक्यों को सरल वाक्यों में बदलिए- I. (क) दो सौ आदमियों का जुलूस लाल बाजार गया और वहाँ पर गिरफ्तार हो गया। (ख) मैदान में हजारों आदमियों की भीड़ होने लगी और लोग टोलियाँ बना-बनाकर मैदान में घूमने लगे। (ग) सुभाष बाबू को पकड़ लिया गया और गाड़ी में बैठाकर लाल बाजार लॉकअप में भेज दिया गया। II. बड़े भाई साहब’ पाठ में से भी दो-दो सरल, संयुक्त और मिश्र वाक्य छाँटकर लिखिए। उत्तर – I. (क) दो सौ आदमियों का जुलूस लाल बाज़ार जाकर गिरफ्तार हो गया। (ख) मैदान में हजारों आदमियों की भीड़ टोलियाँ बना-बनाकर घूमने लगी। (ग) सुभाष बाबू को पकड़ कर गाड़ी में बिठाकर लालबाज़ार लॉकअप में भेज दिया गया। II. सरल वाक्य – (क) वह स्वभाव से बड़े अध्ययनशील थे। (ख) उनकी रचनाओं को समझना मेरे लिए छोटा मुँह बड़ी बात थी। संयुक्त वाक्य – (क) मैं पास हो गया और दरजे में प्रथम आया। (ख) भाई साहब ने मानो तलवार खींच ली और मुझ पर टूट पड़े। मिश्र वाक्य – (क) मेरी शालीनता इसी में थी कि उनके हुक्म को कानून समझें। (ख) मैं इरादा करता कि आगे से खूब जी लगाकर पढ़ेगा। |
प्रश्न 2. निम्नलिखित वाक्य संरचनाओं को ध्यान से पढ़िए और समझिए कि जाना, रहना और चुकना क्रियाओं का प्रयोग किस प्रकार किया गया है। (क) 1. कई मकान सजाए गए थे। 2. कलकत्ते के प्रत्येक भाग में झंडे लगाए गए थे। (ख) 1. बड़े बाज़ार के प्रायः मकानों पर राष्ट्रीय झंडा फहरा रहा था। 2. कितनी ही लारियाँ शहर में घुमाई जा रही थीं। 3. पुलिस भी अपनी पूरी ताकत से शहर में गश्त देकर प्रदर्शन कर रही थीं। (ग) 1. सुभाष बाबू के जुलूस का भार पूर्णोदास पर था, वह प्रबंध कर चुका था। 2. पुलिस कमिश्नर का नोटिस निकल चुका था। उत्तर – उपरिलिखित वाक्यों को पढ़ने और समझने से पता चलता है कि इनमें ‘जाना’, ‘रहना’ और ‘चुकना’ क्रियाओं का प्रयोग मुख्य क्रिया के रूप में न करके रंजक क्रिया के रूप में किया गया है। इससे इनकी मुख्य क्रियाएँ संयुक्त क्रिया बन गई हैं। |
प्रश्न 3. नीचे दिए गए शब्दों की संरचना पर ध्यान दीजिए- विद्या + अर्थी – विद्यार्थी ‘विद्या’ शब्द का अंतिम स्वर ‘आ’ और दूसरे शब्द ‘अर्थी’ की प्रथम स्वर ध्वनि ‘अ’ जब मिलते हैं तो वे मिलकर दीर्घ स्वर ‘आ’ में बदल जाते हैं। यह स्वर संधि है जो संधि का ही एक प्रकार है।संधि शब्द का अर्थ है- जोड़ना। जब दो शब्द पास-पास आते हैं तो पहले शब्द की अंतिम ध्वनि बाद में आने वाले शब्द की पहली ध्वनि से मिलकर उसे प्रभावित करती है। ध्वनि परिवर्तन की इस प्रक्रिया को संधि कहते हैं। संधि तीन प्रकार की होती है-स्वर संधि, व्यंजन संधि, विसर्ग संधि। जब संधि युक्त पदों को अलग-अलग किया जाता है तो उसे संधि विच्छेद कहते हैं; जैसे- विद्यालय – विद्या + आलय नीचे दिए गए शब्दों की संधि कीजिए- 1. श्रद्धा + आनंद = …. 2. प्रति + एक = ……. 3. पुरुष + उत्तम = ……… 4. झंडा + उत्सव = …….. 5. पुनः + आवृत्ति = ……… 6. ज्योतिः + मय = ……. उत्तर – 1. श्रद्धा + आनंद = श्रद्धानंद 2. प्रति + एक = प्रत्येक 3. पुरुष + उत्तम = पुरुषोत्तम 4. झंडा + उत्सव = झंडोत्सव 5. पुनः + आवृत्ति = पुनरावृत्ति 6. ज्योतिः + मय = ज्योतिर्मय |
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