NCERT Solutions Class 10th Hindi (स्पर्श) Chapter – 6 मधुर-मधुर मेरे दीपक जल
Textbook | NCERT |
Class | 10th |
Subject | Hindi |
Chapter | 6th |
Chapter Name | मधुर-मधुर मेरे दीपक जल |
Category | Class 10th Hindi (स्पर्श) |
Medium | Hindi |
Source | Last Doubt |
NCERT Solutions Class 10th Hindi (स्पर्श) Chapter – 6 मधुर-मधुर मेरे दीपक जल
?Chapter – 6?
✍मधुर-मधुर मेरे दीपक जल✍
?प्रश्न उत्तर?
प्रश्न-अभ्यास
(क) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए- |
NCERT Solutions Class – 10th Hindi स्पर्श (Chapter-6) Question No.1 प्रश्न 1. प्रस्तुत कविता में ‘दीपक’ और ‘प्रियतम’ किसके प्रतीक हैं? |
NCERT Solutions Class – 10th Hindi स्पर्श (Chapter-6) Question No.2 प्रश्न 2. दीपक से किस बात का आग्रह किया जा रहा है और क्यों ? |
NCERT Solutions Class – 10th Hindi स्पर्श (Chapter-6) Question No.3 प्रश्न 3. ‘विश्व-शलभ’ दीपक के साथ क्यों जल जाना चाहता है? |
NCERT Solutions Class – 10th Hindi स्पर्श (Chapter-6) Question No.4 प्रश्न 4. आपकी दृष्टि में ‘मधुर मधुर मेरे दीपक जल’ कविता का सौंदर्य इनमें से किस पर निर्भर है- (क) शब्दों की आवृत्ति-कविता में अनेक शब्दों की आवृत्ति हुई है – मधुर मधुर मेरे दीपक जल। इनसे प्रभु-भक्ति का भाव तीव्र हुआ है। उसमें और अधिक प्रसन्नता, उत्साह और उमंग से निरंतर जलते रहने का भाव प्रकट हुआ है। (ख) सफल बिंब अंकन-इस कविता में बिंबों को सफल अंकन हुआ है, जैसे सौरभ फैला विपुल धूप बन, इसमें कवयित्री की भावनात्मक कोमलता प्रकट हुई है। दोनों विवेचन से स्पष्ट हो जाता है कि दोनों ही कारण कविता को सुंदर व प्रभावी बनाने में सक्षम हैं। शब्दों की आवृत्ति से कविता में संगीतात्मकता आ गई है। और बिंबों का अंकन भावबोध में सहायक सिद्ध हुआ है। |
NCERT Solutions Class – 10th Hindi स्पर्श (Chapter-6) Question No.5 प्रश्न 5. कवयित्री किसका पथ आलोकित करना चाह रही है? |
NCERT Solutions Class – 10th Hindi स्पर्श (Chapter-6) Question No.6 प्रश्न 6. कवयित्री को आकाश के तारे स्नेहहीन से क्यों प्रतीत हो रहे हैं? |
NCERT Solutions Class – 10th Hindi स्पर्श (Chapter-6) Question No.7 प्रश्न 7. पतंगा अपने क्षोभ को किस प्रकार व्यक्त कर रहा है? |
NCERT Solutions Class – 10th Hindi स्पर्श (Chapter-6) Question No.8 प्रश्न 8. कवयित्री ने दीपक को हर बार अलग-अलग तरह से ‘मधुर मधुर, पुलक-पुलक, सिहर-सिहर और विहँस-विहँस’ जलने को क्यों कहा है? स्पष्ट कीजिए। |
NCERT Solutions Class – 10th Hindi स्पर्श (Chapter-6) Question No.9 प्रश्न 9. नीचे दी गई काव्य-पंक्तियों को पढ़िए और प्रश्नों का उत्तर दीजिए- 1. ‘स्नेहहीन दीपक’ से क्या तात्पर्य है? |
NCERT Solutions Class – 10th Hindi स्पर्श (Chapter-6) Question No.10 प्रश्न 10. क्या मीराबाई और अधिनिक भीरा’ महादेवी वर्मा इन दोनों ने अपने-अपने आराध्य देव से मिलने के लिए जो युविक तयाँ अपनाई हैं, उनमें आपको कुछ समानता या अंतर प्रतीत होता है? अपने विचार प्रकट कीजिए।
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(ख) निम्नलिखित पंक्तियों का भाव स्पष्ट कीजिए- |
NCERT Solutions Class – 10th Hindi स्पर्श (Chapter-6) Question No.1 प्रश्न 1. दे प्रकाश का सिंधु अपरिमित, |
NCERT Solutions Class – 10th Hindi स्पर्श (Chapter-6) Question No.2 प्रश्न 2. युग-युग प्रतिदिन प्रतिक्षा प्रतिपल, |
NCERT Solutions Class – 10th Hindi स्पर्श (Chapter-6) Question No.3 प्रश्न 3. मृदुल मोम सा घुल रे मृदु तन ! |
भाषा अध्ययन
प्रश्न 1. कविता में जब एक शब्द बार-बार आता है और वह योजक चिह्न द्वारा जुड़ा होता है, तो वहाँ पुनरुक्ति प्रकाश अलंकार होता है; जैसे-पुलक-पुलक। इसी प्रकार के कुछ और शब्द खोजिए जिनमें यह अलंकार हो। ?♂️उत्तर- पुनरुक्ति प्रकाश अलंकार वाले कविता में आए अन्य शब्द-मधुर-मधुर, युग-युग, गल-गल, पुलक-पुलक, सिहर-सिहर और विहँस-विहँस। |
योग्यता विस्तार
प्रश्न 1. इस कविता में जो भाव आए हैं, उन्हीं भावों पर आधारित कवयित्री द्वारा रचित कुछ अन्य कविताओं का अध्ययन करें; जैसे- (क) मैं नीर भरी दुख की बदली (ख) जो तुम आ जाते एकबार ये सभी कविताएँ ‘सन्धिनी’ में संकलित हैं। ?♂️उत्तर- (क) “मैं नीर भरी दुख की बदली’ कविता पुस्तकालय से प्राप्त कर छात्र स्वयं पढ़ें। (ख) जो तुम आ जाते एक बार। कितनी करुणा कितने संदेश। पथ में बिछ जाते बन पराग, गाता प्राणों का तार-तार। अनुराग भरा उन्माद राग आँसू लेते वे पद पखार।हँस उठते पल में आर्द्र नयन, धुल जाता ओठों से विषाद, छा जाता जीवन में वसंत, लुट जाता चिर संचित विराग आँखें देती सर्वस्व वार। जो तुम आ जाते एक बार। |
प्रश्न 2. इस कविता को कंठस्थ करें तथा कक्षा में संगीतमय प्रस्तुति करें। ?♂️उत्तर- छात्र कविताओं को कंठस्थ कर उनका गायन स्वयं करें। |
प्रश्न 3. महादेवी वर्मा को आधुनिक मीरा कहा जाता है। इस विषय पर जानकारी प्राप्त कीजिए। ?♂️उत्तर- भक्तिकालीन कवयित्री मीरा के पदों एवं गीतों में अपने आराध्य श्रीकृष्ण से न मिल पाने की जो पीड़ा है और उनसे मिलने के तरह-तरह के प्रयास किए गए हैं, उनके रूप-सौंदर्य पर मोहित होकर उनकी अनन्य भक्ति करते हुए उनकी चाकरी करने, नौकरानी बनने और दासी बनने तक के विभिन्न उपाय किए गए हैं। उसी प्रकार महादेवी वर्मा भी अपने आराध्य प्रभु से मिलने के लिए उनकी भक्ति करती हैं और आस्था का दीप जलाए रखना चाहती हैं। महादेवी के गीतों में भी अपने प्रियतम से न मिल पाने की पीड़ा स्पष्ट रूप से महसूस की जा सकती है। अतः महादेवी वर्मा को आधुनिक मीरा कहना पूर्णतया उपयुक्त है। |
लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1. कवयित्री अपने प्रियतम का पथ किस प्रकार आलोकित करना चाहती है? ?♂️उत्तर- कवयित्री अपने प्रियतम से आध्यात्मिक लगाव, श्रद्धा एवं आस्था रखती है। इसी आस्था का दीप वह हर-पल, हर क्षण, हर दिन जलाए रखना चाहती है। इसी आस्था रूपी दीप के प्रकाश के सहारे वह अपने प्रभु तक पहुँचना चाहती है। इस तरह वह अपने प्रियतम का पथ आलोकित करना चाहती है। |
प्रश्न 2. कवयित्री आस्था का दीप किस तरह जलने की अभिलाषा करती है? ?♂️उत्तर- कवयित्री की अभिलाषा है कि उसकी आस्था का दीप जलकर अपना सौरभ उसी तरह चारों ओर बिखरा दे जिस तरह सूर्य की किरणें चारों ओर भरपूर प्रकाश फैला जाती हैं। आस्था का यह दीप जलकर चारों ओर अपरिमित उजाला फैला दे, भले ही उसके लिए अपना एक-एक अणु गला देना पड़े अर्थात् वह अपना अस्तित्व नष्ट कर दे। |
प्रश्न 3. विश्व के शीतल-कोमल प्राणी क्या भोग रहे हैं और क्यों ? ?♂️उत्तर- विश्व के शीतल और कोमल प्राणी अर्थात् जिनकी आस्था प्रभु के चरणों में नहीं है वे प्रकाश पुंज परमात्मा से आस्था एवं भक्ति की चिनगारी माँग रहे हैं ताकि वे भी आस्था का दीप जलाकर अपना जीवन प्रकाशमय कर सकें। वे भी प्रभु के प्रति आस्थावान बन सकें। |
प्रश्न 4. विश्व-शलभ को किस बात का दुख है? ?♂️उत्तर- विश्व-शलभ को इस बात का दुख है कि क्यों प्रभु के चरणों में अपनी आस्था और श्रद्धी पैदा नहीं कर पाया। वह परमात्मा के ज्योतिपुंज में अपना अहंकार, मोह और अज्ञानता क्यों नहीं जला पाया। यदि वह परमात्मा से एकाकार होकर इनका शमन कर लेता तो उसे भी प्रभु का सान्निध्य प्राप्त हो जाता। |
प्रश्न 5. कवयित्री ने ‘जलमय सागर’ किसे कहा है? उसका हृदय क्यों जलता है? ?♂️उत्तर- कवयित्री ने जलमय सागर उन प्राणियों को कहा है जिनका मन रूपी सागर ईर्ष्या, तृष्णा, मोह आदि की सांसारिकता से लबालब भरा हुआ है और आध्यात्मिक आस्था का अभाव है। इसके अभाव में मन इधर-उधर भटकता हुआ सांसारिकता में डूबा रहता है। आस्थाहीन प्राणियों का मन ई और तृष्णा की आग में जलता रहता है। |
प्रश्न 6. कवयित्री अपने जीवन का अणु-अणु गलाकर क्या सिद्ध करना चाहती है? ?♂️उत्तर- कवयित्री अपने प्रियतम के प्रति पूरी तरह समर्पित है। इसके लिए वह अपना अहम भाव पूरी तरह समाप्त करने के लिए इस अहम का एक-एक अणु गला देना चाहती है। इसके द्वारा वह यह सिद्ध करना चाहती है कि अपने प्रियतम (परमेश्वर) के प्रति उसका समर्पण अनन्य है। |
दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1. ‘मधुर-मधुर मेरे दीपक जल।’ कविता के आधार पर कवयित्री की भक्ति भावना पर प्रकाश डालिए। ?♂️उत्तर- ‘मधुर-मधुर मेरे दीपक जल।’ कविता में कवयित्री की आध्यात्मिकता का वर्णन है। वह अपने प्रभु के चरणों में आस्था का दीपक जलाती है और अनवरत जलाए रखना चाहती है। वह इस दीपक से कभी मधुर भाव से जलने के लिए कहती है तो कभी पुलक-पुलककर और कभी विहँस-विहँस कर। वह अपने दीपक की लौ में अपने अहम् को जलाकर अपने आराध्य के प्रति पूर्ण समर्पण, प्रकट करती है। संसार के लोग सांसारिक सुखों में डूबकर ईष्र्या और तृष्णा के कारण जल रहे हैं। कवयित्री चाहती हैं कि वे भी प्रकाश पुंज से चिनगारी लेकर भक्ति की लौ जलाएँ। वह अपने प्रियतम का पथ आलोकित करने के लिए आस्था का दीपक सदा-सदा के लिए जलाकर भक्ति भावना से सारा संसार महकाना चाहती है। |
प्रश्न 2. ‘मधुर-मधुर मेरे दीपक जल’ के आधार पर विश्व-शलभ की स्थिति स्पष्ट कीजिए। ऐसे लोगों के प्रति कवयित्री की क्या सोच है? ?♂️उत्तर- ‘मधुर-मधुर मेरे दीपक जल’ कविता से ज्ञात होता है कि विश्व रूपी पतंगा अपनी स्थिति पर पछताता है। वह दुख प्रकट करते हुए कहता है कि वह उस प्रभु भक्ति की आस्था रूपी दीपक की ज्वाला से एकाकार न हो सका। वह इस ज्वाला में अपना अहंकार न जला पाने से अब भी अहंकार, ईर्ष्या, अंधकार, मोह, तृष्णा आदि में डूबा हुआ कष्ट भोग रहा है। आस्था एवं आध्यात्मिकता के अभाव में वह प्रभु भक्ति से दूर रह गया और न भक्ति का आनंद उठा सका और न प्रभु का सान्निध्य प्राप्त कर सका। ऐसे लोगों के बारे में कवयित्री सोचती है कि उन्हें भी प्रकाशपुंज से चिनगारी प्राप्त कर अपनी आस्था का दीप जला लेना चाहिए। |
NCERT Solutions Class 10th हिंदी All Chapters स्पर्श
- Chapter – 1 साखी
- Chapter – 2 पद
- Chapter – 3 दोहे
- Chapter – 4 मनुष्यता
- Chapter – 5 पर्वत प्रदेश में पावस
- Chapter – 6 मधुर-मधुर मेरे दीपक जल
- Chapter – 7 तोप
- Chapter – 8 कर चले हम फ़िदा
- Chapter – 9 आत्मत्राण
- Chapter – 10 बड़े भाई साहब
- Chapter – 11 डायरी का एक पन्ना
- Chapter – 12 तताँरा-वामीरो कथा
- Chapter – 13 तीसरी कसम के शिल्पकार शैलेंद्र
- Chapter – 14 गिरगिट
- Chapter – 15 अब कहाँ दूसरे के दुख से दुखी होने वाले
- Chapter – 16 पतझर में टूटी पत्तियाँ
- Chapter – 17 कारतूस