NCERT Solutions Class 10th Hindi Grammar व्याकरण पत्र लेखन

NCERT Solutions Class 10th Hindi Grammar व्याकरण पत्र लेखन

TextbookNCERT
Class 10th
Subject हिन्दी व्याकरण
Chapterव्याकरण
Grammar Nameपत्र लेखन
CategoryClass `10th  Hindi हिन्दी व्याकरण
Medium Hindi
SourceLast Doubt

NCERT Solutions Class 10th Hindi Grammar व्याकरण पत्र लेखन

हिन्दी व्याकरण

पत्र लेखन

पत्रों का महत्त्व – पत्र-लेखन की परंपरा अत्यंत प्राचीन है। इसका उल्लेख हमें अत्यंत प्राचीन ग्रंथों में मिलता है। कहा जाता है कि रुक्मिणी ने एकांत में एक लंबा-चौड़ा पत्र लिखकर ब्राह्मण के हाथों श्रीकृष्ण को भिजवाया था। इसके बाद शिक्षा के विकास के साथ विभिन्न उद्देश्यों के लिए पत्र लिखे जाने लगे।

पत्र में हमें शब्दों का सोच-समझकर प्रयोग करना चाहिए क्योंकि जिस प्रकार धनुष से छूटा तीर वापस नहीं आता उसी प्रकार पत्र में लिखे शब्दों को वापस नहीं लौटा सकते। पत्रों की उपयोगिता हर काल में रही है और रहेगी। मोबाइल फ़ोन और संचार के अन्य साधनों का विकास होने के बाद  पत्र-लेखन प्रभावित हुआ है, पर इसकी महत्ता सदैव बनी रहेगी।

पत्र लिखते समय निम्नलिखित बातें अवश्य ध्यान में रखें –

सरलता – पत्र सरल भाषा में लिखना चाहिए। भाषा सीधी, स्वाभाविक व स्पष्ट होनी चाहिए। अतः पत्र में व्यक्ति को पूरी आत्मीयता और सरलता से उपस्थित होना चाहिए।

स्पष्टता – जो भी हमें पत्र में लिखना है यदि स्पष्ट, सुमधुर होगा तो पत्र प्रभावशाली होगा। सरल भाषा-शैली, शब्दों का चयन, वाक्य रचना की सरलता पत्र को प्रभावशाली बनाने में हमारी सहायता करती है।

संक्षिप्तता – पत्र में हमें अनावश्यक विस्तार से बचना चाहिए। अनावश्यक विस्तार पत्र को नीरस बना देता है। पत्र जितना संक्षिप्त व सुगठित होगा उतना ही अधिक प्रभावशाली भी होगा।

शिष्टाचार – पत्र प्रेषक और पत्र पाने वाले के बीच कोई न कोई संबंध होता है। आयु और पद में बड़े व्यक्ति को आदरपूर्वक, मित्रों को सौहार्द से और छोटों को स्नेहपूर्वक पत्र लिखना चाहिए।

आकर्षकता व मौलिकता – पत्र का आकर्षक व सुंदर होना भी महत्त्वपूर्ण होता है। मौलिकता भी पत्र का एक महत्त्वपूर्ण गुण है। पत्र में घिसे-पिटे वाक्यों के प्रयोग से बचना चाहिए। पत्र-लेखक को पत्र में स्वयं के विषय में कम तथा प्राप्तकर्ता के विषय में अधिक लिखना चाहिए।

उद्देश्य पूर्णता – कोई भी पत्र अपने कथन या मंतव्य में स्वतः संपूर्ण होना चाहिए। उसे पढ़ने के बाद तद्विषयक किसी प्रकार की जिज्ञासा, शंका या स्पष्टीकरण की आवश्यकता शेष नहीं रहनी चाहिए। पत्र लिखते समय इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि कथ्य अपने आप में पूर्ण तथा उद्देश्य की पूर्ति करने वाला हो।

पत्र के अंग –

पत्र लिखने वाले का पता तथा तिथि – आजकल ये दोनों पत्र के ऊपर बाएँ कोने में लिखे जाते हैं। निजी अथवा व्यक्तिगत पत्रों में प्रायः यह नहीं लिखे जाते किंतु व्यावसायिक और कार्यालयी पत्रों में पते के साथ-साथ प्रेषक का नाम भी लिखा जाता है। विद्यार्थियों को यह ध्यान रहे कि परीक्षा में पत्र लिखते समय उन्हें भी ऐसा कुछ भी नहीं लिखना चाहिए जिससे उनके निवास स्थान, विद्यालय आदि की जानकारी मिले। सामान्यतः प्रेषक के पते के स्थान पर ‘परीक्षा भवन’ लिखना ही उचित होता।

    पत्र के अंग –

    1. पत्र लिखने वाले का पता तथा तिथि – आजकल ये दोनों पत्र के ऊपर बाएँ कोने में लिखे जाते हैं। निजी अथवा व्यक्तिगत पत्रों में प्रायः यह नहीं लिखे जाते किंतु व्यावसायिक और कार्यालयी पत्रों में पते के साथ-साथ प्रेषक का नाम भी लिखा जाता है। विद्यार्थियों को यह ध्यान रहे कि परीक्षा में पत्र लिखते समय उन्हें भी ऐसा कुछ भी नहीं लिखना चाहिए जिससे उनके निवास स्थान, विद्यालय आदि की जानकारी मिले। सामान्यतः प्रेषक के पते के स्थान पर ‘परीक्षा भवन’ लिखना ही उचित होता।

    2. पाने वाले का नाम व पता – प्रेषक के बाद पृष्ठ की बाईं ओर ही पत्र पाने वाले का नाम व पता लिखा जाता है। जैसे –

    सेवा में
    थानाध्यक्ष महोदय
    केशवपुरम्
    लखनऊ

    विषय-संकेत – औपचारिक पत्रों में यह आवश्यक होता है कि जिस विषय में पत्र लिखा जा सकता है उस विषय को अत्यंत संक्षेप में पाने वाले के नाम और पते के पश्चात् बाईं ओर से विषय शीर्षक देकर लिखें। इससे पत्र देखते ही पता चल जाता है कि मूल रूप में पत्र का विषय क्या है।

    संबोधन – पत्र प्रारंभ करने से पहले पत्र के बाईं ओर दिनांक के नीचे वाली पंक्ति में हाशिए के पास जिसे पत्र लिखा जा रहा है, उसे पत्र लिखने वाले के संबंध के अनुसार उपयुक्त संबोधन शब्द का प्रयोग किया जाता है।

    अभिवादन – निजी पत्रों में बाईं ओर लिखे संबोधन शब्दों के नीचे थोड़ा हटकर संबंध के अनुसार उपयुक्त अभिवादन शब्द सादर प्रणाम, नमस्ते, नमस्कार आदि लिखा जाता है। व्यावसायिक एवं कार्यालयी पत्रों में अभिवादन शब्द नहीं लिखे जाते।

    पत्र की विषय – वस्तु-अभिवादन से अगली पंक्ति में ठीक अभिवादन के नीचे बाईं ओर से मूल पत्र का प्रारंभ किया जाता है।

    पत्र की समाप्ति – पत्र के बाईं ओर लिखने वाले के संबंध सूचक शब्द तथा नाम आदि लिखे जाते हैं। इनका प्रयोग पत्र प्राप्त करने वाले के संबंध के अनुसार किया जाता है; जैसे-औपचारिक-भवदीय, आपका आज्ञाकारी। अनौपचारिक-तुम्हारा, आपका, आपका प्रिय, स्नेहशील, स्नेही आदि।

    हस्ताक्षर और नाम – समापन शब्द के ठीक नीचे भेजने वाले के हस्ताक्षर होते हैं। हस्ताक्षर के ठीक नीचे कोष्ठक में भेजने वाले का पूरा नाम अवश्य दिया जाना चाहिए। यदि पत्र के आरंभ में ही पता न लिख दिया गया हो तो व्यावसायिक व सरकारी पत्रों में नाम के नीचे पता भी अवश्य लिख देना चाहिए। परीक्षा में पूछे गए पत्रों में नाम के स्थान पर प्रायः क, ख, ग आदि  लिखा जाता है। यदि प्रश्न-पत्र में कोई नाम दिया गया हो, तो पत्र में उसी नाम का उल्लेख करना चाहिए।

    संलग्नक –  सरकारी पत्रों में प्रायः मूलपत्र के साथ अन्य आवश्यक कागज़ात भी भेजे जाते हैं। इन्हें उस पत्र के ‘संलग्न पत्र’ या ‘संलग्नक’ कहते हैं।

    पुनश्च-कभी  – कभी पत्र लिखते समय मूल सामग्री में से किसी महत्त्वपूर्ण अंश के छूट जाने पर इसका प्रयोग होता है। विशेष- पहले पत्र भेजने वाले का पता, दिनांक दाईं ओर लिखा जाता था, पर आजकल इसे बाईं ओर लिखने का चलन हो गया है। छात्र इससे भ्रमित न हों। हिंदी में दोनों ही प्रारूप मान्य हैं।

    पत्रों के प्रकार पत्र दो प्रकार के होते हैं –

    (क) औपचारिक पत्र
    (ख) अनौपचारिक पत्र

    (क) औपचारिक पत्र  – अर्ध-सरकारी, गैर-सरकारी या सरकारी कार्यालय को जो भी पत्र लिखे जाते हैं, वे सभी पत्र औपचारिक पंत्रों के अंतर्गत आते हैं। कार्यालय द्वारा अपने अधीनस्थ विभागों को जो पत्र लिखे जाते हैं, वे सब भी इसी श्रेणी में आते हैं।

    (ख) अनौपचारिक पत्र – जो पत्र निजी, व्यक्तिगत अथवा पारिवारिक होते हैं, वे ‘अनौपचारिक’ पत्र कहलाते हैं। इस पत्र में किसी तरह की औपचारिकता के निर्वाह का बंधन नहीं होता। इन पत्रों में प्रेषक अपनी बात व भावना को उन्मुक्तता के साथ, बिना लाग-लपेट लिख सकता है।

    पत्र का प्रकारसंबंधअभिवादन के शब्दपत्र के अंत में
    व्यक्तिगतपिता-पुत्र
    पुत्र माता
    भाई- बड़ा
    मित्र-मित्र
    शिष्य-गुरु
    गुरु-शिष्य
    अपरिचित व्यक्ति को
    प्रिय / आयुष्मान (नाम)
    पूजनीय / माता
    आदरणीय भाईसाहब
    प्रिय (नाम)
    | पूजनीय / आदरणीय गुरु जी /
    परम पूज्य
    | चिरंजीव (नाम)
    महोदय, श्रीमान / महोदय
    तुम्हारा पिता, शुभेच्छु
    आपका स्नेही
    आपका अनुज
    तुम्हारी सखी, तुम्हारा मित्र,
    अभिन्नहृदय
    आपका आज्ञाकारी शिष्य,
    स्नेहभाजन
    तुम्हारा शुभाकांक्षी
    भवदीय, आपका
    व्यावसायिकपुस्तक विक्रेताप्रिय महोदयभवदीय, आपका
    कार्यालयी पत्रबैंक मैनेजर को
    रेलवे अधीक्षक को
    महानिदेशक आकाशवाणी को
    केंद्रीय मंत्री, भारत सरकार को
    संपादक को
    श्रीमान / महोदय
    मान्यवर
    श्रीमान
    परम मान्यवर / माननीय
    मान्यवर / आदरणीय संपादक जी
    प्रार्थी / विनीत
    प्रार्थी/ विनीत
    विनीत या प्रार्थी
    भवदीय, प्रार्थी, कृपाकांक्षी
    आवेदन-पत्रप्रधानाचार्य कोआदरणीय प्रधानाचार्य महोदय
    मान्यवर/ महोदय
    विनीत, प्रार्थी
    आपका आज्ञाकारी
    आपका स्नेहभाजन

    औपचारिक एवं अनौपचारिक पत्र के आरंभ व अंत की औपचारिकताओं की तालिका – औपचारिक पत्रों को निम्नलिखित वर्गों में बाँटा जा सकता है –

    प्रधानाचार्य को लिखे जाने वाले पत्र (प्रार्थना-पत्र)।
    कार्यालयी प्रार्थना-पत्र-विभिन्न कार्यालयों को लिखे गए पत्र।
    आवेदन-पत्र-विभिन्न कार्यालयों में नियुक्ति हेतु लिखे गए पत्र ।
    संपादकीय पत्र-विभिन्न समस्याओं की ओर ध्यानाकर्षित कराने वाले संपादक को लिखे गए पत्र।
    सुझाव एवं शिकायती पत्र-किसी समस्या आदि के संबंध में सुझाव देने या शिकायत हेतु लिखे गए पत्र।
    अन्य पत्र-बधाई, शुभकामना और निमंत्रण पत्र ।

    औपचारिक पत्र
    प्रार्थना-पत्र
    प्रधानाचार्य को लिखे जाने वाले पत्र का प्रारूप

    प्रधानाचार्य के नाम प्रार्थना-पत्र

    प्रश्न 1. आप अर्वाचीन सीनियर सेकेंड्री स्कूल, मयूर विहार, दिल्ली के दसवीं कक्षा के छात्र अभिषेक हो। इस विद्यालय की महँगी फीस के कारण यहाँ गरीब बच्चे प्रवेश नहीं ले पाते हैं। गरीब बच्चों को प्रवेश देने का अनुरोध करते हुए . विद्यालय की प्रधानाचार्या को प्रार्थना-पत्र लिखिए।

    सेवा में
    प्रधानाचार्या जी
    अर्वाचीन सीनियर सेकेंड्री स्कूल
    मयूर विहार, दिल्ली
    विषय-गरीब बच्चों के प्रवेश के संबंध

    महोदया

    विनम्र निवेदन यह है कि मैं इस विदयालय की दसवीं कक्षा का छात्र हैं। हमारे विद्यालय का शत-प्रतिशत परिणाम, यहाँ के अध्यापक-अध्यापिकाओं की मेहनत और शिक्षण-सुविधाएँ इसकी ख्याति में वृद्धि कर रहे हैं। क्षेत्र के अभिभावक अपने बच्चों को यहाँ प्राथमिकता के आधार पर पढ़ाना चाहते हैं। इस विद्यालय के पढ़े-लिखे छात्र उच्च पदों पर कार्यरत हैं, यह देख बच्चे भी यहाँ पढ़ने की इच्छा रखते हैं। धनीवर्ग अपने बच्चों को आसानी से पढ़ा सकते हैं पर यहाँ की महँगी फीस गरीब बच्चों की शिक्षा में बाधक है। गरीब बच्चे चाहकर न यहाँ प्रवेश ले सकते हैं और न अपने सपनों को साकार कर सकते हैं।

    अतः आपसे प्रार्थना है कि विद्यालय की प्रत्येक कक्षा में 20 प्रतिशत गरीब बच्चों को प्रवेश देकर मानवता की भलाई के लिए एक पुनीत कार्य करें तथा उनके सपनों को साकार करने में अपना योगदान दें।

    धन्यवाद
    आपका आज्ञाकारी शिष्य
    अभिषेक
    X-D, अनुक्रमांक-15
    10 अप्रैल, 20xx

    प्रश्न 2. आपकी एस०ए० 1 की परीक्षाएँ अगले महीने से हैं, परंतु अंग्रेज़ी और गणित का पाठ्यक्रम पूरा नहीं हो पाया है। पाठ्यक्रम पूरा न होने के कारणों का उल्लेख करते हुए अंग्रेज़ी और गणित विषयों की अतिरिक्त कक्षाएँ आयोजित करवाने हेतु अपने विद्यालय के प्रधानाचार्य को प्रार्थना-पत्र लिखिए।

    सेवा में
    प्रधानाचार्य जी
    राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक बाल विद्यालय नं० 2
    शक्ति नगर, दिल्ली
    विषय-अंग्रेज़ी और गणित विषयों की अतिरिक्त कक्षाओं के आयोजन के संबंध मेंमहोदयसविनय निवेदन यह है कि मैं इस विद्यालय की दसवीं कक्षा का छात्र हूँ। हमारी एस.ए.-1 की परीक्षाएँ सितंबर माह में होनी हैं, परंतु अंग्रेज़ी और गणित का पाठ्यक्रम अभी ठीक से शुरू भी न हो सका है। इसका कारण है-अंग्रेज़ी

    और गणित विषयों के अध्यापकों का अवकाश पर रहना। इधर अगस्त महीने का दूसरा सप्ताह भी बीत चुका है, ऐसे में बिना अतिरिक्त कक्षाएँ आयोजित करवाए पाठ्यक्रम समय पर पूरा हो पाना असंभव है। अतः हम छात्रों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए छुट्टी के बाद अतिरिक्त कक्षाएँ आयोजित कराकर हमारा कोर्स पूरा करवाया जा सकता है।आपसे विनम्र प्रार्थना है कि अंग्रेज़ी और गणित विषयों की अतिरिक्त कक्षाएँ आयोजित करवाने की कृपा करें। हम छात्र आपके आभारी रहेंगे।

    धन्यवाद।
    आपका आज्ञाकारी शिष्य
    क्षितिज
    मॉनीटर दसवीं ‘अ’
    17 अगस्त, 20xx

    प्रश्न 3. आपके पिता जी फैक्ट्री में दुर्घटनाग्रस्त हो गए। आप भी 15 दिन अस्पताल में रुककर उनकी देखभाल करते रहे। इस अवधि में विद्यालय न जाने के कारण आपका नाम काट दिया गया। दुबारा प्रवेश पाने के लिए विद्यालय की प्रधानाचार्या को प्रार्थना-पत्र लिखिए।

    सेवा में
    प्रधानाचार्या जी
    जोसेफ एंड मेरी पब्लिक स्कूल
    इंदिरापुरम्, गाज़ियाबाद (उ०प्र०)

    विषय-दसवीं में पुनः प्रवेश के संबंध मेंमहोदयाविनम्र प्रार्थना है कि मैं इस विद्यालय की दसवीं कक्षा का छात्र हूँ। मेरे पिता जी साहिबाबाद की एक फैक्ट्री में मशीन आपरेटर हैं। दुर्भाग्य से एक दिन काम करते हुए उनके साथ दुर्घटना घटित हुई जिससे उनके पैर और हाथ में गंभीर चोटें आईं। उन्हें दिल्ली स्थित सफदरजंग अस्पताल भेज दिया गया। यह सूचना मिलते ही मैं भी अस्पताल चला गया। वहाँ मुझे उनकी देखभाल के लिए रुकना पड़ गया जिससे जल्दबाजी में न तो मैं विद्यालय को सूचित कर सका और न विद्यालय आ सका। इससे कक्षाध्यापिका ने मेरा नाम काट दिया है।आपसे प्रार्थना है कि मेरी स्थिति पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करते हुए मेरा नाम दसवीं में पुनः लिखने की कृपा करें। मैं भविष्य में ऐसा होने पर विद्यालय को अवश्य सूचित कर दूंगा।

    धन्यवाद
    आपका आज्ञाकारी शिष्य
    प्रखर
    दसवीं डी, अनुक्रमांक-27
    28 अगस्त, 20XX

    प्रश्न 4.आपके विद्यालय में खेल-कूद के सामान की कमी है जिससे आपके विद्यालय की टीम खेलों में न अच्छा प्रदर्शन कर पा रही है और न कोई पदक जीत पाती है। इस ओर ध्यान आकर्षित कराते हुए अपने विद्यालय के प्रधानाचार्य को प्रार्थना-पत्र लिखिए।

    सेवा में
    प्रधानाचार्य महोदय
    रा०व०मा० बाल विद्यालय
    वाई ब्लॉक मंगोलपुरी, दिल्ली।
    28 अक्टूबर, 20XX

    विषय-खेलों का नया सामान मँगवाने के संबंध मेंमहोदयविनम्र निवेदन यह है कि मैं इस विद्यालय की दसवीं कक्षा का छात्र एवं क्रिकेट टीम का कप्तान हूँ। यहाँ शिक्षण एवं पठन-पाठन की व्यवस्था बहुत अच्छी हैं। विद्यालय का शत-प्रतिशत परीक्षा परिणाम इसका प्रमाण है। यहाँ खेल-कूद का मैदान भी विशाल है, परंतु खेल संबंधी सामान का घोर अभाव है। यहाँ तीन-चार वर्षों से खेलों का नया सामान नहीं खरीदा गया है, जिसमें खिलाड़ी छात्रों को फटी-पुरानी गेंद, फुटबॉल और टूटे बल्ले से अभ्यास करने के लिए विवश होना पड़ता है। इस कारण हमारी तैयारी आधी-अधूरी रह जाती है और हम अपने से कमजोर टीमों से भी हार जाते हैं। मैं निश्चित रूप से कह सकता हूँ कि हमारे खिलाड़ी छात्रों में प्रतिभा की कमी नहीं है। खेल संबंधी सुविधाएँ मिलते ही वे विद्यालय का नाम रोशन करने में कसर नहीं छोड़ेंगे।अतः आपसे प्रार्थना है कि हम छात्रों के विद्यालय में विभिन्न खेलों के नए सामान; जैसे-गेंद, बैट, फुटबॉल, वालीबाल, रैकेट, जाली आदि खरीदने की कृपा करें ताकि हम छात्र खेलों में अच्छा प्रदर्शन कर सकें।

    धन्यवाद
    आपका आज्ञाकारी शिष्य
    प्रत्यूष कुमार
    कप्तान क्रिकेट टीम (विद्यालय)

    प्रश्न 5. आप नवयुग सीनियर सेकेंड्री स्कूल, महावीर एन्क्लेव दिल्ली के दसवीं के छात्र हो। दशहरा अवकाश में राजस्थान भ्रमण के लिए शैक्षिक टूर का आयोजन करने के लिए विद्यालय की प्रधानाचार्या को प्रार्थना-पत्र लिखिए।

    सेवा में
    प्रधानाचार्या जी
    नवयुग सीनियर सेकेंड्री स्कूल
    महावीर एन्क्लेव, दिल्ली
    09 अक्टूबर, 20xx

    विषय-शैक्षिक भ्रमण हेतु राजस्थान जाने के लिए टूर के आयोजन के संबंध मेंमहोदयासविनय निवेदन यह है कि मैं इस विद्यालय की दसवीं कक्षा की छात्रा हूँ। हमारी एस०ए० 1 की परीक्षाएँ कल समाप्त हो गई हैं। आगामी 18 अक्टूबर से हमारा विद्यालय दशहरा अवकाश के लिए बंद हो रहा है। हम दसवीं की सभी छात्राएँ चाहती हैं कि दशहरे के अवकाश का सदुपयोग शैक्षिक भ्रमण के रूप में किया जाए। ऐसे में राजस्थान जो हमारे देश का प्रसिद्ध राज्य है, वीरता, साहस, त्याग और राष्ट्रभक्ति की कहानियाँ, जिसके रज-रज पर लिखी हैं, भामाशाह, पन्ना जैसे दानी एवं त्यागमयी तथा महाराणा प्रताप जैसे स्वाभिमानी वीर की जन्मभूमि को निकट से देखना-समझना हम छात्राओं के लिए अत्यंत ज्ञानवर्धक एवं रोचक होगा। विद्यालय की सामाजिक विज्ञान शिक्षिका एवं खेल शिक्षिका की देख-रेख में वहाँ जाना हमारे लिए और भी ज्ञानवर्धक रहेगा।अतः आपसे प्रार्थना है कि इस दशहरे के अवकाश में राजस्थान शैक्षिक भ्रमण का आयोजन करवाने की कृपा करें। हम छात्राएँ आपकी आभारी रहेंगी।

    धन्यवाद
    आपकी आज्ञाकारिणी शिष्या
    प्राची
    सांस्कृतिक सचिव एवं
    मॉनीटर दसवीं ‘अ’

    प्रश्न 6. अपनी शैक्षिक एवं अन्य उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए अपने विद्यालय के प्रधानाचार्य को प्रार्थना-पत्र लिखिए जिसमें छात्रवृत्ति देने का उल्लेख किया गया हो।

    सेवा में
    प्रधानाचार्य महोदय
    सागर रत्न पब्लिक स्कूल
    आलमबाग; लखनऊ (उ०प्र०)
    25 अप्रैल, 20XX

    विषय-छात्रवृत्ति पाने के संबंध मेंमहोदयसविनय निवेदन यह है कि मैं इस विद्यालय की दसवीं कक्षा का छात्र हूँ। हमारी कक्षाध्यापिका द्वारा यह जानकर बड़ा हर्ष हुआ कि विद्यालय ने उन छात्रों को छात्रवृत्ति देने का निर्णय किया है, जिन्होंने पिछली कक्षा में 80 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त किए हैं तथा पाठ्य सहगामी किसी एक क्रिया में भी उपलब्धि अर्जित किए हैं।महोदय, मैंने नौवीं कक्षा में 87 प्रतिशत अंक अर्जित किया है। इसके अलावा मैंने विद्यालय स्तर पर वाद-विवाद प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। मैं इस विद्यालय की हॉकी टीम का कप्तान हूँ। हमारी टीम ने जोनल स्तर पर प्रथम स्थान प्राप्त किया था। उसमें विपक्षी टीम को 3-2 से हराने वाले फाइनल मैच में मैंने दो गोल किए थे। मैं अब भी खेल के साथ-साथ अपनी पढ़ाई पर पूरा ध्यान दे रहा हूँ।अतः आपसे प्रार्थना है कि छात्रवृत्ति हेतु मेरी पात्रता पर सहानुभूतिपूर्वक विचार कर छात्रवृत्ति प्रदान करने की कृपा करें।

    धन्यवाद
    आपका आज्ञाकारी शिष्य
    पुष्कर
    दसवीं ‘अ’ अनुक्रमांक-35

    प्रश्न 7. अपने पुस्तकालय में हिंदी की पत्रिकाओं की कमी की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए अपने विद्यालय की प्रधानाचार्या को प्रार्थना-पत्र लिखिए। आप दसवीं ‘सी’ में पढ़ने वाले उत्कर्ष हो।

    सेवा में
    प्रधानाचार्या जी
    ज्ञानकुंज पब्लिक स्कूल
    दिलशाद गार्डन, दिल्ली
    28 नवंबर, 20xx

    विषय-पुस्तकालय में हिंदी की पत्रिकाओं की कमी के संबंध मेंमहोदयाविनम्र निवेदन यह है कि मैं इस विद्यालय की दसवीं कक्षा का छात्र हूँ। मैं आपका ध्यान अपने विद्यालय के पुस्तकालय में हिंदी पत्रिकाओं की ओर आकर्षित कराना चाहता हूँ। इस विद्यालय के पुस्तकालय में हज़ारों पुस्तकें और पत्र-पत्रिकाएँ हैं। यहाँ अंग्रेज़ी की कई पत्रिकाएँ प्रतिमाह मँगवाई जाती हैं, परंतु हिंदी की पत्रिकाओं की घोर कमी है जिससे हिंदी पत्रिकाएँ पढ़ने की इच्छा रखने वाले छात्र-छात्राओं को निराश होकर लौटाना पड़ता है। अंग्रेज़ी पत्रिकाएँ पढ़ने वाले छात्रों को देखकर वे स्वयं को उपेक्षित-सा महसूस करते हैं। इन छात्रों के लिए सुमन-सौरभ, विज्ञान प्रगति, बाल हंस, पराग, चंपक, नंदन चंदामामा जैसी हिंदी की पत्रिकाओं की आवश्यकता है।अतः आपसे प्रार्थना है कि पुस्तकालय में अंग्रेज़ी पत्रिकाओं के साथ-साथ हिंदी की पत्रिकाएँ मँगवाने की कृपा करें। हम छात्र आपके आभारी होंगे।

    धन्यवाद
    आपका आज्ञाकारी शिष्य
    उत्कर्ष
    दसवीं ‘सी’ अनुक्रमांक-13आवेदन-पत्र
    आवेदन-पत्र का प्रारूप

    प्रश्न 1. भारतीय स्टेट बैंक ऑफ इंडिया प्रधान कार्यालय-नारीमन प्वाइंट, मुंबई को कुछ कंप्यूटर आपरेटर्स की आवश्यकता है। अपनी योग्यताओं का विवरण देते हुए आवेदन-पत्र प्रस्तुत कीजिए।

    मुख्य प्रबंधक महोदय
    भारतीय स्टेट बैंक ऑफ इंडिया
    प्रधान कार्यालय, नरीमन प्वाइंट
    मुंबई।

    विषय-कंप्यूटर ऑपरेटर पद पर भरती के संबंध मेंमहोदयदैनिक जागरण समाचार पत्र के 15 अक्टूबर, 20XX के अंक से ज्ञात हुआ कि इस बैंक के प्रधान कार्यालय में कंप्यूटर आपरेटर के कुछ पद रिक्त हैं। प्रार्थी भी अपना संक्षिप्त व्यक्तिगत विवरण प्रस्तुत करते हुए अपना आवेदन प्रस्तुत कर रहा है –

    नाम – विपिन कुमार
    पिता का नाम – श्री अमीरचंद
    जन्म तिथि – 20 फरवरी, 1993
    पत्र-व्यवहार का पता – सी-5/28, आशीर्वाद अपार्टमेंट सेक्टर 15 रोहिणी, दिल्ली।
    संपर्क सूत्र – 011-273………..
    शैक्षिक योग्यता

    कक्षाबोर्ड / विश्वविद्यालयउत्तीर्ण होने का वर्षश्रेणी / प्रतिशतविषय वर्ग
    X
    XII
    बी० कॉम
    सी०बी०एस०ई०,दिल्ली
    सी०बी०एस०ई०,दिल्ली
    दिल्ली विश्वविद्यालय
    2008
    2010
    2013
    69%
    78%
    67%
    सभी विषय
    वाणिज्य वर्ग
    वाणिज्य वर्ग

    प्रशिक्षण  –  एफ० टेक संस्था से एक वर्षीय कंप्यूटर प्रशिक्षण A ग्रेड
    अनुभव –  गत तीन माह से दिल्ली कोआपरेटिव बैंक में कार्यरत।

    आशा है कि आप मेरी शैक्षिक योग्यताओं पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करते हुए सेवा का अवसर प्रदान करेंगे।

    सधन्यवाद
    भवदीय
    विपिन कुमार
    23 अक्टूबर, 20xx
    संलग्नक-सभी प्रमाण पत्रों की छायांकित प्रति

    प्रश्न 2. दिल्ली नगर निगम के प्राथमिक विद्यालयों में अध्यापन हेतु अनुबंध के आधार पर कुछ शिक्षकों की आवश्यकता है। अपनी योग्यताओं का विवरण देते हुए निगमायुक्त उत्तरी दिल्ली नगर निगम टाउन हाल दिल्ली को प्रार्थना-पत्र प्रस्तुत कीजिए।

    सेवा में
    निगमायुक्त महोदय
    उत्तरी दिल्ली नगर निगम
    टाउन हाल, दिल्ली

    विषय-प्राथमिक शिक्षकों की भरती हेतु आवेदन-पत्रमहोदय26 अक्टूबर, 20XX के नवभारत टाइम्स समाचार पत्र द्वारा ज्ञात हुआ कि उत्तरी दिल्ली नगर निगम के प्राथमिक विद्यालयों में अनुबंध पर आधारित शिक्षकों के कुछ पद रिक्त हैं। प्रार्थी भी अपना विवरण प्रस्तुत कर रहा है –

    नाम – राजेश वर्मा
    पिता का नाम – रामरूप शर्मा
    जन्म तिथि – 19 नवंबर, 1994
    पत्र-व्यवहार का पता – 205/3 बी, महावीर एन्क्ले व, नई दिल्ली।
    संपर्क सूत्र – 981155………..
    शैक्षिक योग्यता

    कक्षाएँबोर्ड / विश्वविद्यालयउत्तीर्ण होने का वर्षश्रेणी / प्रतिशतविषय/वर्ग
    X
    XII
    जे०बी०टी०बी०ए०
    सी०बी०एस०ई०,दिल्ली
    सी०बी०एस०ई०दिल्ली,
    जिला शिक्षक प्रशिक्षण
    संस्थान केशवपुरम,
    पत्राचार विश्वविद्यालय
    2008
    2010
    2012द्वितीय वर्ष
    72%
    85%
    78%….
    सामान्य विषय
    विज्ञान वर्ग
    सभी अनिवार्य
    विषय…..

    अनुभव – अभिनव पब्लिक स्कूल, उत्तम नगर, दिल्ली में 2 साल से अब तक प्राथमिक शिक्षक पद पर कार्यरत। आशा है कि आप मेरी योग्यताओं पर विचार कर सेवा का अवसर प्रदान करेंगे।

    सधन्यवाद
    भवदीय
    राकेश वर्मा
    02 नवंबर, 20XX
    संलग्नक-सभी योग्यताओं के प्रमाण प्रत्रों की छाया प्रतियाँ

    प्रश्न 3. सीमा सुरक्षा बल में कांस्टेबल के कुछ पद रिक्त हैं। इस पद पर भरती के लिए सीमा सुरक्षा बल के महानिदेशक को प्रार्थना पत्र लिखें।

    सेवा में
    महानिदेशक
    सीमा सुरक्षा बल
    सी०जी०ओ० कांप्लैक्स
    लोदी रोड, नई दिल्ली
    विषय-सीमा सुरक्षा बल में कांस्टेबल पद पर भरती के संबंध मेंमहोदय25 सितंबर 20XX को प्रकाशित दैनिक समाचार पत्र ‘हिंदुस्तान’ से ज्ञात हुआ कि आपके कार्यालय के माध्यम से सीमा सुरक्षा बल में कांस्टेबल के पदों की रिक्तियाँ विज्ञापित की गई हैं। इस पद के लिए मैं भी अपना प्रार्थना-पत्र प्रस्तुत कर रहा हूँ, जिसका संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है

    नाम – रोहित शर्मा ।
    पिता का नाम – श्री राम रतन शर्मा
    जन्म तिथि – 15 नवंबर, 1996
    पत्राचार का पता – सी-51, रेलवे स्टेशन रोड, भोपाल, मध्य प्रदेश
    शैक्षिक योग्यता

    (क)

    क्रमांककक्षाबोर्ड / विश्वविद्यालयउत्तीर्ण होने का वर्षश्रेणी / प्रतिशत
    1.
    2.
    3.
    X
    XII
    बी०ए० अध्ययनरत
    मध्य प्रदेश शिक्षा बोर्ड भोपाल
    मध्य प्रदेश शिक्षा बोर्ड भोपाल
    सागर विश्वविद्यालय सागर म०प्र०
    2011
    2013
    ******
    प्रथम श्रेणी ( 65% )
    प्रथम श्रेणी ( 62% )
    ********

    (ख) शारीरिक योग्यताएँ –

    लंबाई – 178 सेमी
    सीना – 80 सेमी बिना फुलाए, 85 सेमी फुलाने पर
    स्वास्थ्य – उत्तम
    आशा है आप मेरी योग्यताओं पर विचार करते हुए देश सेवा का अवसर प्रदान करेंगे।

    सधन्यवाद
    भवदीय
    रोहित शर्मा
    28 सितंबर, 20XX
    संलग्न प्रमाण पत्रों की छायांकित प्रति –

    X अंक पत्र एवं प्रमाण पत्र
    XII अंक पत्र एवं प्रमाण पत्र

    प्रश्न 4. हिमानी कॉस्मेटिक्स प्रा० लिमिटेड दिल्ली को कुछ क्लर्कों की आवश्यकता है। अपनी योग्यता का विवरण देते हुए एक आवेदन-पत्र प्रस्तुत कीजिए।

    सेवा में
    प्रबंधक महोदय
    हिमानी कॉस्मेटिक्स प्रा. लिमिटेड
    पंडारा रोड, नई दिल्ली

    विषय- क्लर्कों की भरती के संबंध मेंमहोदय20 अक्टूबर, 20XX को प्रकाशित नवभारत टाइम्स समाचार पत्र से ज्ञात हुआ कि आपके कार्यालय को कुछ क्लर्कों . की आवश्यकता है। प्रार्थी भी अपनी योग्यता एवं अनुभव का संक्षिप्त विवरण देते हुए अपना आवेदन-पत्र प्रस्तुत कर रहा है, जिसका विवरण निम्नलिखित है –

    नाम – राजीव कुमार
    पिता का नाम – उदय पाल
    जन्म तिथि – 20 नवंबर, 1995
    पत्राचार का पता – 128/3 रामा भवन, चूना फैक्ट्री रोड, सतना (म०प्र०)
    शैक्षिक योग्यता –

    क्रमांककक्षाबोर्ड / विश्वविद्यालयउत्तीर्ण होने का वर्षश्रेणी / प्रतिशत
    1.
    2.
    3.
    4.
    X
    XII
    बी०ए०
    कंप्यूटर डिप्लोमा
    मध्य प्रदेश शिक्षा बोर्ड, भोपाल
    मध्य प्रदेश शिक्षा बोर्ड, भोपाल
    इलाहाबाद विश्वविद्यालय इलाहाबाद उ०प्र०
    चेतना कंप्यूटर साक्षरता मिशन
    2010
    2012
    2015
    छह माह
    प्रथम श्रेणी ( 68% )
    प्रथम श्रेणी ( 61.8% )
    द्वितीय श्रेणी ( 55% )
    A ग्रेड

    आशा है कि आप मेरी योग्यताओं पर विचार करते हुए सेवा का अवसर अवश्य प्रदान करेंगे।

    सधन्यवाद
    भवदीय
    राजीव कुमार
    कक्षा

    संलग्नक – प्रमाण पत्र एवं अंक पत्र-X ..
    प्रमाण पत्र एवं अंक पत्र-XII
    प्रमाण पत्र एवं अंक पत्र-बी०ए०
    प्रमाण पत्र ………… कंप्यूटर डिप्लोमा