NCERT Solutions Class 9th Hindi Grammar उपसर्ग-प्रत्यय

NCERT Solutions Class 9th Hindi Grammar उपसर्ग-प्रत्यय

TextbookNCERT
Class Class 9th
Subject Hindi
Chapterहिन्दी व्याकरण  (Grammar)
Grammar Nameउपसर्ग-प्रत्यय
CategoryClass 9th  Hindi हिन्दी व्याकरण वा प्रश्न अभ्यास 
Medium Hindi
SourceLast Doubt
NCERT Solutions Class 9th Hindi Grammar उपसर्ग-प्रत्यय हिंदी में उपसर्ग कितने प्रकार के होते हैं प्रत्यय क्या है कृत प्रत्यय कितने प्रकार के होते हैं हिंदी में कुल कितने प्रत्यय होते हैं? उपसर्ग कितने प्रकार के होते हैं? उपसर्ग का 10 उदाहरण क्या है? उपसर्ग के दो प्रकार कौन से हैं? घर का उपसर्ग क्या है? पेड़ में उपसर्ग कोड क्या है? पका का उपसर्ग क्या है? अनपढ़ का उपसर्ग क्या है? विद्यालय का उपसर्ग क्या है? मिठाई में प्रत्यय क्या है? अनुशासन में उपसर्ग क्या है? शिक्षा का उपसर्ग क्या है? विज्ञान का उपसर्ग क्या है? अनुवाद में उपसर्ग क्या है? आदि के बारे में पढ़ेंगे और जानने के साथ हम NCERT Solutions Class 9th Hindi Grammar (व्याकरण) उपसर्ग-प्रत्यय एवं व्याकरण करेंगे।

NCERT Solutions Class 9th Hindi Grammar उपसर्ग-प्रत्यय

हिन्दी व्याकरण

उपसर्ग-प्रत्यय

उपसर्ग और प्रत्यय में अंतर

उपसर्गप्रत्यय
(a) उपसर्ग शब्द के शुरू में जुड़ता है।(a) प्रत्यय शब्द के अंत में जुड़ता है।
(b) उपसर्ग जुड़ने पर मूल शब्द का अर्थ बदल सकता है।
उदाहरण- प्र+चार= प्रचार इसमें प्र उपसर्ग है, जो चार शब्द के पहले जुड़ा है।
(b) प्रत्यय जुड़ने पर अर्थ मूल शब्द के इर्द-गिर्द ही रहता है।
उदाहरण- इतिहास+इक= ऐतिहासिक इसमें ‘इक’ प्रत्यय है, जो शब्द के अंत में जुड़ा है।

उदाहरण-

प्र+हार – प्रहार
उप+कार – उपकार
आ+हार – आहार

हिन्दी में मुख्यतः चार प्रकार के उपसर्ग होते है-

• संस्कृत के उपसर्ग (तत्सम)

• हिंदी के उपसर्ग (तद्भव)

• उर्दू के उपसर्ग

• अंग्रेजी के उपसर्ग (विदेशी)

संस्कृत के उपसर्ग (तत्सम) – संस्कृत के 22 मूल उपसर्ग हैं-

उपसर्गअर्थ      उपसर्ग से बने शब्द
अति अधिकअतिशय, अतिक्रमण, अतिवृष्टि, अतिशीघ्र, अत्यन्त, अत्याचार
अधि   प्रधान/श्रेष्ठअधिनियम, अधिनायक, अधिकृत, अधिकरण, अध्यक्ष, अध्ययन
अनु  पीछे अनुचर, अनुज, अनुकरण, अनुकूल, अनुनाद, अनुभव
अपबुरा अपयश, अपशब्द, अपकार, अपकीर्ति, अपव्यय, अपशकुन
अभि पास  अभिवादन, अभिमान,अभिनव, अभिनय, अभिभाषण, अभियोग
अव    हीनताअवगुण, अवनति, अवगति, अवशेष, अवज्ञा, अवरोहण
आ  तक/सेआघात, आरक्षण, आमरण, आगमन, आजीवन, आजन्म
उत् श्रेष्ठ उत्पत्ति, उत्कंठा, उत्पीड़न, उत्कृष्ट, उन्नत, उल्लेख
उपसहायक   उपभोग, उपवन, उपमन्त्री, उपयोग, उपनाम, उपहार
दुर्  कठिन/गलत   दुर्दशा, दुराग्रह, दुर्गुण, दुराचार, दुरवस्था, दुरुपयोग
दुस्   बुरा/कठिन दुश्चिन्त, दुश्शासन, दुष्कर, दुष्कर्म, दुस्साहस, दुस्साध्य
नि  बिना निडर, निगम, निवास, निषेध, निबन्ध, निषिद्ध
निस् बिना/बाहर  निश्चय, निश्छल, निष्काम, निष्कर्म, निष्पाप, निष्फल
निर्  बिना निराकार, निरादर, नीरोग, नीरस, निरीह, निरक्षर
प्र     आगे   प्रदान, प्रबल, प्रयोग, प्रसार, प्रहार, प्रयत्न
परा विपरीतपराजय, पराभव, पराक्रम, परामर्श, परावर्तन, पराविद्या
परिचारों ओरपरिक्रमा, परिवार, परिपूर्ण, परिश्रम, परीक्षा, पर्याप्त
प्रतिप्रत्येक प्रतिदिन, प्रत्येक, प्रतिकूल, प्रतिहिंसा, प्रतिरूप, प्रतिध्वनि
विविशेषविजय, विहार, विख्यात, व्याधि, व्यसन, व्यवहार
सु अच्छा सुगन्ध, , सुयश, सुमन,सुलभ, सुबोध, सुशील
सम्अच्छी तरहसन्तोष, संगठन,संलग्न, संकल्प, संशय, संरक्षा
अन्  नहीं/बुराअनन्त, अनुपयोगी, अनुपयुक्त, अनागत, अनिष्ट, अनुपम

हिन्दी के उपसर्ग (तद्भव) – हिन्दी के उपसर्ग ज्यादातर संस्कृत उपसर्गों के अपभ्रंश (aberration) हैं। ये विशेषकर तद्भव शब्दों के पहले आते हैं-

उपसर्ग  अर्थ  उपसर्ग से बने शब्द
अननहीं    अनबन, अनपढ़, अनजान, अनहोनी, अनमोल, अनचाहा
अधआधा    अधपका, अधमरा, अधजला, अधखिला, अधनंगा, अधगला
उन एक कमउनचालीस, उन्नीस, उनतीस, उनसठ, उन्नासी
अब  औगुन, औगढ़, औसर, औघट, औतार
कुबुरा   कुपुत्र, कुरूप, कुख्यात, कुचक्र, कुरीति
चौचार  चौराहा, चौमासा, चौपाया, चौरंगा, चौकन्ना, चौमुखा
पच पाँच  पचरंगा, पचमेल, पचकूटा, पचमढ़ी
परदूसरापरहित, परदेसी, परजीवी, परकोटा, परलोक, परोपकार
बिन    बिना बिन खाया, बिनब्याहा बिनबोया, बिनमाँगा, बिनबुलाया
भर   पूरा भरपेट, भरपूर, भरकम, भरसक, भरमार, भरपाई
स   सहित    सफल, सबल, सगुण, सजीव, सावधान, सकर्मक
चिरसदैव   चिरयौवन, चिरपरिचित,चिरकाल, चिरायु, चिरस्थायी
न नहीं    नकुल, नास्तिक, नग, नपुंसक, नगण्य, नेति
बहु ज्यादा     बहुमूल्य, बहुवचन, बहुमत, बहुभुज, बहुविवाह, बहुसंख्यक
आपस्वयं आपकाज, आपबीती, आपकही, आपसुनी
समसमान समकोण, समकक्ष, समतल, समदर्शी, समकालीन, समग्र
दुबुरा/हीन  दुत्कार, दुबला, दुर्जन, दुर्बल, दुकाल

उर्दू के उपसर्ग- उर्दू भाषा के निम्न उपसर्गों का प्रयोग किया जाता है-

उपसर्गअर्थ  उपसर्ग से बने शब्द
लाबिना लावारिस, लाचार, लाजवाब, लापरवाह, लापता
बद   बुरा   बदसूरत, बदनाम, बददिमाग, बदबू, बदकिस्मत
बेबिना   बेकाम, बेअसर, बेरहम, बेईमान, बेरहम
कम  थोड़ा   कमबख्त, कमज़ोर, कमदिमाग, कमअक्ल, कमउम्र
ग़ैरके बिनागैरकानूनी, गैरजरूरी, ग़ैरहाज़िर, गैरसरकारी,
नाअभाव नाराज, नालायक, नामुमकिन, नादान, नापसन्द
खुशश्रेष्ठता  खुशनुमा, खुशगवार, खुशमिज़ाज, खुशबू, खुशदिल
हमबराबर हमउम्र, हमदर्दी, हमराज, हमपेशा
ऐन ठीक ऐनवक्त, ऐनजगह, ऐनमौके
सरमुख्य  सरताज, सरदार, सरपंच, सरकार
बेश अत्यधिक   बेशकीमती, बेशुमार, बेशक्ल, बेशऊर
बासहित  बाकायदा, बाइज्जत, बाअदब, बामौक़ा
अलनिश्र्चितअलबत्ता, अलविदा, अलसुबह, अलगरज

अंग्रेजी के उपसर्ग- अंग्रेजी भाषा के निम्न उपसर्गों का प्रयोग किया जाता है-

उपसर्ग  अर्थ    उपसर्ग से बने शब्द
सबअधीनसब-रजिस्ट्रार, सब-जज, सब-कमेटी, सब-इंस्पेक्टर
हाफआधाहाफकमीज, हाफटिकट, हाफपेन्ट, हाफशर्ट
कोसहितको-आपरेटिव, को-आपरेशन, को-एजूकेशन
हैडमुख्यहैडमास्टर, हैडऑफिस, हैडक्लर्क , हैडबाॅय
वाइससहायकवाइसराय, वाइस-चांसलर, वाइस-प्रेसीडेंट

प्रत्यय – प्रति (साथ में पर बाद में)+ अय (चलनेवाला) शब्द का अर्थ है,पीछे चलना। जो शब्दांश शब्दों के अंत में विशेषता या परिवर्तन ला देते हैं, वे प्रत्यय कहलाते हैं।

जैसे- दयालु= दया शब्द के अंत में आलु जुड़ने से अर्थ में विशेषता आ गई है। अतः यहाँ ‘आलू’ शब्दांश प्रत्यय है। प्रत्ययों का अपना अर्थ कुछ भी नहीं होता और न ही इनका प्रयोग स्वतंत्र रूप से किया जाता है।

प्रत्यय के दो भेद हैं-

• कृत् प्रत्यय
• तद्धित प्रत्यय

तद्धित प्रत्यय- वे प्रत्यय जो धातु को छोड़कर अन्य शब्दों- संज्ञा, सर्वनाम व विशेषण में जुड़ते हैं, तद्धित प्रत्यय कहलाते हैं। तद्धित प्रत्यय से बने शब्द तद्धितांत शब्द कहलाते हैं। चलिए देखते हैं उपसर्ग और प्रत्यय के इस ब्लॉग में जैसे- सेठ + आनी = सेठानी। यहाँ आनी तद्धित प्रत्यय हैं तथा सेठानी तद्धितांत शब्द है।

उदाहरण-

क्रम प्रत्ययशब्दउदाहरण
1आईपछताना, जगना पछताई, जगाई
2आइनपण्डित, ठाकुरपण्डिताइन, ठकुराइन
3आईपण्डित, ठाकुर, लड़, चतुर, चौड़ापण्डिताई, ठकुराई, लड़ाई, चतुराई, चौड़ाई
4आनीसेठ, नौकर, मथसेठानी, नौकरानी, मथानी
5आयतबहुत, पंच, अपनाबहुतायत, पंचायत, अपनायत
6आर/आरालोहा, सोना, दूध, गाँवलोहार, सुनार, दूधार, गँवार
7आहटचिकना, घबरा, चिल्ल, कड़वाचिकनाहट, घबराहट, चिल्लाहट, कड़वाहट
8इल फेन, कूट, तन्द्र, जटा, पंक, स्वप्न, धूमफेनिल, कुटिल, तन्द्रिल, जटिल, पंकिल, स्वप्निल, धूमिल
9इष्ठकन्, वर्, गुरु, बलकनिष्ठ, वरिष्ठ, गरिष्ठ, बलिष्ठ
10 ईसुन्दर, बोल, पक्ष, खेत, ढोलक, तेल, देहातसुन्दरी, बोली, पक्षी, खेती, ढोलकी, तेली, देहाती

उपसर्ग के उदाहरण

• अति + पावन = अतिपावन
• अति + अधिक = अत्यधिक
• अति + रिक्त = अतिरिक्त
• अति + क्रमण = अतिक्रमण
• अति + उक्ति = अत्युक्ति
• अति + आचार = अत्याचार
• अति + उत्तम = अत्युत्तम
• अति + शय = अतिशय
• अधि + कृत = अधिकृत
• अधि + करण = अधिकरण
• अधि + वक्ता = अधिवक्ता
• अधि + कार = अधिकार
• अधि + आदेश = अध्यादेश
• अधि + अयन = अध्ययन
• अधि + पति = अधिपति
• अधि + अक्ष = अध्यक्ष
• अन् + अंत = अनंत
• अन् + इच्छा = अनिच्छा
• अन् + आचार = अनाचार
• अन् + उदार = अनुदार

प्रत्यय के उदारहण

अक – पाठक, गायक, लेखक, नायक, धावक
उक – भिक्षुक, भावुक
एता – नेता, अभिनेता, विक्रेता
अक्कड़ – पियक्कड़, भुलक्कड़, घुमक्कड़
ऊ – कमाऊ, खाऊ, उड़ाऊ
हार – होनहार, खेवनहार, सेवनहार
ऐया वैया – गवैया, खिवैया
ना – खाना, गाना
नी – चटनी, बेलनी, सूँघनी, फूँकनी (सभी वस्तुएँ)
वनी – उठावनी, पैरावनी, दिखावनी
आई – पढ़ाई, लिखाई, बुनाई, सिलाई
आन – पहचान, मिलान, उठान
आवट – मिलावट, सजावट
ई – बोली, हँसी
ना – चलना, लिखना पढ़ना
अन – चिंतन, मनन, भवन, मरण, करण
नी – चलनी, फूँकनी
ई – फाँसी, धुलाई, सफ़ाई
ना – बेलना, ढँकना, पिटना (सभी वस्तुएँ)
अनीय – कथनीय, करणीय, पठनीय
य – गेय, प्रेय, देर
व्य – गंतव्य, कर्तव्य, श्रव्य
इया – डिबिया, खटिया, बिटिया
आर – लुहार, सुनार
पन – बचपन, लड़कपन
ड़ा – मुखड़ा, दुखड़ा
गर – जादूगर, बाज़ीगर
दार – दुकानदार,जमींदार, किरायेदार
ई – चोरी, खेती, पहाड़ी, रस्सी
पा – बुढ़ापा, मोटापा

उपसर्ग और प्रत्यय  – शब्दांश या अव्यय जो किसी शब्द के पहले आकर उसका विशेष अर्थ बनाते हैं, उपसर्ग कहलाते हैं। उपसर्ग = उप (समीप) + सर्ग (सृष्टि करना) का अर्थ है- किसी शब्द के साथ जुड़कर नया शब्द बनाना। जो शब्दांश शब्दों के आदि में जुड़कर उनके अर्थ में कुछ मतलब लाते हैं, वे प्रत्यय कहलाते हैं।

उपसर्ग और प्रत्यय को कैसे पहचानें- उपसर्ग के सामान प्रयुक्त होने वाले संस्कृत के शब्द

1. का उपसर्ग – एक्स का अर्थ होता है निषेध
2. कु उपसर्ग – कु का अर्थ होता है हीन – कुपुत्र आदि।
3. चिर उपसर्ग – चिर का अर्थ होता है बहुत देर
4. अ उपसर्ग – अ का अर्थ होता है निषेध , अभाव
5. अन उपसर्ग – अन का अर्थ होता है निषेध
6. अंतर उपसर्ग – अंतर का अर्थ होता है भीतर

पसर्ग के कितने प्रकार – संस्कृत के उपसर्ग – तत्सम शब्दों में प्रयोग किये जाने वाले उपसर्ग संस्कृत के उपसर्ग होते हैं। हिंदी के उपसर्ग – तद्भव शब्दों में प्रयोग किये जाने वाले उपसर्ग को हिंदी के उपसर्ग कहते हैं। आगत उपसर्ग – हिंदी में प्रयोग किये जाने वाले विदेशी भाषाओं (अरबी, फारसी, उर्दू, अंगेजी) के उपसर्ग आगत उपसर्ग कहलाते हैं।

प्रत्यय कैसे लगाते हैं?

अक – लेखक, नायक, गायक,पाठक
अक्कड – भुलक्कड, घुमक्कड़ , पियक्कड़
आक – तैराक , लडाक आलू = झगड़ालू
आकू – लड़ाकू , कृपालु , दयालु
आड़ी – खिलाडी , अगाड़ी , अनाड़ी
इअल – अडियल , मरियल , सडियल
एरा – लुटेरा , बसेरा
ऐया – गवैया आदि

उपसर्ग कैसे लिखते- संस्कृत के उपसर्ग तथा उनसे बने शब्द

1. अति और इसमें हम शय जोड़ देते हैं तो शय पहले से ही एक मूल शब्द है. और इसमें अति जोड़ने से एक नया
2. शब्द या नया अर्थ उत्पन्न होता है
3. अधि + कार = अधिकार
4. अनु + शाशन = अनुशाशन
5. अप + कार = अपकार
6. संस्कृत उपसर्ग का छटा उपसर्ग अव होता है
7. आ + जीवन = आजीवन
8. उत + कर्ष = उत्कर्ष
9. उप + कार = उपका

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उपसर्ग
प्रत्यय
समास
वाक्य-भेद (अर्थ की दृष्टी से)
अलंकार
चित्र-वर्णन
अनुस्वार एवं अनुनासिक
नुक्ता
उपसर्ग-प्रत्यय
संधि
विराम-चिह्न
अपठित गद्यांश
अपठित काव्यांश
अनुच्छेद लेखन
पत्र लेखन – 1
पत्र लेखन – 2
निबंध लेखन
संवाद लेखन – 1
संवाद लेखन – 2
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