NCERT Solution Class 9th Hindi Grammar व्याकरण वाक्य-भेद (अर्थ की दृष्टी से)

NCERT Solution Class 9th Hindi Grammar व्याकरण वाक्य-भेद (अर्थ की दृष्टी से)

TextbookNCERT
Class Class 9th
Subject Hindi
Chapterहिन्दी व्याकरण  (Grammar)
Grammar Nameव्याकरण वाक्य-भेद (अर्थ की दृष्टी से)
CategoryClass 9th  Hindi हिन्दी व्याकरण वा प्रश्न अभ्यास 
Medium Hindi
SourceLast Doubt
NCERT Solutions Class 9th Hindi Grammar (व्याकरण) व्याकरण वाक्य-भेद (अर्थ की दृष्टी से) व्याकरण हम इस व्याकरण की दृष्टि से वाक्य के कितने भेद होते हैं? अर्थ के अनुसार वाक्यों के भेद लिखकर प्रत्येक के दो दो उदाहरण लिखो? व्याकरणिक दृष्टि से वाक्य प्रकार कौन सा है? अर्थ की दृष्टि से शब्द के कितने भेद है? अर्थ की दृष्टि से काव्य कितने प्रकार के होते हैं? व्याकरण के तीन भेद कौन कौन से हैं? व्याकरण की दृष्टि क्या है? अर्थ के आधार पर वाक्य कितने प्रकार के होते है? अर्थ की दृष्टि से समानता वाक्य के कितने भेद किए जाते हैं? व्याकरण में वाक्य कितने प्रकार के होते हैं? अर्थ के आधार पर शब्द कितने प्रकार के होते हैं? NCERT Solutions Class 9th Hindi Grammar (व्याकरण) व्याकरण वाक्य-भेद (अर्थ की दृष्टी से) व्याकरण हम इस एवं व्याकरण करेंगे।

NCERT Solution Class 9th Hindi Grammar व्याकरण वाक्य-भेद (अर्थ की दृष्टी से)

हिन्दी व्याकरण

व्याकरण वाक्य-भेद (अर्थ की दृष्टी से)

परिचय – मनुष्य सामाजिक प्राणी है। वह समाज में दूसरों से जुड़ा रहता है। वह दूसरों से बातचीत करने के लिए भाषा का प्रयोग करता है। इसके लिए वह ध्वनियाँ निकालता है। इन्हीं ध्वनियों का सार्थक समूह शब्द और वाक्य का रूप ले लेते हैं। वह प्रायः वाक्यों के रूप में अपनी बातें कहता है।

परिभाषा – सार्थक शब्दों का वह व्यवस्थित समूह जिनके माध्यम से मन के भाव-विचार प्रकट किए जाते हैं, उन्हें वाक्य कहते हैं।

उदाहरण –

• पक्षी गीत गाते हैं।
• वसंत ऋतु आते ही फूल खिल जाते हैं।
• फैक्ट्रियाँ लगने से प्रदूषण बढ़ गया है।
• उपर्युक्त वाक्य सार्थक शब्दों का वह व्यवस्थित समूह है जिनसे भाव-विचारों की पूरी अभिव्यक्ति हो रही है।

वाक्य के तत्ववाक्य से भाव-विचारों की भलीभाँति अभिव्यक्ति हो, इसके लिए वाक्य में निम्नलिखित तत्व होने चाहिए

1. सार्थकता – वाक्य की रचना सार्थक शब्द समूह द्वारा की जाती है ताकि वाक्य से उचित अर्थ की अभिव्यक्ति हो सके। जैसे –

• प्रातः होते ही पक्षी कलरव करने लगे।
• सालभर मेहनत करने के कारण ही वह कक्षा में प्रथम आया।
• कभी-कभी निरर्थक शब्द भी वाक्य में प्रयुक्त होकर अर्थ का बोध कराने लगते हैं, जैसे
• सुमन, इस भिखारी को कुछ खाना-वाना दे देना।
• ये गौरैयाँ कब से बक-झक किए जा रही हैं।

2. आकांक्षा – किसी वाक्य के एक पद को सुनकर अन्य आवश्यक पद को सुनने या जानने की जो उत्कंठा प्रकट होती है, उसे आकांक्षा कहते हैं। जैसे – मैदान में खेल रहे हैं।

यह वाक्य सुनते ही हमारे मन में प्रश्न उठता है- मैदान में कौन खेल रहे हैं? हमें इसका उत्तर मिलता है लड़के मैदान में खेल रहे हैं। यहाँ ‘लड़के’ शब्द जोड़ देने से वाक्य पूरा हो गया। इससे पहले वाक्य को ‘लड़के’ शब्द की आकांक्षा थी जिसके जुड़ते ही यह आकांक्षा समाप्त हो गई।

3. योग्यता – वाक्य में प्रयुक्त प्रत्येक शब्द (पद) प्रसंगानुरूप अर्थ प्रदान करता है। इसे ही योग्यता कहते हैं। जैसे – किसान कुदाल से खेत जोतता है। इस वाक्य में योग्यता का अभाव है क्योंकि कुदाल से खेत की जुताई नहीं की जाती है। कुदाल के स्थान पर ‘हल’ का प्रयोग करने से वाक्य में वांछित योग्यता आ जाती है। तब वाक्य इस तरह हो जाएगा- किसान हल से खेत जोतता है।

4. निकटता – वाक्य के किसी शब्द को बोलते या लिखते समय अन्य शब्दों में परस्पर निकटता होना आवश्यक है। इसके अभाव में शब्दों से अभीष्ट अर्थ की प्राप्ति नहीं हो पाती है; जैसे – गाय … घास … चर रही है यहाँ ‘गाय’ शब्द बोलकर रुक जाने से मन में जिज्ञासा उठती है कि गाय ‘दूध देती है’ या दुधारू पशु है या कुछ और। इसी प्रकार ‘घास’ कहने के बाद रुक जाने से जिज्ञासा प्रकट होती है और हमें अर्थ के लिए अनुमान लगाना पड़ता है। अतः इस वाक्य को बिना रुके इस प्रकार लिखा या बोला जाना चाहिए- गाय घास चर रही है।

5. पदक्रम – वाक्यों में प्रयुक्त शब्दों को एक निश्चित क्रम में रखा जाता है ताकि वांछित अर्थ की अभिव्यक्ति हो। इसे ही पदक्रम कहते हैं। पदों (शब्द) के इस क्रम को बदल देने पर अर्थ की अभिव्यक्ति नहीं हो पाती है। जैसे –

• पटरी रेलगाड़ी पर दौड़ती है।
• हैं छात्रों को रहे पढा अध्यापक।

पदक्रम की दृष्टि से यह वाक्य उचित नहीं है। उचित पदक्रम में रखने पर इस तरह लिखा जाएगा

• रेलगाड़ी पटरी पर दौड़ती है।
• अध्यापक छात्रों को पढ़ा रहे हैं।

6. अन्वय – वाक्य अनेक शब्दों (पदों) का व्यवस्थित मेल होता है। यही व्यवस्थित रूप अन्वय कहलाता है। वाक्य में प्रयुक्त पदों का लिंग, वचन, कारक, काल, पुरुष आदि के साथ यथोचित सामंजस्य होना चाहिए। इसके अभाव में वाक्य न व्याकरणिक दृष्टि से सही होते हैं और न वांछित अर्थ की अभिव्यक्ति कर पाते हैं। जैसे –

• धोबी कपड़े धोती हैं।
• छात्राएँ सुंदर चित्र बनाते हैं।
• मज़दूर ने सवेरे-सवेरे काम पर जाते हैं।

उचित अन्वय के साथ लिखने पर –

• धोबी कपड़े धोते हैं।
• छात्राएँ सुंदर चित्र बनाती हैं।
• मज़दूर सवेरे-सवेरे काम पर जाते हैं।

वाक्य भेद – वाक्यों के वर्गीकरण के मुख्यतया दो आधार हैं –

• अर्थ के आधार पर
• रचना के आधार पर

अर्थ के आधार पर वाक्य भेद – वाक्य में कोई सूचना दी जा रही है, या नकारात्मकता का भाव है, प्रश्न पूछा जा रहा है या विस्मय प्रकट किया जा रहा है, काम करने का आदेश दिया जा रहा है या इच्छा प्रकट की जा रही है, इसे ही ‘अर्थ’ कहा जाता है। इस आधार पर वाक्य के निम्नलिखित आठ भेद होते हैं

1. विधानवाचक वाक्य
2. प्रश्नवाचक वाक्य
3. आज्ञावाचक वाक्य
4. संदेहवाचक वाक्य
5. नकारात्मक वाक्य
6. इच्छावाचक वाक्य
7. विस्मयवाचक वाक्य
8. संकेतवाचक वाक्य

1. विधानवाचक वाक्य – जिस वाक्य में क्रिया होने या करने की सूचना मिलती हो या. इस प्रकार का सामान्य कथन हो, उसे विधानवाचक वाक्य कहते हैं। विधानवाचक वाक्य को सकारात्मक वाक्य भी कहा जाता है क्योंकि इस प्रकार के वाक्यों में कही गई बात को ज्यों का त्यों मान लिया जाता है।

उदाहरण –

• पक्षी घोंसले से उड़ चुके हैं।
• कविता ने पाठ याद कर लिया है।
• नदी में बाढ़ आई है।
• विजया ने दौड़ में प्रथम स्थान प्राप्त किया।
• रोहित ने नया मकान खरीदा।

2. निषेधवाचक या नकारात्मक वाक्य – जिन वाक्यों से क्रिया न होने या न किए जाने का भाव प्रकट होता है, उसे नकारात्मक वाक्य कहते हैं।

उदाहरण – इन वाक्यों की पहचान न, मत, नहीं देखकर की जा सकती है।

• पक्षी घोंसले से नहीं उड़े हैं।
• कविता ने पाठ नहीं याद किया है।
• नदी में बाढ़ नहीं आई है।
• ऐसी सरदी में बाहर मत जाओ।
• रोहन धूप में न निकलना।

3. प्रश्नवाचक वाक्य- जिन वाक्यों में प्रश्न पूछा जाता है तथा जिनमें कुछ उत्तर पाने की जिज्ञासा रहती है, उसे प्रश्नवाचक वाक्य कहते हैं।

प्रश्नवाचक वाक्यों की पहचान –

• क्या, कब, क्यों, कैसे, कौन, किसे, किसका आदि प्रश्नवाचक शब्द देखकर
• वाक्य के अंत में लगे प्रश्नवाचक चिह्न (?) को देखकर की जाती है।

उदाहरण –

• ऐसी धूप में बाहर कौन खड़ा है?
• रमा कब आई?
• तुम कल विद्यालय क्यों नहीं आए?
• कल तुमने क्या-क्या खाया था?
• विक्रम किसकी राह देख रहा है?

4. आज्ञावाचक वाक्य – जिन वाक्यों में आज्ञा या अनुमति देने-लेने का भाव प्रकट होता है, उसे आज्ञावाचक वाक्य कहते हैं। इन वाक्यों का दूसरा नाम आज्ञासूचक या विधिवाचक वाक्य भी है।

उदाहरण –

• किताब के पेज मत फाड़ो।
• किसलय, अब पढ़ने बैठ जाओ।
• दीवारों को साफ़ कर दो।
• अपने जन्मदिन पर एक पौधा लगाना।
• यह काम कल तक ज़रूर पूरा कर देना।

5. इच्छावाचक वाक्य – जिन वाक्यों में वक्ता की इच्छा, कामना, आशीर्वाद आदि का भाव प्रकट होता है, उन्हें इच्छावाचक वाक्य कहते हैं।

उदाहरण –

• मित्र जन्मदिन की ढेर सारी बधाइयाँ।
• ईश्वर करे, आप खूब उन्नति करें।
• हमने चाहा था कि हम साथ-साथ रहें।
• काश! इस समय सुमन साथ होती।
• मैं चाहता हूँ कि सभी स्वस्थ हों।

6. विस्मयवाचक वाक्य – विस्मय का अर्थ है-आश्चर्य! जिन वाक्यों से आश्चर्य, हर्ष, घृणा, प्रसन्नता, शोक, दुख, भय आदि भावों की अभिव्यक्ति हो उन्हें विस्मयवाचक वाक्य कहते हैं। इन वाक्यों का दूसरा नाम उद्गारवाचक वाक्य भी है।

विस्मयवाचक वाक्यों की पहचान –

वाक्य में अहो!, अहा!, हाय!, छि:!, अरे! आदि देखकर।
ऐसे शब्दों या वाक्य के अंत में लगा विस्मयवाचक चिह्न (!) को देखकर की जा सकती है।

उदाहरण –

• अरे! कितना विशाल मैदान है।
• ओह! तुम आ गए।
• अहा! इतना सुंदर फूल देखकर मन प्रसन्न हो उठा।
• सावधान ! ट्रक आ रहा है।
• छि:! नाले के पास बड़ी बदबू थी।

7. संदेहवाचक वाक्य – जिन वाक्यों की क्रिया पूर्ण होने में संदेह होता है, उन्हें संदेहवाचक वाक्य कहते हैं।

संदेहवाचक वाक्यों की पहचान –

• वाक्य के अंत में ‘होगी’, ‘होगा’, ‘होगे’ देखकर।
• शायद, संभवतः जैसे शब्द देखकर की जा सकती है।

उदाहरण –

• अब तक फ़सल कट चुकी होगी।
• रमा खाना पका चुकी होगी।
• दीपक बुझ गया होगा।
• संभवतः विजय विद्यालय से घर आ गया होगा।
• अब शायद बारिश बंद हो जाए।

8. सकतवाचक वाक्य – जिन वाक्यों में एक क्रिया का होना दूसरी क्रिया पर निर्भर करता है, उन्हें संकेतवाचक वाक्य कहते हैं। इस प्रकार के वाक्यों में काम पूरा होने के लिए शर्त-सी लगी होती है। संकेतवाचक वाक्य के पहचान यदि, अगर जैसे शब्द देखकर की जा सकती है।

उदाहरण –

• यदि वर्षा रुकती तो मैं घर जाता।
• अगर जल्दी आते तो टिकट मिल जाता।
• यदि डॉक्टर समय पर आ जाते तो मरीज की जान बच जाती।
• यदि सिंचाई की गई होती तो फ़सलें न सूखती।
• अगर परिश्रम करोगे तो अवश्य सफल होओगे।

वाक्य रूपांतरण – अर्थ के आधार पर वाक्य के आठ भेद होते हैं। इनमें से किसी वाक्य को एक भेद से दूसरे भेद में इस तरह बदलना कि वाक्य का कर्ता, क्रिया और कर्म ज्यों का त्यों रहे, वाक्य रूपांतरण कहलाता है। वाक्य रूपांतरण निम्नलिखित उदाहरण द्वारा समझा जा सकता है

• पक्षी आकाश में उड़ रहे हैं। (विधानवाचक वाक्य)
• पक्षी आकाश में नहीं उड़ रहे हैं। (निषेधवाचक वाक्य)
• क्या पक्षी आकाश में उड़ रहे है? (प्रश्नवाचक वाक्य)
• शायद पक्षी आकाश में उड़ रहे होंगे। (संदेहवाचक वाक्य)

(क) विधानवाचक वाक्यों को निषेधवाचक वाक्यों में बदलना –

1. चोरों ने चोरी कर लिया।
2. मजदूर ने काम पूरा किया।
3. माली ने फूल तोड़े।
4. रश्मि संस्कृत बोल सकती है।
5. किसान बैंक से कर्ज़ लेते हैं।

उत्तर-

1. चारों ने चोरी नहीं किया।
2. मज़दूर ने काम पूरा नहीं किया।
3. माली ने फूल नहीं तोड़े।
4. रश्मि संस्कृत नहीं बोल सकती है।
5. किसान बैंक से कर्ज नहीं लेते हैं।

(ख) विधानवाचक वाक्यों को प्रश्नवाचक वाक्यों में बदलना

1. अर्पित ने कुत्ते को डंडे से मारा।
2. कर्ज में डूबे किसान ने आत्महत्या कर ली।
3. चलते-चलते वह पेड़ की छाया में बैठ गया।
4. सैनिकों ने चार आतंकवादियों को मार गिराया।
5. विजया प्रयोगशाला में प्रयोग करती है।

उत्तर-

1. क्या अर्पित ने कुत्ते को डंडे से मारा?
2. किसान ने आत्महत्या क्यों कर ली?
3. चलते-चलते वह कहाँ बैठ गया?
4. सैनिकों ने कितने आतंकवादियों को मार गिराया?
5. क्या विजया प्रयोगशाला में प्रयोग करती है?

(ग) विधानवाचक वाक्यों को संदेहवाचक वाक्यों में बदलना।

1. गाड़ी स्टेशन पर आ चुकी है।
2. अंडे से बच्चे निकल आएँगे।
3. मंदिर में आरती हो रही है।
4. आतंकी मारे जा चुके हैं।
5. मरीज ठीक हो रहा है।

उत्तर-

1. गाड़ी स्टेशन पर आ चुकी होगी।
2. अंडे से बच्चे निकल आए होंगे।
3. शायद मंदिर में आरती हो रही होगी।
4. संभवतः आतंकी मारे जा चुके होंगे।
5. संभवतः मरीज ठीक हो रहा होता।

(घ) विधानवाचक वाक्यों को संकेतवाचक वाक्यों में बदलना।

1. वर्षा होने पर फ़सल अच्छी होती है।
2. मेहनत न करने से तुम फल हुए हो।
3. मज़दूर आने पर किसान फ़सल काटेगा।
4. बिजली आने पर टी.वी. देलूँगा।
5. वर्षा होने पर पौधे लगाऊँगा।

उत्तर-

1. यदि वर्षा होती तो फ़सल अच्छी होती।
2. यदि मेहनत करते तो फेलन होते।
3. यदि मज़दूर आते तो किसान फ़सल काटते।
4. यदि बिजली आती तो मैं टी.वी. देखता।
5. यदि वर्षा होती तो मैं टी.वी. देखता।

इसी प्रकार अन्य वाक्यों का रूपांतर भी किया जा सकता है।

अभ्यास-प्रश्न

1. अर्थ के आधार पर निम्नलिखित वाक्यों के भेद लिखिए

(i) वर्षा होने के कारण नालियाँ भर गईं। ……………………..
(ii) आज ममता विद्यालय नहीं आई है। ……………………..
(iii) क्या आप फ़िल्म देखने नहीं चलेंगे? ……………………..
(iv) यदि अच्छे अंक आएँगे तो छात्रवृत्ति मिलेगी। ……………………..
(v) अरे! यह गीत तुमने लिखा है। ……………………..
(vi) संभवतः इस साल सिग्नेचर ब्रिज का काम पूरा हो जाए। ……………………..
(vii) काश! महँगाई कम हो जाती। ……………………..
(viii) इस प्रश्न का उत्तर लिखकर लाना। ……………………..
(ix) यात्री पेड़ के नीचे लेटकर आराम कर रहा था। ……………………..
(x) ऐसी सरदी में बाहर मत जाओ। ……………………..

उत्तर-

(i) विधानवाचक वाक्य
(ii) निषेधवाचक वाक्य
(iii) प्रश्नवाचक वाक्य
(iv) संकेतवाचक वाक्य
(v) विस्मयादिवाचक वाक्य
(vi) संदेहवाचक वाक्य
(vii) इच्छावाचक वाक्य
(viii) आज्ञावाचक वाक्य
(ix) विधानवाचक वाक्य
(x) नकारात्मक वाक्य

2. नीचे दिए गए वाक्य-भेदों के उदाहरण लिखिए –

(i) विधानवाचक वाक्य ……………………..
(ii) आज्ञावाचक वाक्य ……………………..
(iii) संदेहवाचक वाक्य ……………………..
(iv) संकेतवाचक वाक्य ……………………..
(v) निषेधवाचक वाक्य ……………………..
(vi) इच्छावाचक वाक्य ……………………..
(vii) विस्मयवाचक वाक्य ……………………..
(viii) प्रश्नवाचक वाक्य ……………………..

उत्तर-

(i) सवेरा होते ही पक्षी कलरव करने लगे।
(ii) पाश्चात्य संस्कृति का अनुकरण छोड़ दो।
(iii) संभवतः पहले जैसा सांप्रदायिक सद्भाव बढ़ जाएगा।
(iv) यदि मटर का खेत सींचा न होता तो हीरा के खुर न धंसते।
(v) उत्तर की ओर पहाड़ पर बरफ़ नहीं थी।
(vi) काश! कश्मीर घूमने का अवसर दुबारा मिल जाता।
(vii) ऐं! साँड़ बैलों से हार गया।
(viii) यह वायुयान श्रीलंका कब तक पहुँचा देगा?

3. निम्नलिखित वाक्यों को निर्देशानुसार बदलकर लिखिए।

(i) विदेशी होकर भी वह हिंदी बोलती है। (विस्मयवाचक)
(ii) पछताने से बचने के लिए कठोर परिश्रम करो। (संकेतवाचक)
(iii) सुबह होते ही फूल खिलने लगे। (विस्मयवाचक)
(iv) ताकतवर होते हुए भी वह हार गया। (प्रश्नवाचक)
(v) हरिद्वार जाकर मैं गंगास्नान नहीं करूँगा। (विधानवाचक)
(vi) चिड़ियाँ यहाँ आकर दाना चुगती हैं। (इच्छावाचक वाक्य)
(vii) प्रांजल स्वस्थ होने के साथ धनी भी है। (निषेधवाचक वाक्य)
(viii) वह अपने माता-पिता की सेवा करता है। (इच्छावाचक वाक्य)
(ix) संपन्न होने के कारण वह अधिक खर्च करता है। (निषेधवाचक वाक्य)
(x) काश! इस पुस्तक को ध्यानपूर्वक पढ़ते। (आज्ञावाचक वाक्य)
(xi) सुंदर दृश्य है। (विस्मयवाचक वाक्य)
(xii) उसने बाज़ार जाकर जूते नहीं खरीदे। (विधानवाचक वाक्य)
(xiii) खेमू बरतन साफ़ करता है। (आज्ञावाचक वाक्य)
(xiv) हम घूमने जाते हैं। (इच्छावाचक वाक्य)
(xv) सुबह की पहली बस पकड़ने से ही समय पर पहुँचोगे। (संकेतवाचक वाक्य)

उत्तर-

(i) अरे! वह विदेशी होकर हिंदी बोलती है।
(ii) कठोर परिश्रम करते तो पछताने से बच जाते।
(iii) अहा! सुबह होते ही फूल खिलने लगे।
(iv) क्या ताकतवर होकर भी वह हार गया।
(v) हरिद्वार जाकर मैं गंगा स्नान करूँगा।
(vi) काश! चिड़िया यहाँ आकर दाना चुगतीं।
(vii) प्रांजल स्वस्थ होने के साथ धनी नहीं है।
(viii) काश! वह अपने माता-पिता की सेवा करता।
(ix) संपन्न होने पर भी अधिक खर्च नहीं करता है।
(x) इस पुस्तक को ध्यानपूर्वक पढ़ो।
(xi) अहा! कितना सुंदर दृश्य है।
(xii) उसने बाज़ार जाकर जूते खरीदे।
(xiii) खेमू बरतन साफ़ करो।
(xiv) काश! हम घूमने जाते।
(xv) यदि सुबह की पहली बस पकड़ोगे तो समय पर पहुँच पाओगे।

विभिन्न परीक्षाओं में पूछे गए प्रश्न

1. अर्थ की दृष्टि से निम्नलिखित वाक्यों के भेद बताइए –

(i) ओह! ऐसी भयंकर गरमी।
(ii) तुम उधर मत बैठो।
(iii) मैं अँधेरे से नहीं डरता।
(iv) ईश्वर आपका कल्याण करे।
(v) संभवतः वह आज आ जाए।
(vi) कृपया बाएँ चलिए।
(vii) वह कभी चुप नहीं रहता।
(viii) अगर उसने झूठ बोला तो उसकी नौकरी चली जाएगी।
(ix) सत्य की हमेशा जीत होती है।
(x) गीता आ जाती तो रागिनी चली जाती।
(xi) रमेश को बुलाओ।
(xii) छि: ! यहाँ कितनी गंदगी है।
(xiii) संभवतः आज वर्षा हो जाए।
(xiv) नववर्ष आपके लिए मंगलकारी हो।
(xv) यदि परिश्रम करोगे तो अवश्य सफल होओगे।
(xvi) आपने पाठ याद कर लिया होगा।
(xvii) यदि वह आता तो हम घूमने चलते।
(xviii) बिजली के तारों को हाथ नहीं लगाना चाहिए।
(xix) हम गरीबों को क्या निकाल रहे हो?
(xx) भारत में तो यह स्थिति अभी नहीं आई है।

उत्तर-

(i) विस्मयवाचक वाक्य
(ii) निषेधवाचक वाक्य
(iii) निषेधवाचक वाक्य
(iv) इच्छावाचक वाक्य
(v) संदेहवाचक वाक्य
(vi) आज्ञावाचक वाक्य
(vii) निषेधवाचक वाक्य
(viii) संकेतवाचक वाक्य
(ix) विधानवाचक वाक्य
(x) संकेतवाचक वाक्य
(xi) आज्ञावाचक वाक्य
(xii) विस्मयवाचक वाक्य
(xiii) संदेहवाचक वाक्य
(xiv) इच्छावाचक वाक्य
(xv) संकेतवाचक वाक्य
(xvi) संदेहवाचक वाक्य
(xvii) संकेतवाचक वाक्य
(xviii) नकारात्मक वाक्य
(xix) प्रश्नवाचक वाक्य
(xx) निषेधवाचक वाक्य

2. निर्देशानुसार वाक्य परिवर्तन कीजिए –

(i) स्त्रियों का सम्मान होता है। – इच्छावाचक वाक्य
(ii) मैना के चेहरे पर करुणभाव है। – प्रश्नवाचक वाक्य
(iii) गोपू दूध पीता है। – निषेधवाचक वाक्य
(iv) क्या तुमने खूब पढ़ाई की। – विस्मयवाचक वाक्य
(v) आज वर्षा हो रही है। – संदेहवाचक वाक्य
(vi) आपने पाठ याद कर लिया। – प्रश्नवाचक वाक्य
(vii) आजकल भ्रूण हत्या हो रही है? – विस्मयवाचक वाक्य
(viii) उनकी यात्रा मंगलमय रही। – इच्छावाचक वाक्य
(ix) राम बड़ों के पैर छूता है। – आज्ञावाचक वाक्य
(x) हमारी संस्कृति अनुकरण की संस्कृति है। – निषेधवाचक वाक्य

उत्तर-

(i) काश! स्त्रियों का सम्मान होता।
(ii) क्या मैना के चेहरे पर करुणभाव है?
(iii) गोपू दूध नहीं पीता है।
(iv) शाबाश! तुमने खूब पढ़ाई की।
(v) शायद आज वर्षा हो।
(vi) क्या आपने पाठ याद कर लिया?
(vii) छिः ! आजकल भ्रूणहत्या हो रही है।
(viii) उनकी यात्रा मंगलमय हो।
(ix) राम बड़ों के पैर छुओ।
(x) हमारी संस्कृति अनुकरण की संस्कृति नहीं है।

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