NCERT Solutions Class 9th Social Science Civics Chapter – 1 समकालीन विश्व में लोकतंत्र (Democracy in the Contemporary World) Notes In Hindi

NCERT Solutions Class 9th Social Science Civics Chapter – 1 समकालीन विश्व में लोकतंत्र (Democracy in the Contemporary World)

Text BookNCERT
Class  9th
Subject  Social Science (Civics)
Chapter1st
Chapter Nameसमकालीन विश्व में लोकतंत्र (Democracy in the Contemporary World) 
CategoryClass 9th Social Science Civics
Medium Hindi
SourceLast Doubt

NCERT Solutions Class 9th Social Science Civics Chapter – 1 समकालीन विश्व में लोकतंत्र (Democracy in the Contemporary World) Notes In Hindi गठबन्धन, 1973 का सैनिक तख्तापलट, तख्तापलट, जनमत संग्रह, लोकतंत्र की दो विशेषता आदि पढ़ेंगे।

NCERT Solutions Class 9th Social Science Civics Chapter – 1 समकालीन विश्व में लोकतंत्र (Democracy in the Contemporary World)

Chapter – 1

समकालीन विश्व में लोकतंत्र

Notes

गठबन्धन (Alliance) – कुछ लोग जब एक समान कारण के हेतु एक साथ कुछ लोगों या समूहों के एक साथ कार्य करते है वह गठबन्धन कहलाता है।
1973 का सैनिक तख्तापलट – 11 सितंबर 1973 को चिले के राष्ट्रपति आयेंदे की सरकार का उन्ही की सेना ने तख्तापलट कर दिया, जिसकी अगुआई जनरल आगस्तो पिनोशे किया किया। तख्तापलट के बाद जनरल आगस्तो पिनोशे चिली के राष्ट्रपति बने। फ़ौज ने राष्ट्रपति आयेंदे के निवास को घेर लिया और बम बरसाने लगे, इस फौजी हमले में राष्ट्रपति आयेंदे की मौत हो गई। इस तख्तापलट के लिए सैन्य शासकों को अमेरिका का साथ था, क्योंकि अमेरिका की सरकार आयेंदे शासन से खुश नहीं थीं। पिनोशे की सरकार ने आयेंदे के समर्थकों और लोकतंत्र की मांग करने वालों का दमन किया, उनकी हत्या कराई। वे सभी फौजी अधिकारी जिन्होंने तख्तापलट में शामिल होने से इंकार कर दिया था। उनकी हत्याएँ करा दी गई जिनमें चिले के वायुसेना के प्रमुख जनरल अल्बर्टो बैशेले प्रमुख थे। उनकी पत्नी और बेटी को जेल में डालकर काफी प्रताड़ित किया गया।
तख्तापलट (Coup) – किसी सरकार को गैर-कानूनी ढंग से अचानक उखाड़ फेंकने को तख्तापलट कहते हैं। यह हिंसक हो सकता है और नहीं भी ।
लोकतंत्र की वापसी – 17 वर्ष के शासन के बाद पिनोशे का सैनिक शासन 1988 में समाप्त हुआ जब उन्होंने जनमत संग्रह कराने का फैसला लिया। लोगों ने उनके सैन्य शासन को नकार दिया। सैन्य शासन के अंत के बाद जनरल बैशेले की बेटी मिशेल बैशेले चिली की राष्ट्रपति चुनी गई जो एक लोकतांत्रिक सरकार है। लोकतान्त्रिक सरकार द्वारा कराये गए जाँच में पाया गया कि पिनोशे सरकार सिर्फ क्रूर ही नहीं थी अपितु उसने भरी भ्रष्टाचार किया था।
जनमत संग्रह (Referendum) – जनमत संग्रह सभी मतदाताओं के सामने कोई एक प्रस्ताव रखक उस पर हाँ या ना में जवाब लेने वाला प्रत्यक्ष चुनाव है। यह नए संविधान, किसी कानून या सरकार की किसी एक नीति पर कराया जा सकता है।
पोलैंड में लोकतंत्र – लेनिन जहाज कारखाना के मजदूरों ने हड़ताल किया जिसका नेतृत्व बाद में लेक वलेशा ने किया जो एक पेशे से इलेक्ट्रिशियन था | बाद में वह पोलैंड का राष्ट्रपति चुना गया। पोलैंड में कानून के  अनुसार हड़ताल की इजाज़त नहीं थी क्योंकि देश में शासक दल से अलग किसी स्वतंत्र मजदूर संघ की अनुमति नहीं थी। जब हड़ताल को समर्थन मिलना शुरू हो गया तो मजदूरों ने अन्य बड़ी मांगे शुरू कर दी जो निम्न थी – स्वतंत्र मजदूर संघ बनाने की मांग की, राजनैतिक बंदियों को रिहा किया जाए और प्रेस पर लगी सेंसरशिप हटाई जाए।
साम्यवादी शासन – साम्यवादी पार्टी द्वारा चलाया जाने वाला किसी देश का शासन जिसमें अन्य पार्टियों को सत्ता के लिए प्रयास करने की इजा ।त नहीं होती। राज्य सारी बड़ी संपत्ति और उद्योगों पर नियंत्रण रखता है।
हड़ताल (Strike) – कुछ शिकायतों के चलते या किसी माँग के पूरा न होने तक मादूरों या कर्मचारियों द्वारा सामूहिक रूप से काम करने से इंकार करना। अधिकांश लोकतांत्रिक देशों में हड़ताल का अधिकार वैध है।
मजदूर संघ (Trade Union) – मादूरी करने वालों का अपने रोजगार को बनाए रखने और बेहतरी के उद्देश्य से बना संगठन।
राजनैतिक बंदी (Prisoner of Conscience) – जेल में डाले गए या अपने घर में नारबंद ऐसे लोग जिनके विचारों, कामकाज या छवि को सरकार अपने लिए खतरा मानती है। अकसर ऐसे लोगों के खिलाफ़ झूठे या बढ़ा-चढ़ाकर मामले दायर किए जाते हैं और कानून द्वारा तय प्रक्रिया को ताक पर रखकर उन्हें कैद रखा जाता है।
मार्शल लॉ (Martial law) – सेना द्वारा प्रशासन और न्यायपालिका को अपने नियंत्रण में लेने के बाद लागू कायदे-कानून।
लोकतंत्र की दो विशेषता – लोकतंत्र एक प्रकार का शासन व्यवस्था है, जिसमे सभी व्यक्ति को समान अधिकार होता हैं। एक अच्छा लोकतंत्र वह है जिसमे राजनीतिक और सामाजिक न्याय के साथ-साथ आर्थिक न्याय की व्यवस्था भी है। देश में यह शासन प्रणाली लोगो को सामाजिक, राजनीतिक तथा धार्मिक स्वतंत्रता प्रदान करती हैं।
लोकतंत्र के तीन नक़्शे

  • 1900 तक विश्व में कुछ ही लोकतांत्रिक शासन वाले देश थे जैसे, अमेरिका, फ्रांस, इंग्लैंड आदि।
  • 1950 तक दुनिया के अधिकांश उपनिवेशों को राजनैतिक आजादी मिल गई थी जैसे, भारत, श्रीलंका, पाकिस्तान, म्यांमार आदि।
  • 1975 तक अधिकांश देशों में लोकतांत्रिक व्यवस्था कायम हो चुकी थी। जबकि अधिकांश देशों में लोकतांत्रिक सरकार तानाशाहों द्वारा उखाड़ फेंका गया।
  • 2000 आते-आते आधे से अधिक देश लोकतंत्र का अनुसरण करने लगे। सोवियत संघ के विघटन तथा अन्य लोकतांत्रिक देशों के समर्थन ने लोकतंत्र के लिए मार्ग प्रशस्त किया।
उपनिवेशवाद का अंत (End of Colonialism) – 1945 में द्वितीय विश्व युद्ध के तत्काल बाद अनेक देशों ने लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था अपना ली। जबकि अधिकांश देशों में लोकतंत्र अधिक समय तक कायम नहीं रह सकी। पश्चिमी अफ्रीका का घाना देश ब्रिटिश उपनिवेश था तथा इसका नाम गोल्ड कोस्ट था। घाना की तरह ही अधिकांश अफ्रीकी देशों का रिकार्ड कमो-बेश इसी तरह का रहा।
उपनिवेश (Colonies) – किसी अन्य शासन व्यवस्था के राजनैतिक नियंत्रण में रहने वाला क्षेत्र।
हाल का दौर

  • लोकतंत्र की दिशा में ज्यादा तेजी से कदम उठाने का सिलसिला 1980 के बाद शुरू हुआ।
  • लातिन अमेरिका के अनेक देशों में लोकतांत्रिक व्यवस्था की बहाली हुई।
  • नेपाल में राजा ने अपने अनेक अधिकार, चुने हुए प्रतिनिधियों की सरकार को सौंपे और खुद संवैधानिक प्रमुख बने रहे।
  • 1948 में भारत का पड़ोसी देश म्यांमार, औपनिवेशिक शासन से आजाद हुआ और इसने लोकतंत्र को अपनाया।
  • सन् 2005 तक करीब 140 देशों में बहुदलीय प्रणाली के तहत चुनाव कराए जाते थे। यह संख्या पहले कभी भी इतनी अधिक नहीं रही।
अंतर्राष्ट्रीय संगठन (International Organization) – जब कोई समूह या कोई संस्था अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर काम करती है या अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर होती है उसे अंतर्राष्ट्रीय संगठन कहते है
वीटो (Veto) – किसी व्यक्ति, पार्टी या राष्ट्र को मिला यह अधिकार कि वह किसी कानून को अकेले रोक सकता है। वीटो किसी फैसले को रोकने का असीमित अधिकार देता है, उसे लागू कराने का नहीं। वीटो, लातिनी भाषा का शब्द है जिसका अर्थ होता है, ‘मैं मना करता हूँ।’
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (International Monetary Fund) – जब सरकार को पैसों की जरूरत होती है तब अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष और विश्व बैंक सरकारों को ऋण देते हैं। उधार देने के पहले ये संस्थाएँ संबद्ध सरकार से अपना हिसाब-किताब दिखाने को कहती है और उनकी आर्थिक नीतियों में बदलाव के निर्देश देती है।
बाहरी समर्थन का सवाल – इराक पश्चिम एशिया का एक देश है जो 1932 में यह ब्रिटिश गुलामी से आजाद हुआ। अमेरिका और ब्रिटेन आदि उसके सहयोगी देशों ने आरोप लगाया कि इराक के पास गुप्त परमाणु हथियार और ‘जनसंहार के हथियार’ हैं और इनसे दुनिया को बहुत खतरा है। इराक के खिलाफ युद्ध को सुरक्षा परिषद् ने भी मंजूरी नहीं दी थी। संयुक्त राष्ट्र महासचिव कोफ़ी अन्नान ने भी कहा कि इराक के खिलाफ अमेरिकी युद्ध गैरकानूनी है।

NCERT Solution Class 9th राजनीतिक शास्त्र Notes in Hindi