NCERT Solutions Class 8th History Chapter – 1 कैसे, कब और कहाँ (How, When And Where)
Text Book | NCERT |
Class | 8th |
Subject | Social Science (इतिहास) |
Chapter | 1st |
Chapter Name | कैसे, कब और कहाँ (How, When And Where) |
Category | Class 8th Social Science (इतिहास) |
Medium | Hindi |
Source | Last Doubt |
NCERT Solutions Class 8th History Chapter – 1 कैसे, कब और कहाँ (How, When And Where) Notes in Hindi जिसमे हम माता सीता किसकी बेटी थी?, राजा जनक की कितनी बेटी थी?, भारत में प्रथम गुरु कौन थे?, पहला गुरु कौन था?, सबसे पहला गुरु कौन था?, हिंदू धर्म में कितने गुरु हैं?, हिंदू धर्म में गुरु कौन है?, गुरु कौन सा भगवान है?, कुल गुरु कौन है?, सबसे बड़ा धर्म गुरु कौन है?, पूरे विश्व में सच्चा गुरु कौन हैं?, दुनिया का सबसे महान गुरु कौन है?, विश्व का सबसे बड़ा संत कौन सा है?, कलयुग में सच्चा संत कौन है?, 6 गुरु कौन थे?, गुरु का नाम क्या है?, गुरु का असली नाम क्या था? आदि इसके बारे में हम विस्तार से पढ़ेंगे। |
NCERT Solutions Class 8th History Chapter – 1 कैसे, कब और कहाँ (How, When And Where)
Chapter – 1
कैसे, कब और कहाँ
Notes
तारीख का महत्व – ज्यादातर लोगों के लिए इतिहास का मतलब होता है किसी घटना को किसी न किसी तारिख से जोड़ना। कई लोग तो तारीखों को याद ना रख पाने की वजह से इतिहास पढ़ने से दूर ही रहना पसंद करते हैं। यह समझने की कोशिश करते हैं कि क्या तारीख वाकई उतने महत्वपूर्ण हैं जितनी कि आम धारणा है। कई ऐतिहासिक घटनाओं को तारीखों से जोड़कर देखा जाता है। इसके पीछे कई कारण हैं। इतिहास के अधिकतर हिस्से में राजाओं की चर्चा होती है। राजा किस तारीख को गद्दी पर बैठा, किस तारीख को महत्वपूर्ण युद्ध लड़ा, उसका उत्तराधिकारी कब पैदा हुआ, आदि।
ऐसी घटनाओं को बताने में तारीख की भूमिका अहम हो जाती है। लेकिन कुछ घटनाएँ किसी एक तारीख पर न होकर एक लंबी अवधि के दौरान होती हैं। जैसे, अंग्रेजी शासन किसी खास तारीख को नहीं शुरु हुआ था, बल्कि एक लंबे समय तक चलने वाले घटनाचक्र का परिणाम था। हम कहते हैं कि भारत 15 अगस्त 1947 को आजाद हुआ।
लेकिन यह आजादी एक लंबे समय तक चलने वाले संघर्ष का नतीजा थी। इसी तरह से आलू या चाय का इस्तेमाल अचानक से किसी खास तारीख को भारत में शुरु नहीं हुआ। धीरे-धीरे यहाँ के लोगों को आलू खाने या चाय पीने की आदत लगी होगी। ऐसी घटनाओं को समझने के लिए हम एक लंबी अवधि पर गौर करते हैं जिसमें तारीख की भूमिका गौण हो जाती है।
जेम्स मिल – ये स्कॉटलैंड के अर्थशास्त्री और राजनीतिशास्त्री थे। 1817 में जेम्स मिल ने ए हिस्ट्री ऑफ ब्रिटिश इंडिया नाम से एक किताब लिखी। इस किताब में मिल ने भारत के इतिहास को तीन कालों में बाँट दिया था, हिंदू, मुस्लिम और ब्रिटिश काल।
मिल की आलोचना – कई इतिहासकारों को जेम्स मिल के इस नामकरण में खामियाँ नजर आईं। जेम्स मिल को लगता था कि अंग्रेजी राज शुरु होने से पहले भारत में मुसलमान राजाओं का शासन था और उनके पहले हिंदू राजाओं का शासन। अंग्रेजी राज शुरु होने के पहले का दौर एक अंधकार भरा समय था। जेम्स मिल को यह भी लगता था कि अंग्रेजी शासन से ही भारत के लोग सभ्य और शिक्षित हो पाएंगे। लेकिन वास्तविकता इससे अलग थी।
भारत में शिक्षा और सभ्यता का विकास आज से हजारों वर्ष पहले शुरु हो चुका था। मुगल काल हो या मौर्य साम्राज्य का काल, भारत ने शिक्षा, कला, विज्ञान, आदि के क्षेत्र में काफी तरक्की की थी इसलिए उस काल को अंधकार भरा समय कहना बिलकुल गलत होगा। ऐसा भी नहीं हुआ था कि किसी खास तारीख से अचानक से सारे हिंदू राजाओं की सत्ता जाती रही और मुगल साम्राज्य शुरु हो गया।
अन्य इतिहासकारों का मत – कुछ अन्य इतिहासकारों ने भारतीय इतिहास को तीन अलग-अलग हिस्सों में बाँटा है, प्राचीन, मध्यकालीन और आधुनिक। इस वर्गीकरण में भी कई कमियाँ हैं। आधुनिक काल की तुलना में मध्यकाल और प्राचीन काल को पिछड़ा समझा जाता है। ऐसा माना जाता है कि उस दौरान लोगों के पास वैज्ञानिक समझ नहीं थी। लेकिन यदि हम गौर से देखें तो पाएँगे कि कई महान वैज्ञानिक खोज उस काल में हो चुके थे, जैसे शून्य, बीजगणित, पाई का मान, खगोलशास्त्र का ज्ञान, आदि।
अन्य इतिहासकारों का मत – कुछ अन्य इतिहासकारों ने भारतीय इतिहास को तीन अलग-अलग हिस्सों में बाँटा है, प्राचीन, मध्यकालीन और आधुनिक। इस वर्गीकरण में भी कई कमियाँ हैं। आधुनिक काल की तुलना में मध्यकाल और प्राचीन काल को पिछड़ा समझा जाता है। ऐसा माना जाता है कि उस दौरान लोगों के पास वैज्ञानिक समझ नहीं थी। लेकिन यदि हम गौर से देखें तो पाएँगे कि कई महान वैज्ञानिक खोज उस काल में हो चुके थे, जैसे शून्य, बीजगणित, पाई का मान, खगोलशास्त्र का ज्ञान, आदि।
प्रशासनिक रेकॉर्ड – अंग्रेजी राज के समय के प्राशासनिक रेकॉर्ड से हमें उस समय के इतिहास के बारे में महत्वपूर्ण जानकारियाँ मिलती हैं। अंग्रेजी शासकों का मानना था कि हर निर्देश, योजना, नीति, निर्णय, जाँच, आदि को स्पष्ट रूप से लिखित में रखना चाहिए। लिखित रेकॉर्ड रहने से उनका अध्ययन और उनपर उचित बहस संभव हो पाता है। इसलिए अंग्रेजी प्रशासक हर आधिकारिक रेकॉर्ड को पूरी तरह सुरक्षित रखते थे और उनके लिए अभिलेखागार बनवाए।
लेकिन इन रेकॉर्ड का अध्ययन करते समय हमें एक बात का ध्यान रखना चाहिए। यह ध्यान देना होगा कि इन रेकॉर्डों में जो भी लिखा गया था वह अंग्रेज अधिकारियों की मानसिकता के हिसाब से लिखा गया होगा। हो सकता है कि लिखते समय कुछ मुद्दों को नजरअंदाज किया गया होगा या अपनी जरूरत के हिसाब से फेरबदल कर लिखा गया होगा। इसलिए इन रेकॉर्ड से आम आदमी के जीवन के बारे में ठीक से पता नहीं चलता।
सर्वेक्षण – अंग्रेजों का मानना था कि किसी देश पर शासन करने के लिए उस देश के बारे में अधिक से अधिक जानकारी जरूरी थी। इसलिए उन्नीसवीं सदी में पूरे देश में विस्तृत सर्वे कराए गए। ऐसे सर्वेक्षण गाँव-गाँव में कराए गए थे। उसके बाद हर जगह की आबादी, जाति, संप्रदाय, प्राणीजात और वनस्पतिजात के बारे में आँकड़े इकट्ठे किए गए। जनगणना भी उसी समय शुरु की गई थी। आज उन सर्वे को देखकर आपको पता चलेगा कि कभी भारत में वन सम्पदा कितनी सम्पन्न हुआ करती थी।
गृह विभाग को भेजी गई रिपोर्टें – सन् 1946 में भारत की औपनिवेशिक सरकार शाही भारतीय नौसेना के जहाज़ों में सिपाहियों की बग़ावत को कुचलने का प्रयास कर रही थी। उस समय विभिन्न बंदरगाहों से गृह विभाग को जो रिपोर्टें मिल रही थीं उनके कुछ नमूने इस प्रकार हैं-
बम्बई – इस बात का इंतज़ाम कर लिया गया है कि सेना जहाज़ों और दफ़्तरों पर कब्ज़ा कर ले। शाही नौसैनिक जहाज़ अभी भी बंदरगाह से बाहर ही हैं।
कराची – 301 विद्रोहियों को गिरफ़्तार कर लिया गया है। कुछ अन्य संदेहास्पद विद्रोही भी गिरफ़्तार किए गए हैं… सारे दफ़्तर … सैनिक निगरानी में हैं।
विशाखापट्नम – स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है और कहीं हिंसा नहीं हुई है। जहाज़ों और प्रतिष्ठानों पर सैनिक गार्ड तैनात कर दिए गए हैं। किसी परेशानी की उम्मीद नहीं है सिवाय इसके कि संभव है कुछ सिपाही काम पर न आएँ।
इंसानों के खाने के लायक नहीं है – अख़बारों से देश के विभिन्न विभागों में चल रहे आंदोलनों का पता चलता है। यहाँ 1946 में हुई पुलिस की एक हड़तालकी ख़बर दी गई है। दिल्ली में 2000 से ज़्यादापुलिसवालों ने बृहस्पतिवारसवेरे अपने कम वेतन औरपुलिस लाइन्स बावर्चीखाने से आने वाले घटिया भोजन के ख़िलाफ़ खाना खाने से इनकार कर दिया। जैसे-जैसे यह ख़बर दूसरे पुलिस थानों तक पहुँची, वहाँ भी पुलिस वालों ने खाने से इनकार कर दिया। एक हड़ताली का कहना था – “पुलिस लाइन्स की रसोई से हमारे लिए जो खाना आता है वह कोई इंसान नहीं खा सकता। हमें जो चपाती और दाल खानी पड़ती है उसे जानवर तक नहीं खा सकते”।
औपनिवेशिक – जब एक देश पर दूसरे देश के दबदबे से इस तरह के राजनीतिक, आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक बदलाव आते हैं तो इस प्रक्रिया को औपनिवेशीकरण कहा जाता है।
हम अवधियाँ कैसे तय करते हैं – 1817 में स्कॉटलैंड के अर्थशास्त्री और राजनीतिक दार्शनिक जेम्स मिल ने तीन विशाल खंडों में ए हिस्ट्री ऑफ ब्रिटिश इंडिया (ब्रिटिश भारत का इतिहास) नामक एक किताब लिखी। इस किताब में उन्होंने भारत के इतिहास को हिंदू, मुस्लिम और ब्रिटिश, इन तीन काल खंडों में बाँटा था। काल खंडों के इस निर्धारण को ज्यादातर लोगों ने मान भी लिया।
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