NCERT Solutions Class 8th Hindi Chapter -1 ध्वनि प्रश्न – उत्तर

NCERT Solutions Class 8th Hindi Chapter – 1 ध्वनि 

TextbookNCERT
Class  8th
Subject Hindi
Chapter 1st
Chapter Name ध्वनि
CategoryClass 8th  Hindi
Medium Hindi
SourceLast Doubt

NCERT Solutions Class 8th Hindi Chapter -1 ध्वनि प्रश्न – उत्तर  जिसमे हम  ध्वनि किसे कहते हैं यह कितने प्रकार के होते हैं, ध्वनि तरंगे क्या होती है, ध्वनि क्या है इसकी विशेषताएं, ध्वनि का मात्रक क्या होता है, ध्वनि इकाई की तीव्रता क्या है, ध्वनि की सबसे छोटी इकाई क्या है, आदि के बारे में विस्तार से पढ़ेंगे

NCERT Solutions Class 8th Hindi Chapter – 1 ध्वनि 

Chapter – 1

ध्वनि

प्रश्न – उत्तर

प्रश्न – अभ्यास

NCERT Solutions  Class – 8th Hindi (chapter-1) Question No.1

प्रश्न 1. कवि को ऐसा विश्वास क्यों है कि उसका अंत अभी नहीं होगा ?
उत्तर – कवि को ऐसा विश्वास इसलिए है क्योंकि अभी उसके मन में नया जोश व उमंग है। अभी उसे काफ़ी नवीन कार्य करने है। वह युवा पीढ़ी को आलस्य की दशा से उबारना चाहते हैं।

NCERT Solutions  Class – 8th Hindi (chapter-1) Question No.2

प्रश्न 2. फूलों को अनंत तक विकसित करने के लिए कवि कौन-कौन-सा प्रयास करता है ?
उत्तर – फूलों को अनंत तक विकसित करने के लिए कवि उन्हें कलियों की स्थिति से निकालकर खिले फूल बनाना चाहता है। कवि का मानना है कि उसके जीवन में वसंत आया हुआ है। इसलिए वह कलियों को हाथों के वासंती स्पर्श से खिला देगा। वह फूलों की आँखों से आलस्य हटाकर उन्हें चुस्त व जागरूक करना चाहता है।

NCERT Solutions  Class – 8th Hindi (chapter-1) Question No.3

प्रश्न 3. कवि पुष्पों की तंद्रा और आलस्य दूर हटाने के लिए क्या करना चाहता है ?
उत्तर – कवि पुष्पों की तंद्रा और आलस्य दूर हटाने के लिए उन पर अपना हाथ फेरकर उन्हें जगाना चाहता है। वह उनको चुस्त, प्राणवान, आभावान व पुष्पित करना चाहता है। अतः कवि नींद में पड़े युवकों को प्रेरित करके उनमें नए उत्कर्ष के स्वप्न जगह देगा, उनका आलस्य दूर भगा देगा तथा उनमें नये उत्साह का संचार करना चाहता है।

NCERT Solutions  Class – 8th Hindi (chapter-1) Question No.4

प्रश्न 4. वसंत को ऋतुराज क्यों कहा जाता है ? आपस में चर्चा कीजिए।
उत्तर – वसंत को ऋतुराज कहा जाता है क्योंकि यह सभी ऋतुओं का राजा है। इस ऋतु में प्रकृति पूरे यौवन होती है। इस ऋतु के आने पर सर्दी कम हो जाती है। मौसम सुहावना हो जाता है। इस समय पंचतत्व अपना प्रकोप छोड़कर सुहावने रूप में प्रकट होते हैं। पंचतत्व जल, वायु, धरती, आकाश और अग्नि सभी अपना मोहक रूप दिखाते हैं। पेड़ों में नए पत्ते आने लगते हैं। आम बौरों से लद जाते हैं और खेत सरसों के फूलों से भरे पीले दिखाई देते हैं।

  • सरसों के पीले फूल ऋतुराज के आगमन की घोषणा करते हैं। खेतों में फूली हुई सरसों, पवन के झोंकों से हिलती, ऐसी दिखाई देती है, मानो, सामने सोने का सागर लहरा रहा हो। कोयल पंचम स्वर में गाती है और सभी को कुहू-कुहू की आवाज़ से मंत्रमुग्ध करती है। इस ऋतु में उसकी छठा देखते ही बनती है। इस ऋतु में कई प्रमुख त्यौहार मनाए जाते हैं, जैसे – वसंत पंचमी, महा शिवरात्रि, होली आदि।
NCERT Solutions  Class – 8th Hindi (chapter-1) Question No.5

प्रश्न 5. वसंत ऋतु में आनेवाले त्योहारों के विषय में जानकारी एकत्र कीजिए और किसी एक त्योहार पर निबंध लिखिए।
उत्तर – वसंत ऋतु में कई त्यौहार मनाए जाते है, जैसे – वसंत-पंचमी, महा शिवरात्रि, होली आदि।
होली हमारा देश भारत विश्व का अकेला एवं ऐसा अनूठा देश है, जहँ पूरे साल कोई  न कोई  त्योहार मनाया जाता है। रंगों का त्योहार होली हिंदुओं का प्रसि़द्ध त्योहार है, जो फाल्गुन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। यह त्योहार रंग एवं उमंग का अनुपम त्योहार है जब वसंत अपने पूरे यौवन पर होता है।

  • सर्दी को विदा देने और ग्रीष्म का स्वागत करने के लिए इसे मनाया जाता है। संस्कृत साहित्य में इस त्योहार को ‘मदनोत्सव’ के नाम से भी पुकारा जाता है होली के संबंध में एक पौराणिक कथा प्रचलित है कि भगवान विष्णु के परम भक्त प्रहलाद को अग्नि में जलाने के प्रयास में उसकी बुआ ‘होलिका’ अग्नि में जलकर स्वाहा हो गई  थी। इसी घटना को याद कर प्रतिवर्ष होलिका दहन किया जाता है। दूसरे दिन फाग खेला जाता है।
  • इस दिन छोटे-बड़े, अमीर-गरीब आदि का भेदभाव मिट जाता है। सब एक दूसरे पर रंग फेंकते हैं, गुलाल लगाते हैं और गले मिलते हैं। चारों ओर आनंद, मस्ती और उल्लास का समाँ बँध जाता है। ढोल पर थिरकते, मजीरों की ताल पर झूमते, नाचते-गाते लोग आपसी भेदभाव भुलाकर अपने शत्रु को भी गले लगा लेते हैं। परन्तु कुछ लोग अशोभनीय व्यवहार कर इस त्योहार की पवित्रता को नष्ट कर देते हैं।
  • हमारा कर्तव्य है कि हम होली का त्योहार उसके आदर्शो के अनुरूप मनाएँ तथा आपसी वैमनस्य, वैर-भाव, घृणा आदि को जलाकर एक-दूसरे पर गुलाल लगाकर आपस में प्रेम, एकता और सद्भाव बढ़ाने का प्रयास करें। “होली के अवसर पर आओ एक दूजे पर गुलाल लगाएँ अपने सब भेदभाव भूलाकर, प्रेम और सद्भाव बढाएँ”

भाषा की बात

प्रश्न 1. ‘हरे-हरे’, ‘पुष्प-पुष्प’ में एक शब्द की एक ही अर्थ में पुनरावृत्ति हुई है।
कविता के ‘हरे-हरे ये पात’ वाक्यांश में ‘हरे-हरे’ शब्द युग्म पत्तों के लिए विशेषण के रूप में प्रयुक्त हुए हैं। यहाँ ‘पात’ शब्द बहुवचन में प्रयुक्त है।ऐसा प्रयोग भी होता है जब कर्ता या विशेष्य एक वचन में हो और कर्म, या क्रिया या विशेषण बहुवचन में; जैसे – वह लंबी-चौड़ी बातें करने लगा।
कविता में एक ही शब्द का एक से अधिक अर्थों में भी प्रयोग होता है – ”तीन बेर खाती ते वे तीन बेर खाती है।” जो तीन बार खाती थी वह तीन बेर खाने लगी है।
एक शब्द ‘बेर’ का दो अर्थों में प्रयोग करने से वाक्य में चमत्कार आ गया। इसे यमक अलंकार कहा जाता है।
कभी-कभी उच्चारण की समानता से शब्दों की पुनरावृत्ति का आभास होता है जबकि दोनों दो प्रकार के शब्द होते हैं; जैसे – मन का मनका।
ऐसे वाक्यों को एकत्र कीजिए जिनमें एक ही शब्द की पुनरावृत्ति हो।
ऐसे प्रयोगों को ध्यान से देखिए और निम्नलिखित पुनरावृत शब्दों का वाक्य में प्रयोग कीजिए –
बातों-बातों में, रह-रहकर, लाल-लाल, सुबह-सुबह, रातों-
रात, घड़ी-घड़ी।
उत्तर –

बातों-बातों में बातों-बातों में कब घर आ गया पता ही नहीं चला।
रह-रहकर कल रात से रह-रहकर बारिश हो रही है।
लाल-लाल लाल-लाल आँखों से पिताजी अमर को घूर रहें थे।
सुबह-सुबहदादीजी सुबह-सुबह ही पूजा करने मंदिर निकल जाती हैं।
रातों-रातईश्वर की कृपा से रामन रातों-रात अमीर हो गया।
घड़ी-घड़ीघड़ी-घड़ी शिक्षक उसे पढ़ाई में ध्यान लगाने के लिए टोकते रहते थे।

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