NCERT Solutions Class 8th Science Chapter – 1 फसल उत्पादन एवं प्रबंध (Crop Production and Management) Question & Answer in Hindi

NCERT Solutions Class 8th Science Chapter – 1 फसल उत्पादन एवं प्रबंध (Crop Production and Management)

TextbookNCERT
Class8th
Subject Science
Chapter1st
Chapter Nameफसल उत्पादन एवं प्रबंधन (Crop Production and Management)
CategoryClass 8th Science
Medium Hindi
SourceLast Doubt
NCERT Solutions Class 8th Science Chapter – 1 फसल उत्पादन एवं प्रबंध (Crop Production and Management) Question & Answer in Hindi जिसमें हम फसल उत्पादन एवं प्रबंध, फसल उत्पादन एवं प्रबंधन Class 8 question answer, फसल उत्पादन एवं प्रबंधन Notes, फसल उत्पादन एवं प्रबंधन Class 8 PDF, फसल उत्पादन एवं प्रबंधन Class 8 MCQ, फसल उत्पादन एवं प्रबंधन Class 8 Notes, फसल उत्पादन एवं प्रबंधन PDF, अध्याय 1 फसल उत्पादन एवं प्रबंध, कक्षा 8 विज्ञान के प्रश्न उत्तर पाठ 2, आदि इसके बारे में हम विस्तार से पढ़ेंगे।

NCERT Solutions Class 8th Science Chapter – 1 फसल उत्पादन एवं प्रबंध (Crop Production and Management)

Chapter – 1

फसल उत्पादन एवं प्रबंध

प्रश्न उतर

प्रश्न अभ्यास

प्रश्न 1. उचित शब्द छांटकर रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए।

तैरने, जल, फसल, पोषक, तैयारी।

(क) एक स्थान पर एक ही प्रकार के बड़ी मात्रा में उगाए गए पौधों को ………………कहते हैं।
(ख) फसल उगाने से पहले प्रथम चरण मिट्टी की ……………… होती है।
(ग) क्षतिग्रस्त बीज जल की सतह पर ….. ………. लगेंगे।
(घ) फसल उगाने के लिए पर्याप्त सूर्य का प्रकाश एवं मिट्टी से ………. तथा। …. आवश्यक हैं।

उत्तर – (क) फसल (ख) तैयारी (ग) तैरने (घ) जल, पोषक

प्रश्न 2. ‘कॉलम A’ में दिए गए शब्दों का मिलान कॉलम B से कीजिए।

कॉलम Aकॉलम B
(i) खरीफ़ फसल(A) मवेशियों का चारा
(ii) रबी फसल(B) यूरिया एवं सुपर फॉस्फेट
(iii) रासायनिक उर्वरक(C) पशु अपशिष्ट, गोबर, मूत्र एवं पादप अवशेष
(iv) कार्बनिक खाद(D) गेहूं, चना, मटर
(E) धान एवं मक्का।

उत्तर –

कॉलम Aकॉलम B
(i) खरीफ़ फसल(E) धान एवं मक्का
(ii) रबी फसल(D) गेहूँ, चना, मटर
(iii) रासायनिक उर्वरक(B) यूरिया एवं सुपर फॉस्फेट
(iv) कार्बनिक खाद(C) पशु अपशिष्ट, गोबर, मूत्र एवं पादप अवशेष।

प्रश्न 3. निम्न के दो-दो उदाहरण दीजिए ?

(क) खरीफ़ फसल
उत्तर –
धान और मक्का

(ख) रबी फसल
उत्तर –
गेहूँ और चना

प्रश्न 4. निम्न पर अपने शब्दों में एक-एक पैराग्राफ लिखिए

(क) मिट्टी तैयार करना
उत्तर –
मिट्टी को पलटना और पोला बनाना ताकि इसमें पौधे वृद्धि कर सकें और । साँस ले सकें। इससे सूक्ष्मजीवों की वृधि भी उचित होती है। इस प्रक्रिया को जुताई कहते हैं। जुते हुए खेत में सूखी मिट्टी के बड़े-बड़े ढेलों को पाटल की सहायता से तोड़ते हैं। मिट्टी का पानी और वायु द्वारा अपरदन रोकने के लिए मिट्टी को समतल करना भी जरूरी है।

(ख) बुआई
उत्तर –
खेत में बीज बोने की विधि को बुआई कहते हैं। यह फसल उत्पादन का महत्त्वपूर्ण चरण है। बोने से पहले अच्छी गुणवत्ता वाले स्वस्थ बीजों का चयन किया जाता है। बीजों को हाथों द्वारा या सीड-ड्रिल द्वारा खेतों में बोया जाता है।

(ग) निराई
उत्तर –
खरपतवार हटाने को निराई कहते हैं। निराई आवश्यक है क्योंकि खरपतवार जल, पोषक, जगह और प्रकाश की स्पर्धा कर फसल की वृद्धि पर प्रभाव डालते हैं।

(घ) थ्रेशिंग
उत्तर –
कटी हुई फसल में से अनाज को भूसे से अलग करने की विधि को श्रेशिंग कहते हैं। श्रेशिंग के लिए पशुओं का अत्यधिक उपयोग किया जाता है। बड़े-बड़े खेतों में श्रेशर या कंबाइन मशीन उपयोग में लाई जाती है। कंबाइन कटाई और थ्रेशिंग दोनों कार्य करती है।

प्रश्न 5. स्पष्ट कीजिए कि उर्वरक खाद से किस प्रकार भिन्न है?
उत्तर –
 उर्वरक और खाद में भिन्नता-

उर्वरक (Fertilizers)खाद (Manures)
उर्वरक एक अकार्बनिक लवण है।खाद एक प्राकृतिक पदार्थ है जो गोबर, मानव अपशिष्ट एवं पौधों के अवशेष के विषटन से प्राप्त होता है।
इसका उत्पादन कारखानों में होता है।खाद खेतो में बनाई जाती है।
इससे मिट्टी ह्यूमस प्राप्त नहीं होती।इससे मिट्टी को प्रचुर मात्रा में ह्यूमस प्राप्त होती है।
इसमें पादक पोषक प्रचुरता में होते है।इसमें पादक पोषक अपेक्षाकृत कम मात्रा में होते है।
यह पानी में घुलनशील होने के कारण इनका अवशोषण शीघ्र हो जाता है।यह पानी में अघुलनशील होने के कारण इनका अवशोषण धीरे – धीरे जाता है।

प्रश्न 6. सिंचाई किसे कहते हैं? जल संरक्षित करने वाली सिंचाई की दो विधियों का वर्णन कीजिए।
उत्तर –
विभिन्न अंतराल पर खेत में नियमित जल देना सिंचाई कहलाता है। सिंचाई का समय एवं बारंबारता फसलों, मिट्टी एवं ऋतु में भिन्न होता है। सिंचाई की आधुनिक विधियों द्वारा जल का उपयोग मितव्ययता से होता है। जल संरक्षित करने वाली मुख्य विधियां हैं।

(i) छिड़काव तंत्र (Sprinkler System) – इस विधि का उपयोग असमतल भूमि के लिए किया जाता है जहाँ पर जल कम मात्रा में उपलब्ध है। ऊर्ध्व पाइपों (नलों) के ऊपरी सिरों पर घूमने वाले नोज़ल लगे होते हैं। यह पाइप निश्चित दूरी पर मुख्य पाइप से जुड़े होते हैं। जब पम्प की सहायता से जल मुख्य पाइप में भेजा जाता है तो वह घूमते हुए नोज़ल से बाहर निकलता है। इसका छिड़काव पौधों पर इस प्रकार होता है जैसे वर्षा हो रही हो। छिड़काव लॉन, कॉफी की खेती एवं कई अन्य फसलों के लिए अत्यंत उपयोगी है।

(ii) ड्रिप-तंत्र (Drip System) – इस विधि में पौधों की जड़ों पर जल बूंद-बूंद करके गिरता है, इसलिए इसे ड्रिप-तंत्र कहते हैं। फलदार पौधों, बगीचों और वृक्षों को जल देने की यह सर्वोत्तम विधि है।

ड्रिप तंत्र में एक मुख्य नली होती है जिसकी सहायक नलियां होती हैं। इन सहायक नलियों के सिरे पर विशेष नोजल लगी होती है। इनसे जड़ों को बूंद-बूंद पानी मिलता है और पानी व्यर्थ नहीं जाता। यह विधि जल की कमी वाले क्षेत्रों के लिए वरदान है।

प्रश्न 7. यदि गेहूँ को खरीफ ऋतु में उगाया जाए तो क्या होगा? चर्चा कीजिए।
उत्तर – गेहूँ एक रबी फसल है अथात् यह सर्दी की ऋतु में होती है और इसे कम तापमान और कम पानी की आवश्यकता होती है। यदि गेहूँ को खरीफ या वर्षा ऋतु में बोया जाएगा तो इसे अधिक पानी मिलने से गेहूं की फसल मर जाएगी या अस्वस्थ पौधे उगेंगे।

प्रश्न 8. खेत में लगातार फसल उगाने से मिट्टी पर क्या प्रभाव पड़ता है? व्याख्या कीजिए।
उत्तर –
फसल के अच्छे उत्पादन के लिए खेतों में खाद व उर्वरकों का अत्यधिक उपयोग किया जाता है। खाद और उर्वरकों में नाइट्रोजन, फॉस्फोरस, पोटाशियम आदि पोषक तत्त्व भरपूर होते हैं, परंतु यह मिट्टी की प्रकृति बदल देते हैं। मिट्टी क्षारीय अथवा अम्लीय बन सकती है।

प्रश्न 9. खरपतवार क्या हैं? हम उनका नियंत्रण कैसे कर सकते हैं ?
उत्तर –
खरपतवार-उपज के साथ उगे हुए अवांछित पौधे खरपतवार कहलाते हैं। खरपतवार हटाने को निराई कहते हैं। खरपतवार को हटाने और उनकी वृद्धि को नियंत्रण करने की विधियां निम्नलिखित हैं-

(i) जुताई – मिट्टी को पलटना और पोला करना जुताई कहलाता है। जुताई हल से की जाती है। इससे खरपतवार उखड़ जाती और मिट्टी में मिल जाती है।
(ii) उखाड़ना – इस विधि में खरपतवार को भौतिक रूप से हाथों द्वारा उखाड़कर अथवा मिट्टी के समीप से काटकर अलग किया जाता है। इसके लिए खुरपा या हैरो उपयोग में लाए जाते हैं।
(iii) रासायनिक विधि – इस विधि में कुछ रासायनिक पदार्थ, जिन्हें खरपतवार-नाशक कहते हैं, उपज पर छिड़के जाते हैं।

प्रश्न 10. निम्न बॉक्स को सही क्रम से इस प्रकार लगाइए कि गन्ने की फसल उगाने का रेखाचित्र तैयार हो जाए।

उत्तर –

प्रश्न 11. नीचे दिए गए संकेतों की सहायता से पहेली को पूरा कीजिए ?

ऊपर से नीचे की ओर

1. सिंचाई का एक पारंपरिक तरीका।
2. बड़े पैमाने पर पालतू पशुओं की उचित देखभाल करना।
3. फसल जिन्हें वर्षा ऋतु में बोया जाता है।
4. फसल पक जाने के बाद काटना।

बाईं से दाईं ओर

1. शीत ऋतु में उगाई जाने वाली फसलें
2. एक ही किस्म के पौधे जो बड़े पैमाने पर उगाए जाते हैं।
3. रासायनिक पदार्थ जो पौधों को पोषक प्रदान करते हैं।
4. खरपतवार हटाने की प्रक्रिया।

उत्तर –

NCERT Solution Class 8th  Science All Chapters Question Answer in Hindi
Chapter – 1 फसल उत्पादन एवं प्रबंध
Chapter – 2 सूक्ष्मजीव मित्र एवं शत्रु
Chapter – 3 कोयला और पेट्रोलियम
Chapter – 4 दहन एवं ज्वाला
Chapter – 5 पौधे एवं जंतुओं का संरक्षण
Chapter – 6 जंतुओं में जनन
Chapter – 7 किशोरावस्था की ओर
Chapter – 8 बल तथा दाब
Chapter – 9 घर्षण
Chapter – 10 ध्वनि
Chapter – 11 विद्युत धारा के रासानिक प्रभाव
Chapter – 12 कुछ प्राकृतिक परिघटनाएँ
Chapter – 13 प्रकाश
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Chapter – 2 सूक्ष्मजीव मित्र एवं शत्रु
Chapter – 3 कोयला और पेट्रोलियम
Chapter – 4 दहन एवं ज्वाला
Chapter – 5 पौधे एवं जंतुओं का संरक्षण
Chapter – 6 जंतुओं में जनन
Chapter – 7 किशोरावस्था की ओर
Chapter – 8 बल तथा दाब
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Chapter – 4 दहन एवं ज्वाला
Chapter – 5 पौधे एवं जंतुओं का संरक्षण
Chapter – 6 जंतुओं में जनन
Chapter – 7 किशोरावस्था की ओर
Chapter – 8 बल तथा दाब
Chapter – 9 घर्षण
Chapter – 10 ध्वनि
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Chapter – 12 कुछ प्राकृतिक परिघटनाएँ
Chapter – 13 प्रकाश

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