NCERT Solution Class 8th Science Chapter -7 किशोरावस्था की ओर (Reaching The Age of Adolescence)
Textbook | NCERT |
Class | 8th |
Subject | विज्ञान (Science) |
Chapter | 7th |
Chapter Name | किशोरावस्था की ओर |
Category | Class 8th विज्ञान (Science) |
Medium | Hindi |
Source | Last Doubt |
NCERT Solution Class 8th Science Chapter – 7 किशोरावस्था की ओर (Reaching The Age of Adolescence) Notes in Hindi यहाँ हम आप के लिए लाये है हिंदी में NCERT Solution Class 8th Science Chapter – 7 किशोरावस्था की ओर का पूर्ण समाधान। कक्षा 8 के लिए ये एनसीईआरटी सकिशोरावस्था की ओरमाधान हिंदी माध्यम में पढ़ रहे छात्रों के लिए बहुत उपयोगी हैं। आप यहाँ से हिंदी में कक्षा 8 विज्ञान अध्याय 7 किशोरावस्था की ओर के लिए एनसीईआरटी समाधान को पीडीऍफ़ फाइल में डाउनलोड भी कर सकते है। |
NCERT Solution Class 8th Science Chapter – 7 किशोरावस्था की ओर (Reaching The Age of Adolescence)
Chapter – 7
किशोरावस्था की ओर
Notes
टीनएज – किशोरावस्था के समय के वर्षों को अंग्रेजी के thirteen, fourteen, fifteen, आदि से लिखा जाता है। आप गौर करेंगे कि वर्षों के इन नामों का अंत टीन (TEEN) से होता है। इसलिए जीवन के इस दौर को टीनएज भी कहते हैं।
यौवनारंभ – किशोरावस्था के दौरान होने वाले बदलावों की प्रक्रिया को यौवनारंभ कहते हैं। यौवनारंभ के शुरु होते ही किशोरावस्था शुरु हो जाती है। किशोरावस्था के समाप्त होते ही जनन परिपक्वता आ जाती है।
लंबाई में वृद्धि – किशोरावस्था में सबसे साफ दिखाई देने वाला बदलाव होता है लंबाई में वृद्धि। इस आयु में शरीर की लंबी हड्डियाँ बड़ी तेजी से बढ़ती हैं, जिसके कारण लंबाई तेजी से बढ़ती है। शुरु में लड़कों की तुलना में लड़कियाँ तेजी से बढ़ती हैं, लेकिन आमतौर पर लड़कों की लंबाई लड़कियों से अधिक होती है। 18 वर्ष की आयु आने तक हर व्यक्ति अपनी पूरी लंबाई पा लेता है।
आकृति में बदलाव – लड़कों की पेशियाँ अधिक स्पष्ट हो जाती हैं। उनके कंधे चौड़े हो जाते हैं और कमर पतली हो जाती है। लड़कियों के कंधे पतले रहते हैं लेकिन कमर के नीचे का हिस्सा चौड़ा हो जाता है।
आवाज में बदलाव – लड़कों की आवाज भारी हो जाती है। कभी कभी कुछ दिनों के लिए आवाज फट जाती है जो कुछ दिनों के बाद सामान्य हो जाती है। ऐसा इसलिए होता है कि लड़कों के स्वरयंत्र में वृद्धि होती है। लड़कियों की आवाज पतली, यानि ऊँचे पिच वाली हो जाती है।
एडम्स एप्पल (कंठ मणिका) – स्वरयंत्र जब बड़ा हो जाता है तो यह गर्दन में एक उभार के रूप में दिखने लगता है। इस उभार को एडम्स एप्पल कहते हैं।
स्वेद और तैल ग्रंथियों की क्रियाशीलता – किशोरावस्था के दौरान स्वेद ग्रंथियाँ और तैल ग्रंथियाँ अधिक सक्रिय हो जाती हैं। इस के कारण, कई किशोरों को मुहासे और एक्ने (सिहुली) की समस्या हो सकती है।
जननांगों का विकास – लड़कों का वृषण शुक्राणु बनाना शुरु कर देता है। वृषण और शिश्न का विकास पूरा हो जाता है। लड़कियों के अंडाशय बड़े हो जाते हैं और अंडाणु परिपक्व होने शुरु हो जाते हैं। अंडाशय से परिपक्व अंडाणु का निर्मोचन शुरु हो जाता है।
मानसिक, बौद्धिक एवं भावनात्मक परिपक्वता – किशोरावस्था के दौरान शरीर में होने वाले बदलावों का असर व्यक्ति की सोच पर भी पड़ता है। किशोरवय का व्यक्ति अब सोचने में अधिक समय बिताता है और अपने बारे में अधिक जागरूक हो जाता है। कई किशोरवय व्यक्तियों में असुरक्षा की भावना भी भर जाती है।
गौण लैंगिक लक्षण – जिन लक्षणों के कारण नर और मादा में भिन्नता दिखाई देती है उन्हें गौण लैंगिक लक्षण कहते हैं। लड़कों में गौण लैंगिक लक्षण: चेहरे पर दाढ़ी मूँछ, भारी आवाज और छाती पर बाल।
लड़कियों में गौण लैंगिक लक्षण – स्तनों का बड़ा होना और पतली आवाज।
लड़के और लड़कियों में कुछ समान लक्षण – बगलों में और प्यूबिक क्षेत्र में बाल।
हॉर्मोन का नियंत्रण –
• किशोरवय में होने वाले बदलावों का नियंत्रण हॉर्मोन द्वारा होता है। हॉर्मोन एक तरह के रसायन होते हैं जिनका स्राव अंत:स्रावी ग्रंथियों द्वारा होता है।
• विभिन्न उपापचयी क्रियाओं में हॉर्मोन की अहम भूमिका होती है। लड़कों में वृषण से टेस्टोस्टेरोन नाम के हॉर्मोन का स्राव होता है। इस हॉर्मोन के कारण लड़कों में कई बदलाव होते हैं।
• लड़कियों में अंडाशय से एस्ट्रोजेन नाम के हॉर्मोन का स्राव होता है। यह हॉर्मोन लड़कियों में कई बदलाव लाता है।
• इन हॉर्मोन का काम पिट्यूटरी ग्रंथि द्वारा निकलने वाले एक हॉर्मोन द्वारा नियंत्रित होता है।
• पिट्यूटरी ग्रंथि द्वारा निकलने वाला एक अन्य हॉर्मोन अंडाणु के परिपक्व होने और शुक्राणु के उत्पादन को प्रभावित करता है।
• बिना ट्यूब की ग्रंथियों को अंत:स्रावी ग्रंथि कहते हैं। इन ग्रंथियों से निकलने वाला स्राव सीधा रक्त से होकर अपने टार्गेट अंग तक पहुँचता है।
लैंगिक हॉर्मोन के अलावा अन्य हॉर्मोन
एंडोक्राइन ग्लैंड | हॉर्मोन | कार्य |
पिट्यूटरी | ग्रोथ हॉर्मोन | शरीर की सामान्य वृद्धि |
थायरॉयड | थायरॉक्सिन | सामान्य मेटाबॉलिज्म |
पैंक्रियाज | इंसुलिन | ग्लूकोज मेटाबॉलिज्म |
एड्रिनल | एड्रिनलिन | शरीर को लड़ने या भागने के लिए तैयार करना, यानि विषम परिस्थिति के लिए तैयार करना |
किशोरावस्था – जीवन काल की वह अवधि जब शरीर में ऐसे परिवर्तन होते हैं जिसके परिणामस्वरूप जनन परिपक्वता आती है, किशोरावस्था (Adolescence) कहलाती है।
ऋतुस्राव – यदि अंडाणु का निषेचन नहीं हो पाता तब उस स्थिति में अंडाणु तथा गर्भाशय का मोटा स्तर उसकी रुधिर वाहिकाओं सहित निस्तारित हो जाता है। इससे स्त्रियों में रक्तस्त्राव होता है जिसे ऋतुस्राव अथवा रजोधर्म कहते हैं। ऋतुस्राव लगभग 28 से 30 दिन में एक बार होता है।
कायांतरण – टैडपोल को वयस्क मेंढक बनने के लिए अनेक चरणों से गुजरना पड़ता है लारवा से वयस्क बनने के इस परिवर्तन को कायांतरण कहते हैं। कीटों में कायांतरण का नियंत्रण कीट हार्मोन द्वारा होता है। मेंढक में थायरॉइड द्वारा स्रावित हार्मोन थायरॉक्सिन इसका नियमन करता है। थायरॉक्सिन के उत्पादन के लिए जल में आयोडीन
आपने क्या सीखा
• यौवनारम्भ होने पर व्यक्ति जनन के सक्षम हो जाता है। 11 वर्ष की आयु से 19 वर्ष तक की अवधि किशोरावस्था कहलाती है।
• यौवनारम्भ का प्रारम्भ होने पर जनन अंगों में वृद्धि होती है तथा शरीर के विभिन्न स्थानों पर बाल आने लगते हैं। लड़कियों में स्तन विकसित हो जाते हैं तथा लड़कों के चेहरे पर दाढ़ी-मूँछें आ जाती हैं। किशोरावस्था में स्वरयंत्र की वृद्धि होने के कारण लड़कों की आवाज़ फटने लगती है।
• किशोरावस्था में लंबाई में वृद्धि होती है।
• यौवनारम्भ एवं जनन अंगों का परिपक्व होना हार्मोनों द्वारा नियंत्रित होता है।
• हार्मोन अंतःस्रावी ग्रंथियों द्वारा स्रावित पदार्थ जो रुधिर में सीधे पहुँचते हैं।
• पीयूष ग्रंथि हार्मोन स्रावित करते हैं जैसे कि वृद्धि हार्मोन, तथा अन्य ग्रंथियों – वृषण, अंडाशय, थायरॉइड तथा एड्रिनेल को हार्मोन स्रावित करने के लिए उद्दीपित करते हैं। अग्न्याशय इन्सुलिन का, थायरॉइड थाइरॉक्सिन का तथा एड्रिनल एड्रिनेलिन हार्मोन का उत्पादन करते हैं।
• टेस्टोस्टेरॉन नर हार्मोन है तथा एस्ट्रोजन मादा हार्मोन है। गर्भाशय की दीवार निषेचित अंडाणु (युग्मनज) को ग्रहण के लिए अपने आपको तैयार करती है। निषेचन न होने की स्थिति में गर्भाशय की दीवार की आंतरिक सतह निस्तारित होकर शरीर से बाहर रक्त के साथ प्रवाहित हो जाती है। इसे ऋतुस्राव अथवा रजोधर्म कहते हैं।
• अजन्मे शिशु का लिंग निर्धारण इस बात पर निर्भर करता है। कि युग्मनज में XX गुणसूत्र हैं अथवा XY गुणसूत्र ।
किशोरावस्था में संतुलित आहार करना तथा व्यक्तिगत स्वच्छता का पालन करना महत्त्वपूर्ण है।
आपने क्या सीखा • यौवनारम्भ होने पर व्यक्ति जनन के सक्षम हो जाता है। 11 वर्ष की आयु से 19 वर्ष तक की अवधि किशोरावस्था कहलाती है। • यौवनारम्भ का प्रारम्भ होने पर जनन अंगों में वृद्धि होती है तथा शरीर के विभिन्न स्थानों पर बाल आने लगते हैं। लड़कियों में स्तन विकसित हो जाते हैं तथा लड़कों के चेहरे पर दाढ़ी-मूँछें आ जाती हैं। किशोरावस्था में स्वरयंत्र की वृद्धि होने के कारण लड़कों की आवाज़ फटने लगती है। • किशोरावस्था में लंबाई में वृद्धि होती है। • यौवनारम्भ एवं जनन अंगों का परिपक्व होना हार्मोनों द्वारा नियंत्रित होता है। • हार्मोन अंतःस्रावी ग्रंथियों द्वारा स्रावित पदार्थ जो रुधिर में सीधे पहुँचते हैं। • पीयूष ग्रंथि हार्मोन स्रावित करते हैं जैसे कि वृद्धि हार्मोन, तथा अन्य ग्रंथियों – वृषण, अंडाशय, थायरॉइड तथा एड्रिनेल को हार्मोन स्रावित करने के लिए उद्दीपित करते हैं। अग्न्याशय इन्सुलिन का, थायरॉइड थाइरॉक्सिन का तथा एड्रिनल एड्रिनेलिन हार्मोन का उत्पादन करते हैं। • टेस्टोस्टेरॉन नर हार्मोन है तथा एस्ट्रोजन मादा हार्मोन है। गर्भाशय की दीवार निषेचित अंडाणु (युग्मनज) को ग्रहण के लिए अपने आपको तैयार करती है। निषेचन न होने की स्थिति में गर्भाशय की दीवार की आंतरिक सतह निस्तारित होकर शरीर से बाहर रक्त के साथ प्रवाहित हो जाती है। इसे ऋतुस्राव अथवा रजोधर्म कहते हैं। • अजन्मे शिशु का लिंग निर्धारण इस बात पर निर्भर करता है। कि युग्मनज में XX गुणसूत्र हैं अथवा XY गुणसूत्र । किशोरावस्था में संतुलित आहार करना तथा व्यक्तिगत स्वच्छता का पालन करना महत्त्वपूर्ण है। |
प्रश्न 1. लड़की के 10-15 वर्ष की आय में हार्मोन क्या करते हैं ?
प्रश्न 2. मानव में दो अंतःस्रावी ग्रंथियों के नाम लिखिए।
प्रश्न 3. कौन-सी अंतःस्रावी ग्रंथि वृद्धि हार्मोन उत्पन्न करती है ?
प्रश्न 4. मादा जनन कोशिका को क्या कहते हैं ?
प्रश्न 5. मानव में वृधि किस आयु में रुक जाती है ?
प्रश्न 6. थाइराक्सिन हार्मोन का मुख्य तत्त्व क्या है ?
प्रश्न 7. कौन-सी ग्रंथि से एड्रीनेलिन उत्पन्न होती है ?
प्रश्न 8. नर और मादा जनन हार्मोनों के नाम लिखिए।
प्रश्न 9. लिंग गुणसूत्रों (Sex Chromosomes) को परिभाषित करें।
प्रश्न 10. मानव कोशिका में कितने गुणसूत्र पाए जाते हैं ?
प्रश्न 11. किशोरावस्था कब आरंभ और खत्म होती है ?
प्रश्न 12. ग्रंथियां जो अपना स्राव सीधा रक्त प्रवाह में बहने देती हैं ……….. कहलाती हैं।
प्रश्न 13. ‘लक्ष्य स्थल’ क्या है ?
प्रश्न 14. मादा मानव में जनन प्रक्रिया की अवधि क्या है ?
प्रश्न 15. रजोदर्शन (Menarche) की परिभाषा दीजिए।
प्रश्न 16. रजोनिवृत्ति (Menopause) क्या है ?
प्रश्न 17. नर और मादा के लैंगिक गुण सूत्र कौन-से हैं ?
प्रश्न 18. पीयूष ग्रंथि कहाँ होती है ?
प्रश्न 19. कीटों और मेढकों के कायांतरण में से कौन-से हार्मोन उपयोग में आते हैं ?
प्रश्न 20. AIDS को विस्तृत रूप में लिखें।
प्रश्न 21. भारतीय संविधान के अनुसार विवाह की आयु क्या है ?
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NCERT Solution Class 8th Science All Chapters Question Answer in Hindi |
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