NCERT Solution Class 8th Science Chapter – 5 पौधे एवं जंतुओं का संरक्षण (Conservation of Plants and Animals) Notes in Hindi

NCERT Solution Class 8th Science Chapter – 5 पौधे एवं जंतुओं का संरक्षण (Conservation of Plants and Animals)

TextbookNCERT
Class 8th
Subject Science
Chapter5th
Chapter Nameपौधे एवं जंतुओं का संरक्षण
CategoryClass 8th Science
Medium Hindi
SourceLast Doubt
NCERT Solution Class 8th Science Chapter – 5 पौधे एवं जंतुओं का संरक्षण (Conservation of Plants and Animals) Notes in Hindi इस अध्याय में हम जानेगे पौधों और जंतुओं का संरक्षण क्यों आवश्यक है, पौधे एवं जंतुओं का संरक्षण कैसे कर सकते हैं?, स्थानिक पौधे क्या हैं कक्षा 8?, पौधों और जंतुओं का संरक्षण क्यों आवश्यक है?, पेड़ पौधे का संरक्षण कैसे करें?, पौधों का संरक्षण कैसे किया जाता है?, पौधों का संरक्षण क्या है?, पेड़ों का संरक्षण क्यों जरूरी है?, पौधे का संरक्षण क्यों आवश्यक है? और वन और वन्य जीवन का संरक्षण क्या है? आदि के बारे में पढ़ेंगे।

NCERT Solution Class 8th Science Chapter – 5 पौधे एवं जंतुओं का संरक्षण (Conservation of Plants and Animals)

Chapter – 5

पौधे एवं जंतुओं का संरक्षण

Notes

वनोन्मूलन – वनोन्मूलन का सीधा सा अर्थ होता है जितने भी वनों या जंगल है, उन वनों को हटा के उस जमीन/भूमि का अन्य कार्यों में उपयोग करना। हमारी पृथ्वी पर तरह-तरह प्रकार के पौधे एवं जंतु अपना जीवन जीते व रहते हैं। आज जीवों के अस्तित्व के लिए वनोन्मूलन सबसे बड़ा खतरा बन सा गया है।

वनोन्मूलन या वन में वृक्षों की कटाई निम्न उद्देश्यों से की जाती है:

• कृषि के लिए भूमि प्राप्त करना।
• घरों एवं कारखानों का निर्माण करना।
• लकड़ी का इस्तेमाल फर्नीचर बनाने अथवा ईंधन के रूप में उपयोग करना।

वनोन्मूलन के परिणाम

वनोन्मूलन से पृथ्वी पर अब वन खत्म हो रहे है, वनों के ख़तम होने से ऑक्सीजन की पर्याप्त मात्रा में हम मनुष्य को अब नहीं मिल रही है। जिसके कारण वायुमण्डल में कार्बन डाइऑक्साइड (Co2) का स्तर भी बढ़ता जा रहा है।

क्योंकि कार्बन डाइऑक्साइड (Co2) का स्तर बढ़ने लगा है तो ऊष्णन यानि ताप बढ़ता जा रहा है। और ताप एवं प्रदूषण के स्तरों में वृद्धि हो रही है। तथा जलचक्र का संतुलन भी बिगड़ रहा है और वर्षा के दरों (मात्रा) में कमी आ रही है जिसके कारण ही सूखा जैसी समस्या बढ़ रही है।

मरुस्थलीकरण – जब उर्वरक या उपजाऊ वाली भूमि किसी कारण से धीरे-धीरे मरुस्थल में परिवर्तित हो जाती है। तो इसे ही मरुस्थलीकरण कहते हैं।

यह कारणों निम्न तरह से हो सकती है –

• जैसे नदी का बहाव की दिशा बदल जाना।
• उस जमीन पे लगातार एक ही वर्ष में कई फसल करना जिससे उर्वरको की कमी हो जाना।

जैवमण्डल आरक्षण – जैवमण्डल आरक्षण या जैव विविधता का अर्थ है किसी भी विशेष क्षेत्र में पाए जाने वाले सभी पौधों, जंतुओं और सूक्ष्मजीवों की विभिन्न प्रजातियाँ को आरक्षण की सुविधा देना जिससे उस क्षेत्र की जैव विविधता एवं संस्कृति को बनाए रखने में सहायता मिल जाना। जैव विविधता के संरक्षण के उद्देश्य से ही जैवमण्डल आरक्षित क्षेत्र बनाए गए हैं।

पेड़-पौधे एवं जीव-जंतु – कुछ जंतु एवं पौधे एक विशेष क्षेत्र में पाए जाते हैं। किसी भी विशेष क्षेत्र में पाए जाने वाले पेड़-पौधे उस क्षेत्र के ‘वनस्पतिजात’ एवं जीव-जंतु ‘प्राणिजात’ कहलाते हैं।

उदहारण – जंगली कुत्ता, चीतल, भेड़िया, तेंदुआ, फर्न, जामुन

विशेष क्षेत्री प्रजाति – पौधों एवं जन्तुओं की वह स्पीशीज जो किसी विशेष क्षेत्र में विशिष्ट रूप से पाई जाती है उसे विशेष क्षेत्रिये स्पीशीज़ कहते हैं। ये किसी भी अन्य क्षेत्र में प्राकृतिक रूप से नहीं पाई जाती है। तहत किसी विशेष प्रकार का पौधा या जन्तु किसी विशेष क्षेत्र या राज्य अथवा देश की विशेष क्षेत्री प्रजाति हो सकते हैं।

वन्यप्राणी अभ्यारण – आरक्षित वनों की तरह ही कुछ ऐसे क्षेत्र हैं जहाँ वन्यप्राणी (जंतु) सुरक्षित एवं संरक्षित रहते हैं। इन्हें ही वन्यप्राणी अभ्यारण्य कहते हैं।

राष्ट्रीय उद्यान – यह विशाल आरक्षित क्षेत्र है तथा पर्यावरण के संपूर्ण संघटकों का संरक्षण करने में पर्याप्त है। इन्हें राष्ट्रीय उद्यान कहते हैं। यह वनस्पतिजात, प्राणीजात तथा ऐतिहासिक वस्तुओं का संरक्षण करते हैं। सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान भारत का प्रथम आरक्षित वन है।

संकटापन्न जंतु– वे जंतु जिनकी संख्या एक निर्धारित स्तर से कम होती जा रही है और वे विलुप्त हो सकते हैं उन्हें ‘संकटापन्न जंतु’ कहते हैं।

प्रवास – प्रवास का अर्थ अपने आवास जहाँ वे रहते है उस मूल जगह को छोड़ कर कुछ समय के लिए किसी मूल जगह पे रहने के लिए चले जाते है।

उदाहरण :- दूसरी जलवायु में परिवर्तन के कारण प्रवासी पक्षी प्रत्येक वर्ष सुदूर क्षेत्रों से एक निश्चित समय पर उड़ कर चले आते हैं। वह यहाँ अंडे देने के लिए आते हैं क्योंकि उनके मूल आवास में बहुत अधिक शीत के कारण वह स्थान उस समय जीवनयापन हेतु अनुकूल नहीं होता। ऐसे पक्षी जो उड़कर सुदूर क्षेत्रों तक लम्बी यात्रा करते हैं, वह सभी प्रवासी पक्षी कहलाते हैं।

प्रवास – प्रवास का अर्थ अपने आवास जहाँ वे रहते है उस मूल जगह को छोड़ कर कुछ समय के लिए किसी मूल जगह पे रहने के लिए चले जाते है।

उदाहरण :- दूसरी जलवायु में परिवर्तन के कारण प्रवासी पक्षी प्रत्येक वर्ष सुदूर क्षेत्रों से एक निश्चित समय पर उड़ कर चले आते हैं। वह यहाँ अंडे देने के लिए आते हैं क्योंकि उनके मूल आवास में बहुत अधिक शीत के कारण वह स्थान उस समय जीवनयापन हेतु अनुकूल नहीं होता। ऐसे पक्षी जो उड़कर सुदूर क्षेत्रों तक लम्बी यात्रा करते हैं, वह सभी प्रवासी पक्षी कहलाते हैं।

पुनर्वनरोपण – पुनर्वनरोपण विधि में काटे गए वृक्षों की कमी को पूरा करने के उद्देश्य से नए वृक्षों का रोपण होता है। जिससे वृक्षों की संख्या बढ़ाया जाता है, रोपण वाले वृक्ष मुख्य रूप से उसी स्पीशीज़ के होते हैं, जो उसी वन में पाए जाते हैं।

आपने इस अध्याय में सीखा

• वन्यप्राणी अभ्यारण्य, राष्ट्रीय उद्यान एवं जैवमण्डल आरक्षित क्षेत्र ऐसे नाम हैं जो वन एवं वन्यप्राणियों का संरक्षण एवं परिरक्षण हेतु बने हैं।

• जैव विविधता का अर्थ है किसी विशिष्ट क्षेत्र में पाए जाने वाले सजीवों की विभिन्न किस्में।

• किसी क्षेत्र के सभी पौधे, एवं जन्तु उस क्षेत्र के वनस्पतिजात और प्राणिजात से जाने जाते हैं।

• विशेष क्षेत्री स्पीशीज किसी क्षेत्र विशेष में ही पाई जाती हैं।

• संकटापन्न स्पीशीज वह स्पीशीज हैं जो विलुप्त होने के कगार पर हैं।

• रेड डाटा पुस्तक में संकटापन्न स्पीशीज का रिकार्ड रहता है।

• प्रवास वह परिघटना है जिसमें किसी स्पीशीज का अपने आवास से किसी अन्य आवास में हर वर्ष की विशेष अवधि में, विशेषकर प्रजनन हेतु चलन होता है।

• हमें वृक्ष, ऊर्जा और पानी की बचत करने के लिए, कागज़ की बचत, उसका पुनः उपयोग और पुनः चक्रण करना चाहिए।

• पुनर्वनरोपण, नष्ट किए गए वनों को पुनर्स्थापित करने के लिए रोपण करना है।

FAQ

प्रश्न 1. वनोन्मूलन की परिभाषा दीजिए।

वनों का काटना और उस भूमि का उपयोग दूसरे उद्देश्यों के लिए करना वनोन्मूलन कहलाता है।

प्रश्न 2. वनोन्मूलन के प्राकृतिक कारक बताइए।

दावानल और भीषण सूखा वनोन्मूलन के प्राकृतिक कारक हैं।

प्रश्न 3. वर्षा और भूमि की उर्वरकता में कमी के क्या प्रभाव हैं ?

इनसे प्राकृतिक आपदाओं बाढ़ और सूखा की संभावना बढ़ती है।

प्रश्न 4. प्रकाश संश्लेषण के लिए पौधों को कौन-सी गैस की आवश्यकता होती है ?

पौधों को कार्बन डाइऑक्साइड (Co2) की आवश्यकता होती है।

प्रश्न 5. पर्यावरण में कार्बन डाइऑक्साइड गैस की वृद्धि से क्या होगा ?

ऊष्मण का दर बढ़ जाना।

प्रश्न 6. सूखा का क्या कारण है ?

भूमि पर ताप में वृद्धि से सूखा पड़ता है।

प्रश्न 7. मरुस्थलीकरण की परिभाषा लिखिए।

मरुस्थलीकरण-उर्वरक भूमि का रेगिस्तान में परिवर्तन, मरुस्थलीकरण कहलाता है।

प्रश्न 8. उस स्थान का नाम लिखें जहाँ पौधे एवं जंतु ऊपरी हिमालय की श्रृंखलाओं एवं निचले पश्चिमी घाट के समान हैं।

पंचमढ़ी जैवमंडलीय संरक्षित क्षेत्र।

प्रश्न 9. सरकार वनों एवं वन्य जंतुओं के संरक्षण के लिए क्या करती है ?

सरकार संरक्षण और सुरक्षा हेतु नियम, विधियाँ और नीतियाँ बनाती है।

प्रश्न 10. जैवमंडल क्या है ?

जैवमंडल-पृथ्वी का वह भाग जिसमें सजीव पाए जाते हैं अथवा जो जीवनयापन योग्य हैं।

प्रश्न 11. जैव-विविधता की परिभाषा दीजिए।

जैव-विविधता से तात्पर्य पृथ्वी पर पाए जाने वाले विभिन्न जीवों की प्रजातियों के पारस्परिक संबंध और पर्यावरण से संबंध है।

प्रश्न 12. जैवमंडल आरक्षित क्षेत्र क्या है ?

जैवमंडल आरक्षित क्षेत्र वे क्षेत्र हैं जहाँ जैव-विविधता की संरक्षणता होती है।

प्रश्न 13. पंचमढ़ी में पाए जाने वाले एक राष्ट्रीय उद्यान और दो वन्यजंतु अभ्यारण्यों के नाम लिखिए।

1. उद्यान – सतपुड़ा।
2. वन्यजंतु अभ्यारण्य – बोरी एवं पंचमढ़ी।

प्रश्न 14. वनस्पतिजात की परिभाषा लिखें।

किसी विशेष क्षेत्र में पाए जाने वाले पेड़-पौधे वनस्पतिजात कहलाते हैं।

प्रश्न 15. पंचमढ़ी जैवमंडल आरक्षित क्षेत्र के वनस्पतिजात के कुछ उदाहरण दो।

उदहारण :- साल, टीक, आम, जामुन, चाँदी, फर्ना, अर्जुन आदि
NCERT Solution Class 8th  Science All Chapters Notes in Hindi
Chapter – 1 फसल उत्पादन एवं प्रबंध
Chapter – 2 सूक्ष्मजीव मित्र एवं शत्रु
Chapter – 3 कोयला और पेट्रोलियम
Chapter – 4 दहन एवं ज्वाला
Chapter – 5 पौधे एवं जंतुओं का संरक्षण
Chapter – 6 जंतुओं में जनन
Chapter – 7 किशोरावस्था की ओर
Chapter – 8 बल तथा दाब
Chapter – 9 घर्षण
Chapter – 10 ध्वनि
Chapter – 11 विद्युत धारा के रासानिक प्रभाव
Chapter – 12 कुछ प्राकृतिक परिघटनाएँ
Chapter – 13 प्रकाश
NCERT Solution Class 8th  Science All Chapters Question Answer in Hindi
Chapter – 1 फसल उत्पादन एवं प्रबंध
Chapter – 2 सूक्ष्मजीव मित्र एवं शत्रु
Chapter – 3 कोयला और पेट्रोलियम
Chapter – 4 दहन एवं ज्वाला
Chapter – 5 पौधे एवं जंतुओं का संरक्षण
Chapter – 6 जंतुओं में जनन
Chapter – 7 किशोरावस्था की ओर
Chapter – 8 बल तथा दाब
Chapter – 9 घर्षण
Chapter – 10 ध्वनि
Chapter – 11 विद्युत धारा के रासानिक प्रभाव
Chapter – 12 कुछ प्राकृतिक परिघटनाएँ
Chapter – 13 प्रकाश
NCERT Solution Class 8th  Science All Chapters MCQ in Hindi
Chapter – 1 फसल उत्पादन एवं प्रबंध
Chapter – 2 सूक्ष्मजीव मित्र एवं शत्रु
Chapter – 3 कोयला और पेट्रोलियम
Chapter – 4 दहन एवं ज्वाला
Chapter – 5 पौधे एवं जंतुओं का संरक्षण
Chapter – 6 जंतुओं में जनन
Chapter – 7 किशोरावस्था की ओर
Chapter – 8 बल तथा दाब
Chapter – 9 घर्षण
Chapter – 10 ध्वनि
Chapter – 11 विद्युत धारा के रासानिक प्रभाव
Chapter – 12 कुछ प्राकृतिक परिघटनाएँ
Chapter – 13 प्रकाश

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