NCERT Solution Class – 7th Social Science (Civics) Chapter – 9 समानता के लिए संघर्ष (Struggles for Equality)
Textbook | NCERT |
Class | 7th |
Subject | Civics |
Chapter | 9th |
Chapter Name | समानता के लिए संघर्ष (Struggles for Equality) |
Category | Class 7th Social Science (Civics) |
Medium | Hindi |
Source | Last Doubt |
NCERT Solution Civics Class – 7th Social Science (Civics) Chapter – 9 समानता के लिए संघर्ष (Struggles for Equality) Notes in hindi जिसमें हम समानता के लिए संघर्ष क्या हैं?, समानता के तीन आयाम क्या है?, संघर्ष से आप क्या समझते हैं?, संघर्ष की क्या विशेषताएं हैं?, आशिक संघर्ष क्या है?, संघर्ष का उदाहरण क्या है?, संघर्ष करने से क्या मिलता है?, समानता का क्या महत्व है?, समानता का नियम क्या है?, आप समानता कैसे बनाते हैं?, समानता विकास का आधार है समीक्षा कीजिए, समानता के प्रकार, समानता के तीन आयाम, मानव इतिहास में किस बात के लिए संघर्ष हो रहे हैं, आदि इसके बारे में हम विस्तार से पढ़ेंगे। |
NCERT Solution Class – 7th Social Science (Civics) Chapter – 9 समानता के लिए संघर्ष (Struggles for Equality)
Chapter – 9
समानता के लिए संघर्ष
Notes
समानता के लिए संघर्ष से क्या अभिप्राय हैं ?
• अकसर समानता के किसी विशेष मुद्दे को लेकर संघर्ष करने वाले व्यक्ति समाज में एक महत्त्वपूर्ण पहचान बना लेते हैं, क्योंकि समता की लड़ाई में बड़ी संख्या में लोग उनके साथ हो जाते हैं। भारत में ऐसे अनेक संघर्ष याद किए जा सकते हैं। • दुनिया भर के तमाम समुदायों, गाँवों और शहरों में आप देखते होंगे कि कुछ लोग समानता के लिए किए गए संघर्षों के कारण सम्मान से पहचाने जाते हैं। ये वे लोग हैं, जो अपने साथ या अपने सामने किए जा रहे किसी भेदभाव के विरुद्ध उठ खड़े हुए। • मध्य प्रदेश का ‘तवा मत्स्य संघ’ ऐसा ही दूसरा उदाहरण है, जहाँ लोग अपने अधिकार के लिए साथ खड़े हुए जिनमें बीड़ी मज़दूरों, मछुआरों, खेतिहर मज़दूरों, झुग्गीवासियों के समूहों ने अपनी तरह से न्याय के लिए लड़ाइयाँ लड़ीं। |
भारत में असमानता का आधार लिखिए ?
महिलाओं के द्वारा किए गए काम अक्सर ही पुरुषों के काम की तुलना में तुच्छ माने जाते हैं भारत में किए जाने वाले भेदभाव का प्राथमिक कारण यह है कि वह किसी खास सामाजिक या सांस्कृतिक पृष्ठभूमि के हैं धर्म, जाति और लिंग के आधार पर भेदभाव किया जाता है। |
समानता के लिए संघर्ष क्या था ?
दुनियाभर के तमाम समुदायों गांवों और शहरों में आप देखते होंगे कि कुछ लोग असमानता के लिए संघर्ष के कारण सम्मान से पहचाने जाते हैं यह लोग असमानता के विरुद्ध संघर्ष करते हैं और इन्हें समाज का समर्थन प्राप्त होता है भारत में ऐसे अनेक संघर्ष याद किए जा सकते हैं जहां पर लोग ऐसे मुद्दों के लिए लड़ने को आगे आए जो उन्हें महत्वपूर्ण लगते थे जैसे महिलाओं का आंदोलन मध्यप्रदेश का तवा मत्स्य संघ इसके महत्वपूर्ण उदाहरण है। |
“तवा मत्स्य संघ” क्या था ?
• लोग और समुदाय का विस्थापन हमारे देश में एक बड़ी समस्या का रूप ले चुका है ऐसे में कई बार लोग संगठित होकर इसके विरूद्ध लड़ाई के लिए सामने आते हैं देश में ऐसे बहुत से संगठन है जो विस्थापितों के हक की लड़ाई लड़ रहे हैं तवा मत्स्य संघ मछुआरों की सहकारी समितियों का एक संग है और सतपुड़ा के जंगलों से विस्थापित लोगों के अधिकारों के लिए लड़ रहा है। • छिंदवाड़ा जिले की महादेव पहाड़ियों से निकलने वाली तवा नदी होशंगाबाद में नर्मदा से मिलती है। • तब आप पर एक बांध का निर्माण 1958 में आरंभ हुआ और 1978 में पूरा हुआ इस कारण इस हिस्से से लोगों को विस्थापित किया गया और खेती की जमीन पर बांध का निर्माण किया गया इस कारण यहां के स्थानीय लोगों ने खेती को छोड़कर मछली पकड़ने का व्यवसाय आरंभ किया जिससे वह अपनी आजीविका चला सकें। • 1994 में सरकार ने तवा बांध के क्षेत्र में मछली पकड़ने का काम निजी ठेकेदारों को सौंप दिया इन ठेकेदारों ने स्थानीय लोगों को काम से अलग कर दिया और बाहरी क्षेत्र से सस्ते श्रमिकों को ले आए जिससे स्थानीय लोगों की आजीविका पर असर पड़ा। • काम वालों ने एकजुट होकर तय किया कि अपने अधिकारों की रक्षा के लिए लड़ने और संगठन बनाकर सामने खड़े होने का वक्त आ गया है इस तरह तवा मत्स्य संघ का गठन हुआ और इस संगठन ने सरकार से मांग की कि लोगों के जीवन निर्वाह के लिए बांध में मछली पकड़ने का काम को जारी रखने की अनुमति दी जाए यह मांग करते हुए इन लोगों ने “चक्का जाम” किया। • 1996 में मध्य प्रदेश सरकार ने तय किया कि तवा बांध के जलाशय से मछली पकड़ने का अधिकारी यहाँ के विस्थापित लोगों को ही दिया जाएगा इस प्रकार सरकार ने 2 महीने बाद ही मत्स्य संघ को बांध में मछली पकड़ने का के लिए 5 वर्ष का पट्टा देना स्वीकार किया। • तवा मत्स्य संघ के साथ जुड़कर मछुआरों ने लगातार अपनी आय में इजाफा दर्ज किया यह इसलिए संभव हुआ कि उन्होंने एक सहकारी समिति बनाई जो पकड़ी गई मछलियों की प्रत्येक खेत की उचित कीमत सीधे उन्हें देती है। |
भारत का संविधान एक जीता हुआ दस्तावेज हैं कैसे ?
• भारत का संविधान हम सभी को समान मानता है देश के सभी नागरिक को समानता का अधिकार है और भारत में जितने भी समानता के लिए आंदोलन चलाए गए उनका आधार संविधान रहा है। • लोकतंत्र में कई व्यक्ति और समुदाय लगातार इस दिशा में कोशिश करते हैं कि लोकतंत्र का दायरा बढ़ता जाए और अधिक से अधिक मामलों में समानता लाने की जरूरत को स्वीकार किया जाए। • समानता का मूल्य लोकतंत्र के केंद्र में है। परंतु कुछ मुद्दे लोकतंत्र के इस मूल भाव के लिए चुनौती पैदा कर रहे हैं जैसे- 1. देश की स्वास्थ्य सेवाओं का निजी करण। 2. संचार के माध्यमों पर व्यवसायिक घरानों का बढ़ता दबाव और नियंत्रण। 3. महिलाओ के श्रम को कम मूल्य देना। 4. किसानों की कम आय। 5. यह देश के सामाजिक और आर्थिक समानता से जुड़े मुद्दे हैं। |
प्रश्न 1. असमानता का व्यवहार किसके आधार पर किया जाता है?
धर्म, जाति और लिंग के आधार पर किया जाता है?
प्रश्न 2. तवा नदी कौन-सी पहाड़ियों से निकलती है?
तवा नदी महादेव पहाड़ियों से निकलती है?
प्रश्न 3. तवा बाँध के क्षेत्र में मछली पकड़ने का काम कब शुरू किया गया?
तवा बाँध के क्षेत्र में मछली पकड़ने का काम 1994 में शुरू किया गयादृष्टि से देखता है ?
प्रश्न 4. मछलियाँ पकड़ने के काम को बंद करने पर लोगों ने गुस्से में क्या किया?
चक्का जाम
प्रश्न 5. भारत का संविधान प्रत्येक नागरिक को किस दृष्टि से देखता है ?
भारत का संविधान प्रत्येक नागरिक को समान दृष्टि से देखता है।
प्रश्न 6. चुनावों के दौरान किसको मतदान करने का अधिकार है ?
हर व्यस्क नागरिक को
प्रश्न 7. ‘तवा मत्सय संघ’ के संघर्ष का मुद्दा क्या था?
मछली पकड़ने का संबधित
प्रश्न 8. धड़वाड़ा जिले से कौन-सी नदी निकलती है?
धड़वाड़ा जिले से तवा नदी निकलती है।
प्रश्न 9. 5 वर्ष का पट्टा (लीज) देना किसके लिए शुरु किया गया था?
खेती करने के लिए
प्रश्न 10. ओमप्रकाश वाल्मीकि कौन थे?
ओमप्रकाश वाल्मीकि दलित थे।
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