नरेन्द्र मोदी: भारत के प्रधानमंत्री और एक प्रभावशाली राजनीतिक यात्रा

नरेन्द्र मोदी
नरेन्द्र मोदी

नरेन्द्र दामोदरदास मोदी, भारतीय राजनीति के एक ऐसे व्यक्तित्व हैं जिन्होंने न केवल भारत में बल्कि वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान बनाई है। 17 सितंबर 1950 को जन्मे नरेन्द्र मोदी 26 मई 2014 से लगातार भारत के प्रधानमंत्री के रूप में कार्यरत हैं और वर्तमान में अपना तीसरा कार्यकाल पूरा कर रहे हैं। वे वाराणसी से लोकसभा सांसद भी हैं। स्वतंत्र भारत में जन्मे वे पहले व्यक्ति हैं जो भारत के प्रधानमंत्री बने। प्रधानमंत्री बनने से पहले, वे 7 अक्टूबर 2001 से 22 मई 2014 तक गुजरात राज्य के मुख्यमंत्री भी रहे। मोदी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के एक प्रमुख सदस्य हैं, जो एक दक्षिणपंथी हिंदू राष्ट्रवादी संगठन है।

1. प्रारंभिक जीवन और शिक्षा

  • जन्म और परिवार: नरेन्द्र मोदी का जन्म गुजरात के वडनगर में एक साधारण गुजराती परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम दामोदरदास मूलचंद मोदी और माता का नाम हीराबेन मोदी था। वे अपने माता-पिता की छह संतानों में से तीसरे थे। उनका परिवार ‘मोध-घांची-तेली’ समुदाय से है, जिसे भारत सरकार द्वारा अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) में वर्गीकृत किया गया है।
  • बचपन और RSS से जुड़ाव: बचपन में, मोदी अपने पिता की चाय की दुकान पर उनकी मदद करते थे और बाद में खुद भी चाय का स्टॉल चलाते थे। केवल आठ वर्ष की आयु में वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़ गए, और यह संबंध उनके जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बना रहा।
  • शिक्षा और यात्राएँ: स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद, उन्होंने घर छोड़ दिया और लगभग दो वर्षों तक भारत के विभिन्न धार्मिक स्थलों का भ्रमण किया। 1969 या 1970 के आसपास वे गुजरात लौटे और अहमदाबाद चले गए। बाद में, उन्होंने गुजरात विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में स्नातकोत्तर (एम.ए.) की डिग्री प्राप्त की।
  • निजी जीवन: कम उम्र में उनका विवाह जसोदाबेन चमनलाल से हुआ था, लेकिन वे अधिक समय तक साथ नहीं रहे। मोदी ने अपना जीवन सार्वजनिक सेवा और राजनीति को समर्पित कर दिया।

2. राजनीतिक यात्रा का आरंभ

  • RSS में सक्रियता: 1971 में, मोदी RSS के पूर्णकालिक कार्यकर्ता बन गए। 1975 में जब देश में आपातकाल लगाया गया, तो उन्हें कुछ समय के लिए गुप्त रूप से रहना पड़ा।
  • भाजपा में प्रवेश: 1985 में वे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हुए और पार्टी के भीतर विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर कार्य करते हुए आगे बढ़े। 2001 तक वे भाजपा में राष्ट्रीय सचिव के पद तक पहुँच चुके थे।
  • संगठनात्मक भूमिका: मोदी ने भाजपा के संगठन को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, खासकर गुजरात में। उन्होंने सोमनाथ से अयोध्या तक लालकृष्ण आडवाणी की रथयात्रा और कन्याकुमारी से कश्मीर तक मुरली मनोहर जोशी की एकता यात्रा के आयोजन में भी महत्वपूर्ण सहयोग दिया।

3. गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में (2001-2014)

  • मुख्यमंत्री पद: 2001 में गुजरात में आए विनाशकारी भूकंप और तत्कालीन मुख्यमंत्री केशुभाई पटेल के स्वास्थ्य कारणों के चलते, नरेन्द्र मोदी को गुजरात का मुख्यमंत्री नियुक्त किया गया।
  • विकास कार्य: मुख्यमंत्री के रूप में, उनकी नीतियों को गुजरात के तीव्र आर्थिक विकास का श्रेय दिया जाता है। उन्होंने कई महत्वपूर्ण योजनाएँ शुरू कीं, जैसे:
    • पंचामृत योजना: राज्य के समग्र विकास के लिए।
    • सुजलाम् सुफलाम्: जल संसाधनों का बेहतर प्रबंधन।
    • कृषि महोत्सव: कृषि उत्पादकता बढ़ाने के लिए।
    • ज्योतिग्राम योजना: हर गाँव तक बिजली पहुँचाने के लिए।
    • कन्या कलावाणी योजना: महिला शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए।
    • वनबन्धु विकास कार्यक्रम: आदिवासी क्षेत्रों के विकास के लिए।
  • 2002 के गुजरात दंगे और विवाद: उनके मुख्यमंत्री कार्यकाल के दौरान 2002 में गोधरा कांड के बाद गुजरात में सांप्रदायिक दंगे हुए। इन दंगों में उनके प्रशासन की भूमिका पर गंभीर सवाल उठाए गए और उनकी आलोचना भी हुई। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त विशेष जाँच दल (SIT) को उनके खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए कोई पुख्ता सबूत नहीं मिला।

4. प्रधानमंत्री पद की ओर (2014 का लोकसभा चुनाव)

  • प्रधानमंत्री उम्मीदवार: 2013 में, भाजपा ने नरेन्द्र मोदी को 2014 के लोकसभा चुनावों के लिए अपना प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया।
  • चुनाव अभियान: मोदी ने एक व्यापक और ऊर्जावान चुनाव अभियान का नेतृत्व किया, जिसमें विकास, सुशासन और भ्रष्टाचार मुक्त भारत का नारा दिया गया।
  • ऐतिहासिक जीत: उनके नेतृत्व में भाजपा ने 2014 के लोकसभा चुनाव में 282 सीटें जीतकर पूर्ण बहुमत हासिल किया। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) को कुल 336 सीटें मिलीं। मोदी ने वाराणसी और वडोदरा दोनों सीटों से चुनाव जीता, बाद में उन्होंने वडोदरा सीट छोड़ दी।

5. भारत के प्रधानमंत्री के रूप में

पहला कार्यकाल (2014-2019)

  • शपथ ग्रहण: 26 मई 2014 को नरेन्द्र मोदी ने भारत के 15वें प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली। उनके शपथ ग्रहण समारोह में दक्षेस (SAARC) देशों के राष्ट्राध्यक्षों को भी आमंत्रित किया गया था, जो एक महत्वपूर्ण राजनयिक कदम था।
  • प्रमुख योजनाएँ और सुधार:
    • प्रधानमंत्री जन धन योजना: वित्तीय समावेशन के लिए।
    • स्वच्छ भारत अभियान: देशव्यापी स्वच्छता के लिए।
    • मेक इन इंडिया: विनिर्माण क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए।
    • डिजिटल इंडिया: भारत को डिजिटल रूप से सशक्त बनाने के लिए।
    • वस्तु एवं सेवा कर (GST): कर प्रणाली में सुधार।
    • विमुद्रीकरण (नोटबंदी): काले धन पर प्रहार के उद्देश्य से।
    • उज्ज्वला योजना: गरीब महिलाओं को मुफ्त एलपीजी कनेक्शन।
    • नीति आयोग: योजना आयोग के स्थान पर।
  • विदेश नीति: मोदी ने एक सक्रिय विदेश नीति अपनाई, जिसमें अमेरिका, जापान, इज़राइल और अन्य प्रमुख देशों के साथ संबंधों को मजबूत करने पर जोर दिया गया।

दूसरा कार्यकाल (2019-2024)

  • पुनः प्रचंड जीत: 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में और भी बड़ी जीत हासिल की, 303 सीटें जीतीं और NDA को 352 सीटें मिलीं।
  • महत्वपूर्ण निर्णय:
    • अनुच्छेद 370 का निरस्तीकरण: जम्मू और कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त किया गया।
    • नागरिकता (संशोधन) अधिनियम, 2019 (CAA): इसके कारण देश भर में व्यापक विरोध प्रदर्शन हुए।
  • चुनौतियाँ और आलोचनाएँ: इस कार्यकाल में अर्थव्यवस्था में मंदी, कोविड-19 महामारी का प्रबंधन और कुछ सामाजिक मुद्दों पर सरकार को आलोचनाओं का सामना करना पड़ा।

तीसरा कार्यकाल (2024-वर्तमान)

  • चुनाव परिणाम: 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के नेतृत्व वाले NDA गठबंधन ने 292 सीटें जीतीं, जिसमें भाजपा को 240 सीटें मिलीं।
  • शपथ ग्रहण: 9 जून 2024 को नरेन्द्र मोदी ने लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली। वे जवाहरलाल नेहरू के बाद लगातार तीन बार प्रधानमंत्री बनने वाले दूसरे नेता बने।

6. प्रमुख नीतियाँ और पहल

  • आर्थिक सुधार: प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को बढ़ावा, बुनियादी ढाँचे का विकास, व्यापार सुगमता।
  • सामाजिक कल्याण: आयुष्मान भारत (स्वास्थ्य बीमा), प्रधानमंत्री आवास योजना (सबके लिए घर)।
  • पर्यावरण और ऊर्जा: अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन, नवीकरणीय ऊर्जा पर जोर।
  • सुरक्षा: आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति, रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता।

7. विचार और दृष्टिकोण

  • आतंकवाद पर: मोदी ने आतंकवाद को मानवता का दुश्मन बताते हुए इसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की वकालत की है।
  • मुसलमानों के संबंध में: मोदी ने “सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास” का नारा दिया है, और मुसलमानों के विकास में रुचि व्यक्त की है। हालांकि, कुछ मुस्लिम नेताओं और बुद्धिजीवियों ने उनकी हिंदुत्ववादी विचारधारा और 2002 के दंगों में उनकी कथित भूमिका को लेकर उनकी आलोचना की है।
  • हिंदू राष्ट्रवाद: मोदी पर हिंदू राष्ट्रवादी विचारधारा को बढ़ावा देने के आरोप लगते रहे हैं, जिससे कुछ वर्गों में चिंताएँ भी व्यक्त की गई हैं।

8. विवाद और आलोचनाएँ

  • गुजरात दंगे (2002): यह उनके राजनीतिक जीवन का सबसे बड़ा विवाद रहा है, जिसकी छाया उन पर लंबे समय तक बनी रही।
  • आर्थिक मुद्दे: नोटबंदी और जीएसटी के कार्यान्वयन के बाद अर्थव्यवस्था पर पड़े प्रभाव को लेकर उनकी सरकार की आलोचना हुई।
  • लोकतांत्रिक संस्थाएँ: कुछ आलोचकों का मानना है कि उनके कार्यकाल में भारत में लोकतांत्रिक मूल्यों का क्षरण हुआ है।

9. व्यक्तित्व और छवि

नरेन्द्र मोदी को एक कर्मठ, अनुशासित और मजबूत नेता के रूप में जाना जाता है। वे एक लोकप्रिय वक्ता हैं और अपनी विशिष्ट भाषण शैली के लिए प्रसिद्ध हैं। “मन की बात” जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से वे सीधे जनता से संवाद करते हैं। वे अपनी वेशभूषा, विशेषकर “मोदी कुर्ता” और सदरी के लिए भी जाने जाते हैं। वे गुजराती और हिंदी में कविताएँ भी लिखते हैं।

निष्कर्ष

नरेन्द्र मोदी ने भारतीय राजनीति में एक असाधारण यात्रा तय की है, एक चाय बेचने वाले से लेकर लगातार तीन बार भारत के प्रधानमंत्री बनने तक। उनके नेतृत्व में भारत ने कई महत्वपूर्ण सामाजिक-आर्थिक बदलाव देखे हैं और वैश्विक मंच पर अपनी एक मजबूत पहचान बनाई है। उनके समर्थक उन्हें एक दूरदर्शी और निर्णायक नेता मानते हैं, जबकि आलोचक उनकी नीतियों और विचारधारा पर सवाल उठाते हैं। बहरहाल, यह निर्विवाद है कि नरेन्द्र मोदी समकालीन भारतीय राजनीति के सबसे प्रभावशाली और केंद्रीय व्यक्तित्वों में से एक हैं।