दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (SAARC) के उद्देश्यों को समझाइए।

दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (SAARC) की स्थापना 8 दिसंबर 1985 को बांग्लादेश के ढाका में हुई थी। इसका उद्देश्य दक्षिण एशियाई देशों के बीच सहयोग को बढ़ावा देकर क्षेत्रीय विकास, शांति और स्थिरता सुनिश्चित करना है। SAARC में वर्तमान में 8 सदस्य देश शामिल हैं:

  1. अफगानिस्तान
  2. बांग्लादेश
  3. भूटान
  4. भारत
  5. मालदीव
  6. नेपाल
  7. पाकिस्तान
  8. श्रीलंका

SAARC के उद्देश्य

SAARC का मुख्य लक्ष्य सदस्य देशों के बीच आर्थिक, सामाजिक, और सांस्कृतिक सहयोग बढ़ाना और क्षेत्रीय विकास को बढ़ावा देना है। इसके प्रमुख उद्देश्य निम्नलिखित हैं:

1. आर्थिक विकास को बढ़ावा देना

  • दक्षिण एशिया के देशों में आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करना।
  • गरीबी, बेरोजगारी और आर्थिक असमानता जैसी समस्याओं का समाधान करना।
  • व्यापार और वाणिज्य के लिए दक्षिण एशियाई मुक्त व्यापार क्षेत्र (SAFTA) का विकास।

2. क्षेत्रीय शांति और स्थिरता बनाए रखना

  • सदस्य देशों के बीच शांति और सद्भावना को बढ़ावा देना।
  • विवादों और संघर्षों का समाधान शांतिपूर्ण बातचीत और सहयोग के माध्यम से करना।

3. सामाजिक और सांस्कृतिक सहयोग

  • शिक्षा, स्वास्थ्य, और विज्ञान-प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों में सहयोग करना।
  • क्षेत्र की सांस्कृतिक धरोहर और परंपराओं को संरक्षित और प्रोत्साहित करना।
  • सांस्कृतिक आदान-प्रदान और क्षेत्रीय एकता को मजबूत करना।

4. गरीबी उन्मूलन

  • गरीबी को खत्म करने के लिए सामूहिक प्रयास करना।
  • सामाजिक और आर्थिक विकास के लिए परियोजनाओं और कार्यक्रमों को लागू करना।

5. व्यापार और वाणिज्य को बढ़ावा देना

  • क्षेत्रीय व्यापार को सुगम और किफायती बनाना।
  • सीमा शुल्क और अन्य व्यापारिक बाधाओं को कम करना।

6. प्राकृतिक संसाधनों और पर्यावरण का संरक्षण

  • पर्यावरणीय समस्याओं, जैसे जलवायु परिवर्तन और प्राकृतिक आपदाओं, का समाधान करना।
  • जल, जंगल और अन्य प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण के लिए सहयोग करना।

7. महिलाओं और कमजोर वर्गों का सशक्तिकरण

  • महिलाओं, बच्चों और कमजोर वर्गों के सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण के लिए विशेष प्रयास।
  • लैंगिक समानता को बढ़ावा देना।

8. वैश्विक मुद्दों पर सहयोग

  • अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर दक्षिण एशियाई दृष्टिकोण को प्रस्तुत करना।
  • वैश्विक समस्याओं, जैसे आतंकवाद और जलवायु परिवर्तन, पर सामूहिक रूप से कार्य करना।

9. वैज्ञानिक और तकनीकी विकास

  • सदस्य देशों में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देना।
  • आपसी सहयोग से तकनीकी प्रगति को साझा करना।

निष्कर्ष

SAARC का उद्देश्य दक्षिण एशियाई देशों के बीच सहयोग और एकता को बढ़ावा देना है ताकि क्षेत्रीय विकास, शांति और स्थिरता सुनिश्चित की जा सके। हालांकि, संगठन को राजनीतिक विवाद और आपसी तनाव जैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, लेकिन इसका मूल उद्देश्य क्षेत्रीय विकास और सद्भाव को प्रोत्साहित करना है।