आसियान द्वारा मध्यस्थता ‘के माध्यम से क्षेत्रीय सघर्षों को समाप्त करने के कोई दो उदाहरण दीजिए?

आसियान (ASEAN) ने अपनी मध्यस्थता की नीति और शांति पर आधारित कूटनीति के माध्यम से क्षेत्रीय संघर्षों को समाप्त करने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसके दो प्रमुख उदाहरण निम्नलिखित हैं:

1. कंबोडिया संकट (1978-1991):

पृष्ठभूमि: कंबोडिया में खमेर रूज की क्रूर सरकार के पतन के बाद, देश में वियतनाम समर्थित सरकार और खमेर रूज समर्थक गुटों के बीच संघर्ष जारी था। इस स्थिति से क्षेत्रीय अस्थिरता पैदा हो रही थी।

आसियान की भूमिका: आसियान ने संयुक्त राष्ट्र के साथ मिलकर कंबोडिया संकट के समाधान के लिए पेरिस शांति समझौते (1991) की मध्यस्थता की। आसियान ने एक तटस्थ मंच प्रदान किया और सभी पक्षों को वार्ता के लिए प्रोत्साहित किया, जिससे संघर्ष का शांतिपूर्ण समाधान निकाला गया।

परिणाम: कंबोडिया में राजनीतिक स्थिरता बहाल हुई और इसे आसियान का सदस्य (1999) बनाया गया।

2. थाईलैंड-कंबोडिया सीमा विवाद (2008-2011):

पृष्ठभूमि: यह विवाद थाईलैंड और कंबोडिया के बीच प्रीह विहार मंदिर के आसपास की सीमा को लेकर था। दोनों देशों के बीच सैन्य झड़पें भी हुईं।

आसियान की भूमिका: आसियान ने तटस्थ मध्यस्थ के रूप में दोनों देशों के बीच बातचीत आयोजित की। इंडोनेशिया, जो उस समय आसियान का अध्यक्ष था, ने शांति वार्ता की पहल की और संघर्ष को समाप्त करने के लिए एक समझौते को प्रोत्साहित किया।

परिणाम: सीमा विवाद को शांतिपूर्ण ढंग से सुलझाने के लिए अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) के निर्णय का पालन किया गया। आसियान ने क्षेत्र में शांति बनाए रखने में भूमिका निभाई।

निष्कर्ष: इन उदाहरणों से यह स्पष्ट होता है कि आसियान ने अपने ‘आसियान शैली’ के माध्यम से क्षेत्रीय संघर्षों को शांतिपूर्ण तरीके से हल करने में सफलता प्राप्त की है।