किसी कपड़े से दाग/धब्बे हटाते समय आप कौन-सी सावधानियाँ बरतेंगे?

किसी कपड़े से दाग/धब्बे हटाते समय आप कौन-सी सावधानियाँ बरतेंगे?

उत्तर –

• ताजे धब्बे को उत्तारना आसान होता है। दाग जितना पुराना होता जाता है उसको उतारना उतना ही कठिन हो जाता है।

• वस्त्रों की संरचना के अनुकूल ही धब्बे छुड़ाने वाले पदार्थ का चयन करना चाहिए। रासायनिक प्रतिकर्मक प्रयोग करते समय पहले उसके तनु घोल का प्रयोग करना चाहिए।

• सूती तथा लिनन कपड़ों पर से धब्बे छुड़ाने के लिए धब्बे पर प्रतिकर्मक को फैलाकर ऊपर से गर्म पानी की धार बनाकर डालनी चाहिए।

• ऊनी, सिल्क तथा रेयॉन के वस्त्रों के लिए प्रतिकर्मक के हल्के घोल का प्रयोग करना चाहिए। कन व सिल्क के लिए सर्फ, हाइड्रोजन पैरॉक्साइड के हल्के घोल का प्रयोग करना चाहिए।

• वस्त्र पर प्रतिकर्मक सिर्फ उत्तनी ही देर रखना चाहिए जितने में धब्बा छूट जाए। धच्चा छूट जाने के बाद उसे पानी में से निकाल लेना चाहिए। वस्त्र पर लगे प्रतिकर्मक को पानी से बिना निकाले यदि ऐसे ही सूखने दिया जाए तो वस्त्र उस स्थान से कमजोर पड़ जाता है।

• अम्लीय प्रतिकर्मक का क्षार से तथा क्षारीय प्रतिकर्मक का अम्ल से ऑक्सीकरण कर देना चाहिए। इस प्रकार वस्त्र को अम्लीय अथवा क्षारीय प्रतिक्रियाओं से होने वाली हानि से बचाया जा सकता है।

• अज्ञात धब्बों को छुड़ाने के लिए सबसे कम हानिकारक प्रतिकर्मकों के प्रयोग का प्रयास करना चाहिए।

• रंगीन वस्त्रों के धब्बे उतारने से पहले इस बात की जाँच कर लेनी चाहिए कि उसका रंग कच्चा है या पक्का। धब्बे छुड़ाने से यदि वस्त्र का रंग बिगड़ जाए तो अमोनिया की वाष्य दिखाने से कभी-कभी वस्त्र का मौलिक रंग वापस भी आ जाता है।

• ज्वलनशील पदार्थ, जैसे- पैट्रोल, स्प्रिट इत्यादि का प्रयोग करते समय अग्नि से रक्षा का प्रबन्ध होना चाहिए।

• वस्त्रों के पुराने धब्बे उतारना कोई आसान कार्य नहीं हैं, न ही इसके लिए कोई लघु विधि है। इसमें बड़े धैर्य की आवश्यकता होती हैं। इसमें एक विधि से सफलता न मिलने पर दूसरी विधि और दूसरी विधि से सफलता न मिलने पर तीसरी विधि का प्रयोग करते रहना चाहिए।

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