बच्चों/युवाओं/वृद्धजनों के संस्थानों और कार्यक्रमों के प्रबंधन में करिअर बनाने के लिए आपको जिन कौशलों और जानकारी की आवश्यकता होगी उसके बारे में बताइए।
उत्तर –
- बच्चों युवाओं और वृद्धजनों के लिए संस्थानों और कार्यक्रमों के प्रबंधन में करिअर/रोजगार के लिए एक योजनाकार. प्रबंधक और परीक्षक की क्षमताओं और कौशलों का होना जरूरी है।
- व्यक्ति को अपने लक्ष्य समूह (target group) की आवश्यकताओं और देखभाल के तरीकों की पूरी जानकारी होनी चाहिए।
उपरोक्त के अतिरिक्त व्यक्ति में निम्नलिखित कौशलों और क्षमताओं का होना भी जरूरी है-
जन कौशल – किसी संगठन के संचालन या उसमें विभिन्न पदों पर काम करने के दौरान व्यक्ति को अलग-अलग पृष्ठभूमियों के लोगों से बातचीत करनी पड़ती है, जैसे कि-
(i) समुदाय/समाज – बच्चों के लिए चलाया जा रहा कोई भी कार्यक्रम अथवा संस्थान तभी सफल होगा यदि समाज की उसमें भागीदारी और अपनेपन की भावना होगी। ऐसा तभी होगा जब कार्यक्रम में शुरूआत से लोगों को उसमें सम्मिलित करने की योजना बनाई जाए। सामाजिक/सामुदायिक भागीदारी के साथ योजना बनाना, उनका प्रबंधन और क्रियान्वयन करना किसी प्रभावी कार्यक्रम के आधार स्तंभ होते है। अतः समाज के साथ संबंध और समाज की भागीदारी को बढ़ावा देना व्यक्ति की कार्य संबंधी जिम्मेदारी के प्रमुख पहलू होंगे।
(ii) निजी क्षेत्र – पिछले कुछ वर्षों में निजी क्षेत्र के वित्तीय संस्थान, कंपनियों और संगठन जनकल्याण कार्यक्रमों की सहायता के लिए व्यापक तौर पर योगदान दे रहे हैं। ऐसे में व्यक्ति में यह कौशल एवं योग्यता होनी चाहिए कि वह इस क्षेत्र में कार्यरत अधिकारियों को अपनी बात समझा पाए तथा उनसे अपने कार्यक्रम के लिए वित्तीय सहायता या अन्य संसाधन जुटा पाएँ।
(iii) सरकारी अधिकारी – अक्सर कार्यक्रमों से संबंधित विभिन्न प्रकार की आज्ञाओं तथा वित्तीय सहायता के लिए व्यक्ति को विभिन्न विभागों के सरकारी अधिकारों से मिलना पड़ता हैं। उनसे अपने पक्ष में फैसला लेने और वित्तीय मदद आवंटित कराने के लिए व्यक्ति को उनसे प्रभावी बातचीत की कला में निपुण होना चाहिए।
(iv) संगठन में काम करने वाले व्यक्ति – संगठन को सुचारु रूप से चलाने के लिए यह जरूरी है कि उसमें काम कर रहे सभी लोगों के बीच सौहार्दपूर्ण संबंध हो। किसी भी संगठन की सफलता के लिए यह एक प्रमुख एवं आवश्यक कारक है।
प्रशासनिक कौशल – किसी संगठन या कार्यक्रम को चलाने या उसका प्रबंधन करने में वित्तीय हिसाब-किताब रखना, कर्मचारियों की भर्ती कराना, लोगों/अधिकारियों से मिलना, विभिन्न प्रकार के उपकरणों एवं वस्तुओं को खरीदना, रिकॉर्ड और सामान का हिसाब रखना इत्यादि शामिल होता है। हालांकि संगठन में उपरोक्त सभी कार्यों के लिए अलग-अलग विभाग तथा लोगों को नियुक्त किया गया होता है फिर भी व्यक्ति को उपरोक्त सभी की विषयों एवं प्रक्रियों की मूलभूत समझ होना जरूरी है।
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