विशेष और समावेशी शिक्षा के विभिन्न मॉडलों का वर्णन कीजिए।
उत्तर –
विशेष शिक्षा : कई विद्यालय ऐसे होते है जो केवल अपंग बच्चों को ही शिक्षा प्रदान करते हैं। ऐसे अधिकांश विद्यालय विभिन्न प्रकार की अपंगताओं जैसे कि- बौद्धिक या शारीरिक अपंगता से ग्रस्त बच्चों को विशेष शिक्षा संबंधी सेवाएँ प्रदान करते है। ऐसे विद्यालय विशेष विद्यालयों की श्रेणी में आते हैं और इनमें विशेष शिक्षकों की आवश्यकता होती है, जो विभिन्न प्रकार की अपंगताओं/असमर्थताओं से ग्रस्त बच्चों के लिए कार्य करने में विशेष रूप से प्रशिक्षित हों।
समावेशी शिक्षा < समावेशी शिक्षा का अर्थ है, विशेष आवश्यकताआ वाले बच्चों को सामान्य कक्षा कार्यक्रमों में शामिल कर पढ़ाना। इस प्रकार की शिक्षा का मुख्य उद्देश्य सभी प्रकार के बच्चों को (सामान्य तथा विशेष आवश्यकता वाले बच्चों को) एक साथ शिक्षा देने से है फिर चाहे उनके सीखने की गति तथा शैली अलग-अलग क्यों न हो। एक समावेशी विद्यालय में विशेष आवश्यकताओं वाले बच्चों के लिए सभी प्रकार की सुविधाएँ व्यवस्थित की जाती है। चूँकि समावेशी शिक्षा पद्धति में सभी बच्चों को सामान्य कक्षाओं में शिक्षा दी जाती है, इसलिए इस पद्धति में विशेष शिक्षक (special educator) सीधे तौर पर विशेष शैक्षिक आवश्यकताओं (SEN) वाले बच्चों को नहीं पढ़ा सकता। बल्कि वह केवल सामान्य कक्षा के शिक्षकों को निर्देशात्मक सहायता प्रदान कर सकते हैं।
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