वस्त्र निर्माण के विभिन्न चरणों में रंग का अनुप्रयोग किस प्रकार से वस्त्र में डिजाइन को प्रभावित करता है।

वस्त्र निर्माण के विभिन्न चरणों में रंग का अनुप्रयोग किस प्रकार से वस्त्र में डिजाइन को प्रभावित करता है।

उत्तर –

(a) रेशों के निर्माण के दौरान – रेशे के निर्माण के दौरान रंगाई की प्रक्रिया बहुत कम अपनाई जाती है, क्योंकि यह एक बहुत महँगी प्रक्रिया सिद्ध होती है। फिर भी कुछ कृत्रिम/निर्मित रेशों के लिए इसका प्रयोग किया जाता है। विशेषकर उनके लिए जो आसानी से रंगे नहीं जा सकते या फिर किसी ऐसे डिजाइन के लिए जिसमें बहुरंगी रेशे वाले धागों की आवश्यकता होती है।

(b) धागे के निर्माण के दौरान – धागे के निर्माण के दौरान की गई रंगाई, बहुत से डिजाइनों की रचना में मदद करती है। बनी हुई धारीदार पट्टियाँ, चौकदार कपड़ा, पट्ट इत्यादि जैसे डिजाइन धागे निर्माण के दौरान रंगाई के उदाहरण है। इसके अतिरिक्त जरी और जैकार्ड पैटर्न रंगे हुए भागों को बुनकर तैयार किया जाता है। धागों की बँधाई रँगाई करने पर सुंदर एक जैसे पैटर्न प्राप्त होते है।

(c) वस्त्र के निर्माण के दौरान – वस्त्र के निर्माण के दौरान रंगाई करना सबसे अधिक प्रचलित विधि है। यह विधि एक सामान्य एकल रंग (Single Colour) वाले वस्त्र प्राप्त करने के लिए और बँधाई तथा बाटिक प्रक्रिया द्वारा डिजाइन वाले वस्त्र प्राप्त करने के लिए उपयोग में लाई जाती है।

(d) वस्त्र निर्माण के उपरान्त – वस्त्र के निर्माण के उपरान्त भी वस्त्र पर रंगाई, चित्रकारी, छपाई, कसीदाकारी और पैच अथवा गोटा-पट्टा द्वारा की जा सकती है।

You Can Join Our Social Account

YoutubeClick here
FacebookClick here
InstagramClick here
TwitterClick here
LinkedinClick here
TelegramClick here
WebsiteClick here