NCERT Solutions Class 7th Hindi Grammar मुहावरे एवं लोकोक्तियाँ
Textbook | NCERT |
Class | 7th |
Subject | Hindi |
Chapter | हिन्दी व्याकरण (Grammar) |
Grammar Name | मुहावरे एवं लोकोक्तियाँ |
Category | Class 7th Hindi हिन्दी व्याकरण |
Medium | Hindi |
Source | Last Doubt |
NCERT Solutions Class 7th Hindi Grammar मुहावरे एवं लोकोक्तियाँ इसमें हम भाषा के कितने अंग होते हैं?, किन्ही दस मुहावरों और लोकोक्तियों के अर्थ लिखकर अपने वाक्यों में प्रयोग कीजिए?, दस मुहावरे और दस लोकोक्तियाँ ,लिखकर वाक्यों में प्रयोग करें?, 5 मुहावरे का अर्थ सहित वाक्यों में प्रयोग करें, लोकोक्तियाँ एवं मुहावरे से आप क्या समझते हैं, आदि के बारें में पढ़ेंगे। |
NCERT Solutions Class 7th Hindi Grammar मुहावरे एवं लोकोक्तियाँ
हिन्दी व्याकरण
मुहावरे एवं लोकोक्तियाँ
मुहावरा – जो वाक्यांश अपने सामान्य अर्थ को छोड़कर किसी विशेष अर्थ को प्रकट करता है, वह मुहावरा कहलाता है। हिंदी भाषा में मुहावरों का प्रयोग भाषा को सुंदर, प्रभावशाली, संक्षिप्त तथा सरल बनाने के लिए किया जाता है। वे वाक्यांश होते हैं। इनका प्रयोग करते समय इनका शाब्दिक अर्थ न लेकर विशेष अर्थ लिया जाता है। ये लिंग, वचन और क्रिया के अनुसार वाक्यों में प्रयुक्त होते हैं।
नीचे कुछ प्रचलित मुहावरे दिए जा रहे हैं
1. आँख का तारा (बहुत प्यारा) – ओजस्व अपने माता-पिता की आँखों का तारा है।
2. आकाश-पाताल एक करना (बहुत अधिक प्रयत्न करना) – प्रणव ने आई०ए०एस० की परीक्षा में सफलता पाने के लिए आकाश-पाताल एक कर दिया।
3. अंधे की लकड़ी (असहाय व्यक्ति का एकमात्र सहारा) – श्रवण कुमार अपने माता-पिता की अंधे की लकड़ी थे।
4. आग-बबूला होना (अतिक्रोधित होना) – पेड़ काटे जाने की खबर सुनकर आग-बबूला हो गए।
5. ईंट से ईंट बजाना (नष्ट-भ्रष्ट करना) – भारतीय वायु सेना ने शत्रु की ईंट से ईंट बजा दी।
6. ईद का चाँद होना (बहुत दिनों के बाद मिलना) – नेहा तो आजकल नज़र नहीं आती वह तो ईद का चाँद हो गई है।
7. कलई खुलना (रहस्य खुलना) – पुलिस ने जब सेठ धनीराम के व्यापार पर छापा मारा तो उसके कारोबार की कलई खुल गई।
8. कान भरना (चुगली करना) – मंथरा हमेशा कैकेयी के कान भरती रहती थी।
9. खून का प्यासा (जान लेने पर उतारू) – संपत्ति बँटवारे की समस्या ने दोनों भाइयों को एक-दूसरे के खून का प्यासा बना दिया।
10. नौ-दो ग्यारह होना (भाग जाना) – गाँववालों को देखते ही चोर नौ-दो ग्यारह हो गए।
11. कानाफूसी करना (धीरे-धीरे बात करना) – अध्यापिका जी के कक्षा से बाहर जाते ही बच्चों ने आपस में कानाफूसी शुरू कर दी।
12. चंपत होना (भाग जाना) – बिल्ली सारा दूध पीकर चंपत हो गई।
13. एड़ी-चोटी का जोर लगाना (पूरा जोर लगाना) – मैं कक्षा में प्रथम आने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रहा हूँ।
14. मुँह में पानी आना (लालच पैदा होना) – रसगुल्लों को देखकर मेरे मुँह में पानी भर आता है।
15. हवा से बातें करना (बहुत तेज़ दौड़ना) – बाबा भारती का घोड़ा हवा से बातें करता था।
16. अगर-मगर करना (टाल-मटोल करना) – माँ ने आयुष से पढ़ने के लिए कहा तो वह अगर-मगर करने लगा।
18. बाट देखना (प्रतीक्षा करना) – हम सब मुख्य अतिथि की बाट देख रहे हैं।
19. दिल दुखाना (कष्ट देना) – हमें कभी भी अपनों का दिल नहीं दुखाना चाहिए।
20. बाल बाँका न होना (जरा भी नुकसान न होना) – इतनी बड़ी दुर्घटना के बाद भी चालक का बाल भी बाँका न हुआ।
21. कान पकना (ऊब जाना) – पलक की बातें सुन-सुनकर मेरे कान पक गए हैं।
22. लोहा लेना (डटकर मुकाबला करना) – राणा प्रताप ने अकबर से डटकर लोहा लिया
23. कमर कसना ( तैयार होना) – भारतीय सेना हर संकट के लिए कमर कसे रहती है।
24. आँखों में धूल झोंकना (धोखा देना) – पुलिस की आँखों में धूल झोंक चोर भाग गया।
25. घोड़े बेचकर सोना (निश्चित होकर सोना) – परीक्षाओं के बाद विद्यार्थी घोड़े बेचकर सोते हैं।
26. छक्के छुड़ाना (बुरी तरह हराना) – भारतीय सैनिकों ने युद्ध के मैदान में शत्रु के छक्के छुड़ा दिए।
27. कफ़न सिर पर बाँधना (मृत्यु के लिए तैयार रहना) – देशभक्त देश की रक्षा के लिए हमेशा कफ़न सिर बाँधे रहते हैं।
28. कुआँ खोदना (हानि पहुँचाना) – जो दूसरों के लिए कुआँ खोदता है वह उसमें स्वयं डूब जाता है।
29. गुड़-गोबर करना ( बना बनाया काम बिगाड़ देना) – तुमने आकर बने-बनाए काम को गुड़ गोबर कर दिया है।
30. छठी का दूध याद आना (घबरा जाना) – इस महँगाई ने लोगों को छठी का दूध याद करवा रखा है।
31. टेढ़ी खीर होना (कठिन काम करना) – आठवीं में प्रथम आना टेढ़ी खीर है।
32. आकाश से बातें करना (बहुत ऊँचा होना) – पक्षी आकाश से बातें करते हैं।
33. अँगुली पर नचाना (वश में करना) – आजकल स्त्रियाँ अपने मर्दो को अँगुली पर नचाती हैं।
34. आँखें खुलना (होश आना) – परीक्षा निकट आते ही छात्रों की आँखें खुल जाती हैं।
लोकोक्तियाँ
लोकोक्ति – लोक अर्थात् सामान्य जन द्वारा कही गई उक्ति लोकोक्ति कहलाती है। लोकोक्ति का शाब्दिक अर्थ है-लोक प्रसिद्ध उक्ति या कथन। इसे ‘कहावत’ भी कहते हैं। ये स्वतंत्र वाक्य होते हैं।
1. अक्ल बड़ी या भैंस (काम बुद्धि से होता है, ताकत से नहीं) – एक पहलवान इस समस्या को हल नहीं कर सका, परंतु उस कमज़ोर व्यक्ति ने कितनी आसानी से हल कर दिया।
2. अब पछताए होत क्या, जब चिड़ियाँ चुग गईं खेत (समय गुज़रने पर पछताना व्यर्थ है) – रेखा फेल होने पर बहुत पछताई कि यदि मेहनत कर लेती तो अवश्य पास हो जाती। पर अब पछताए होत क्या जब चिड़ियाँ चुग गई खेत।
3. अंधों में काना राजा (मूर्खा में थोड़ा ज्ञानी) – पूरे गाँव में मदन ही थोड़ा पढ़ा लिखा है, बस वही अंधों में काना राजा है।
4. आँख का अंधा नाम नयन सुख ( अर्थ के विपरीत नाम) – उसका नाम तो है भोला लेकिन वह बड़े-बड़ों का कान काटता है। इसलिए कहा गया है – आँख का अंधा नाम नयन सुख।
5. उलटा चोर कोतवाल को डाँटे (स्वयं अपराध करके दूसरों पर दोष मढ़ना) – मेरी किताब गंदी करने पर राम मुझे ही डाँटने लगा। मैंने, कहा उलटा चोर कोतवाल को डाँटे।
6. ऊँची दुकान फीका पकवान (ऊपरी दिखावा) – शो केस में रजत की दुकान में बड़े सुंदर सामान लगे हुए हैं, मगर अंदर सभी डुप्लीकेट माल भरा है। है न ऊँची दुकान फीका पकवान वाली बात।
7. अंत भला तो सब भला (जिस काम का परिणाम अच्छा हो, वही ठीक है।) – मेरी नौकरी तो छोटी-सी थी, अब तरक्की हो जाने पर सब ठीक हो गया, क्योंकि कहावत भी है कि अंत भला तो सब भला।
8. साँप भी मर जाए और लाठी भी न टूटे ( आसानी से काम हो जाना ) – ठेके और जमींदार के झगड़े में पंच को ऐसा फैसला सुनाना चाहिए कि साँप भी मर जाए और लाठी भी न टूटे।
9. एक पंथ दो काज (एक काम से दोहरा लाभ) – मुझे दफ्तर के काम से लखनऊ जाना है, वहाँ भाई साहब से भी मिलता जाऊँगा। एक पंथ दो काज हो जाएँगे।
10. अंधी पीसे कुत्ता खाय ( मेहनत कोई करे लाभ किसी और को मिले) – सुभाष की कमाई उसका बेटा जुए में उड़ा देता है। इसे कहते हैं अंधी पीसे कुत्ता खाए।
11. कंगाली में आटा गीला (गरीबी में और मुसीबत आना) – हरि प्रसाद ने अपनी कन्या के विवाह के लिए बड़ी मुश्किल से समान जोड़ा था। वही कल चोरी हो गया। इसे कहते हैं, कंगाली में आटा गीला।
12. जाको राखे साइयाँ मारि सकै न कोय ( भगवान जिसर्की रक्षा करता है, उसे कोई नुकसान नहीं पहुँचा सकता) – बच्चा छत से गिरकर भी बच गया। सच है जाको राखे साइयाँ मारि सके न कोय।
13. जैसा देश वैसा भेष (वातावरण के मुताबिक ढलना) – इस बार रोहन को श्रीनगर जाना है, मैंने कहा श्रीनगर में सरदी बहुत है, वहाँ तुम्हें सूट पहनना ही पड़ेगा, क्योंकि जैसा देश वैसा भेष रखना पड़ता है।
बहुविकल्पी प्रश्न
दिए गए मुहावरों के उचित अर्थ पर सही का चिह्न लगाइए-
(1) बच्चों का खेल’ का अर्थ है
(i) आसान काम
(ii) बच्चों का खेलना
(iii) बच्चों की शैतानी
(iv) क्रिकेट खेलना
उत्तर – (i) आसान काम
(2) ‘रोड़े अटकाना’ का अर्थ है
(i) पत्थर फेंकना
(ii) पत्थर तोड़ना
(iii) बाधा डालना
(iv) सड़क बंद करना
उत्तर – (iii) बाधा डालना
(3) हाथ मलना का अर्थ है
(i) शोक मनाना
(ii) बहुत पछताना
(iii) भाग जाना
(iv) सरल काम
उत्तर – (ii) बहुत पछताना
(4) ‘आँखें खुलना’ मुहावरे का अर्थ है
(i) बेहोश होना
(ii) डराना
(iii) होश आना
(iv) तैयार होना
उत्तर – (iii) होश आना
(5) ‘कान भरना’ मुहावरे का अर्थ है
(i) चुगली करना
(ii) धोखा देना
(iii) चालाक होना
(iv) शोर करना
उत्तर – (i) चुगली करना
(6) ‘खरी-खोटी सुनाना’ मुहावरे का अर्थ होगा
(i) अच्छी कहानी
(ii) विनाश करना
(iii) याद रखना
(iv) भला-बुरा कहना
उत्तर – (iv) भला-बुरा कहना
(7) गाँठ बाँधना मुहावरे का अर्थ है
(i) भूल जाना
(ii) याद रखना
(iii) घबरा जाना
(iv) वश में करना
उत्तर – (ii) याद रखना
बहुविकल्पी प्रश्न
नीचे लिखी लोकोक्तियों के सही अर्थ छाँटकर उन पर सही का चिह्न लगाइए
(1) आ बैल मुझे मार
(i) स्वयं मुसीबत मोल लेना
(ii) बैल को अपने पास बुलाना
(iii) किसी से पिट जाना
(iv) इनमें से कोई नहीं
उत्तर – (i) स्वयं मुसीबत मोल लेना
(2) अब पछताए होत क्या जब चिड़ियाँ चुग गईं खेत ,
(i) चिड़िया के खेत चुनने पर अच्छी फ़सल नहीं होती
(ii) किसी का दिल नहीं दुखाना चाहिए
(iii) समय बीत जाने पर पछताना व्यर्थ है।
(iv) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर – (iii) समय बीत जाने पर पछताना व्यर्थ है।
(3) ऊँची दुकान फीका पकवान
(i) बड़े दुकान के पकवान
(ii) दुकान ऊँची और पकवान कम होना
(iii) नाम अधिक गुणवत्ता कम
(iv) मिठाइयाँ घी की होना
उत्तर – (iii) नाम अधिक गुणवत्ता कम
(4) एक पंथ दो काज
(i) एक रास्ते पर दो सड़कें
(ii) दो लोगों का एक काम करने जाना
(iii) एक कार्य से दो लाभ
(iv) इनमें से कोई नहीं
उत्तर – (iii) एक कार्य से दो लाभ
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