1975 में आपातकाल घोषित करने ‘के कोई दो कारण स्पष्ट कीजिए?

1975 में भारत में आपातकाल (Emergency) की घोषणा तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा की गई थी। इसे भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में एक महत्वपूर्ण और विवादास्पद घटना माना जाता है। आपातकाल 25 जून 1975 से 21 मार्च 1977 तक लागू रहा। इसके पीछे निम्नलिखित पांच प्रमुख कारण थे:

1. इलाहाबाद हाईकोर्ट का फैसला

  • इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 12 जून 1975 को इंदिरा गांधी को रायबरेली से हुए लोकसभा चुनाव में चुनावी गड़बड़ी के आरोप में चुनाव रद्द कर दिया और अगले 6 साल तक चुनाव लड़ने पर रोक लगा दी। इस फैसले ने इंदिरा गांधी की राजनीतिक स्थिति को संकट में डाल दिया।

2. राजनीतिक अस्थिरता और विरोध प्रदर्शन

  • जयप्रकाश नारायण (जेपी) के नेतृत्व में विपक्षी दलों और छात्रों ने देशव्यापी आंदोलन शुरू कर दिया, जिसे संपूर्ण क्रांति आंदोलन कहा गया। इस आंदोलन में सरकार के खिलाफ व्यापक विरोध प्रदर्शन हुए, जिससे इंदिरा गांधी को सत्ता पर खतरा महसूस हुआ।

3. आर्थिक संकट और महंगाई

  • 1970 के दशक में भारत को गंभीर आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ा। बढ़ती महंगाई, बेरोजगारी, और खाद्यान्न संकट के कारण जनता में असंतोष फैल गया। सरकार इन समस्याओं का समाधान करने में विफल रही, जिससे विरोध बढ़ा।

4. कानून-व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति

  • सरकार ने दावा किया कि देश में आंतरिक अशांति और कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगड़ रही है। हड़तालें, विरोध प्रदर्शन और राजनीतिक अस्थिरता को आपातकाल लागू करने का औपचारिक आधार बनाया गया।

5. इंदिरा गांधी की सत्ता बचाने की कोशिश

  • इंदिरा गांधी ने अपनी सत्ता को बचाने और विपक्ष के दबाव को खत्म करने के लिए आपातकाल का सहारा लिया। उन्होंने इसे “राष्ट्रहित में” घोषित किया, लेकिन इसके पीछे मुख्य उद्देश्य उनकी व्यक्तिगत सत्ता और राजनीतिक स्थिति को बनाए रखना था।

नतीजा:

आपातकाल के दौरान नागरिक अधिकारों को निलंबित कर दिया गया, मीडिया पर सेंसरशिप लागू की गई, और हजारों राजनीतिक विरोधियों को जेल में डाला गया। हालांकि, 1977 के चुनावों में इंदिरा गांधी और कांग्रेस को भारी हार का सामना करना पड़ा, जिससे यह साबित हुआ कि लोकतंत्र ने अंततः जीत हासिल की।