1972 में भारत के मेघालय राज्य का निर्माण हुआ था। यह राज्य असम से अलग होकर अस्तित्व में आया। इसके निर्माण के पीछे मुख्य कारण सांस्कृतिक, भाषायी और सामाजिक भिन्नता थी।
मुख्य कारण:
- सांस्कृतिक और भाषायी पहचान: मेघालय क्षेत्र में गारो, खासी और जयंतिया जैसी जनजातियां रहती थीं, जिनकी सांस्कृतिक और भाषायी पहचान असम से भिन्न थी।
- राजनीतिक मांग: मेघालय के लोगों ने अपनी विशेष पहचान के संरक्षण और स्वशासन के लिए आंदोलन चलाया। 1960 के दशक में “ऑल पार्टी हिल लीडर्स कॉन्फ्रेंस” (APHLF) ने राज्य के लिए विशेष स्वायत्तता की मांग की।
- असम आंदोलन: उस समय असम में राजनीतिक और प्रशासनिक चुनौतियां बढ़ रही थीं। यह क्षेत्र अपने अधिकार और पहचान के लिए असम के साथ जुड़ाव से अलग होना चाहता था।
घटनाक्रम:
- 1969 में मेघालय को असम के भीतर स्वायत्त राज्य का दर्जा दिया गया।
- 21 जनवरी 1972 को मेघालय को पूर्ण राज्य का दर्जा दिया गया।
इस तरह मेघालय भारत का 21वां राज्य बना, जिसमें उसकी सांस्कृतिक विविधता और पहचान को संरक्षित किया गया।