1966 में हरियाणा राज्य का निर्माण हुआ था। यह राज्य भारत के पंजाब राज्य से अलग कर बनाया गया था। इसका निर्माण मुख्यतः भाषाई आधार पर हुआ।
निर्माण के कारण:
- भाषाई आंदोलन:
- 1950 और 1960 के दशक में हरियाणा क्षेत्र के लोगों ने अपनी अलग भाषा और सांस्कृतिक पहचान के आधार पर एक अलग राज्य की मांग की।
- हरियाणा क्षेत्र में हिंदी बोलने वालों की बहुलता थी, जबकि पंजाब क्षेत्र में पंजाबी बोलने वालों की।
- शाह आयोग की सिफारिशें:
- भारत सरकार ने 23 अप्रैल 1966 को एक शाह आयोग का गठन किया, जिसने हरियाणा और पंजाब को भाषाई आधार पर अलग करने की सिफारिश की।
- आयोग ने यह तय किया कि जिन क्षेत्रों में हिंदी बोलने वाले अधिक हैं, उन्हें हरियाणा में शामिल किया जाए, और पंजाबी बोलने वाले क्षेत्रों को पंजाब में रखा जाए।
- राजनीतिक और प्रशासनिक आवश्यकता:
- अलग राज्य बनने से प्रशासनिक व्यवस्था को सुचारू बनाने और क्षेत्रीय विकास को गति देने में मदद मिली।
परिणाम:
- 1 नवंबर 1966 को हरियाणा राज्य का गठन हुआ।
- चंडीगढ़ को पंजाब और हरियाणा की साझा राजधानी बनाया गया, और इसे केंद्र शासित क्षेत्र का दर्जा दिया गया।
यह भारत में भाषाई आधार पर राज्यों के पुनर्गठन की एक महत्वपूर्ण घटना थी।