1960 में भारत के गुजरात और महाराष्ट्र राज्यों का गठन हुआ था। इन राज्यों का निर्माण भाषाई आधार पर किया गया था।
पृष्ठभूमि:
- 1947 में स्वतंत्रता के बाद भारत में कई राज्य भाषाई और सांस्कृतिक विविधताओं के बावजूद एक ही प्रशासनिक इकाई में थे।
- उस समय बॉम्बे राज्य (Bombay State) में गुजराती और मराठी भाषी लोग एक साथ रहते थे, लेकिन दोनों समुदायों की भाषाई और सांस्कृतिक पहचान अलग थी।
- गुजराती और मराठी भाषी लोगों ने अपने-अपने भाषा आधारित राज्य के लिए आंदोलन शुरू किए।
- संयुक्त महाराष्ट्र आंदोलन (Samyukta Maharashtra Movement) और महागुजरात आंदोलन (Maha Gujarat Movement) ने जोर पकड़ा।
कारण:
- भाषाई और सांस्कृतिक भिन्नता: मराठी और गुजराती बोलने वाले लोगों को अपनी भाषा और संस्कृति के आधार पर अलग प्रशासनिक इकाई की आवश्यकता महसूस हुई।
- राजनीतिक और सामाजिक मांग: दोनों समुदाय अपनी-अपनी भाषा और क्षेत्र के विकास के लिए स्वतंत्र राज्य चाहते थे।
- आंदोलन और विरोध प्रदर्शन: इन आंदोलनों के कारण सरकार पर दबाव बढ़ा, जिसके परिणामस्वरूप राज्यों का पुनर्गठन हुआ।
परिणाम:
- 1 मई 1960 को बॉम्बे राज्य को दो भागों में विभाजित कर दिया गया:
- गुजरात (गुजराती भाषी लोगों के लिए)
- महाराष्ट्र (मराठी भाषी लोगों के लिए)
इस दिन को गुजरात और महाराष्ट्र में हर साल स्थापना दिवस (State Formation Day) के रूप में मनाया जाता है।