सोवियत संघ के विघटन के पश्चात, साम्यवादी देशों में से रूस के साथ, भारत के संबंध सबसे मजबूत रहे हैं।” कोई तीन उदाहरण देकर कथन की पुष्टि कीजिए

सोवियत संघ के विघटन (1991) के बाद, रूस और भारत के बीच सामरिक, राजनीतिक और आर्थिक संबंधों में निरंतर मजबूती बनी रही है। भारत और रूस के बीच मजबूत द्विपक्षीय संबंधों के तीन प्रमुख उदाहरण निम्नलिखित हैं:


1. रक्षा सहयोग और सैन्य आपूर्ति

  • सैन्य संबंधों की गहरी साझेदारी: रूस और भारत के बीच रक्षा क्षेत्र में गहरा सहयोग रहा है। सोवियत संघ के समय से ही भारत ने रूस से आधुनिक युद्धक विमानों, पनडुब्बियों, टैंक और हथियारों की आपूर्ति की है।
  • सुखोई 30MKI विमानों की खरीद: भारत ने रूस से सुखोई 30MKI लड़ाकू विमानों की बड़ी संख्या खरीदी है। यह विमान भारतीय वायुसेना की प्रमुख ताकत में से एक है।
  • कोल्ड वार से बाद भी निरंतर आपूर्ति: सोवियत संघ के विघटन के बाद भी रूस ने भारत को तकनीकी और सैन्य सहयोग प्रदान किया, जैसे कि ब्रह्मोस मिसाइल प्रणाली और आधुनिक पनडुब्बियां (INS Chakra)।

विश्लेषण:
यह रक्षा सहयोग दोनों देशों के बीच गहरे विश्वास और साझेदारी को दर्शाता है, जो रूस और भारत के रिश्तों का एक महत्वपूर्ण पहलू है।


2. परमाणु ऊर्जा सहयोग

  • सैन्य और नागरिक परमाणु सहयोग: सोवियत संघ के विघटन के बाद भी रूस ने भारत को नागरिक परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में मदद दी। रूस और भारत ने कुडनकुलम परमाणु संयंत्र (Kudankulam Nuclear Power Plant) को स्थापित किया, जो भारत का सबसे बड़ा परमाणु ऊर्जा संयंत्र है।
  • स्थायी परमाणु ऊर्जा आपूर्ति: रूस ने भारत के लिए संपूर्ण परमाणु ईंधन की आपूर्ति सुनिश्चित की है और इसके परिणामस्वरूप भारत को अपनी ऊर्जा जरूरतों के लिए एक स्थिर और भरोसेमंद साझेदार मिला है।

विश्लेषण:
यह सहयोग भारत और रूस के बीच तकनीकी और ऊर्जा क्षेत्र में गहरे रिश्तों का प्रतीक है, जिससे दोनों देशों को दीर्घकालिक लाभ मिला है।


3. अंतरराष्ट्रीय मंचों पर सहयोग

  • संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC): भारत और रूस के बीच संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सहयोग भी एक महत्वपूर्ण उदाहरण है। रूस ने हमेशा भारत का समर्थन किया है, विशेषकर भारत की स्थायी सदस्यता की मांग में।
  • BRICS और शंघाई सहयोग संगठन (SCO): भारत और रूस BRICS और SCO जैसे बहुपक्षीय मंचों पर मिलकर काम करते हैं। इन मंचों पर दोनों देशों ने आपसी सहयोग, आर्थिक विकास, और सुरक्षा मुद्दों पर सकारात्मक योगदान दिया है।
  • वैश्विक सुरक्षा मुद्दों पर साझा दृष्टिकोण: दोनों देशों ने आतंकवाद, जलवायु परिवर्तन और वैश्विक आर्थिक नीति जैसे मुद्दों पर आपसी सहयोग बढ़ाया है।

विश्लेषण:
यह अंतरराष्ट्रीय सहयोग दोनों देशों के राजनीतिक रिश्तों को मजबूत करता है और वैश्विक मंचों पर उनके प्रभाव को बढ़ाता है।


निष्कर्ष:

रूस और भारत के संबंध सोवियत संघ के विघटन के बाद भी मजबूत बने रहे हैं, विशेष रूप से रक्षा, परमाणु ऊर्जा और अंतरराष्ट्रीय सहयोग के क्षेत्रों में। इन क्षेत्रों में दोनों देशों ने एक-दूसरे का समर्थन किया है, जो उनके रिश्तों की गहरी और स्थिर प्रकृति को प्रदर्शित करता है।