भारत और पाकिस्तान के बीच विवाद ऐतिहासिक, राजनीतिक, धार्मिक और भौगोलिक कारणों से गहराई से जुड़े हुए हैं। इन विवादों ने दोनों देशों के बीच शत्रुता को जन्म दिया है और कई बार युद्ध का कारण भी बने हैं। यहां चार प्रमुख मुद्दों का वर्णन किया गया है:
1. कश्मीर विवाद
कश्मीर विवाद भारत और पाकिस्तान के बीच सबसे पुराना और गंभीर मुद्दा है। यह विवाद 1947 में भारत के विभाजन के समय से शुरू हुआ।
पृष्ठभूमि:
- 1947 में भारत और पाकिस्तान की आजादी के समय, जम्मू-कश्मीर एक स्वतंत्र रियासत थी। इसे यह विकल्प दिया गया था कि वह भारत या पाकिस्तान में से किसी के साथ विलय कर सकता है या स्वतंत्र रह सकता है।
- उस समय के शासक महाराजा हरि सिंह ने पहले स्वतंत्र रहने की कोशिश की, लेकिन पाकिस्तान समर्थित कबायली लड़ाकों के आक्रमण के बाद उन्होंने भारत से मदद मांगी। भारत ने मदद की शर्त पर विलय पत्र (Instrument of Accession) पर हस्ताक्षर कराए, और इस प्रकार कश्मीर भारत का हिस्सा बना।
विवाद:
- पाकिस्तान ने इस विलय को अवैध मानते हुए इसे अस्वीकार कर दिया और कश्मीर को अपना हिस्सा बताया।
- यह विवाद 1947, 1965 और 1999 (कारगिल युद्ध) में बड़े सैन्य संघर्षों का कारण बना।
- कश्मीर के एक हिस्से (आजाद कश्मीर और गिलगित-बाल्टिस्तान) पर पाकिस्तान का नियंत्रण है, जबकि बाकी हिस्सा भारत के अधीन है।
- 2019 में भारत सरकार ने संविधान के अनुच्छेद 370 को हटाकर जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त कर दिया, जिसे पाकिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय मंचों पर विरोध का मुद्दा बनाया।
परिणाम:
कश्मीर विवाद ने दोनों देशों के बीच स्थायी तनाव पैदा किया है। यह समस्या आज भी संयुक्त राष्ट्र सहित अंतरराष्ट्रीय मंचों पर चर्चा का विषय बनी हुई है।
2. जल विवाद
भारत और पाकिस्तान के बीच जल संसाधनों के उपयोग को लेकर भी लंबे समय से विवाद चला आ रहा है।
पृष्ठभूमि:
- 1947 में विभाजन के बाद, पंजाब और सिंध क्षेत्र के प्रमुख नदियों का पानी भारत और पाकिस्तान के बीच विभाजित हुआ।
- 1960 में विश्व बैंक की मध्यस्थता से सिंधु जल संधि (Indus Water Treaty) पर हस्ताक्षर हुए। इस संधि के अनुसार, सिंधु नदी प्रणाली की 6 नदियों में से 3 नदियों (सतलुज, ब्यास और रावी) पर भारत का अधिकार होगा, जबकि बाकी 3 नदियां (सिंधु, झेलम और चिनाब) पाकिस्तान को दी गईं।
विवाद:
- पाकिस्तान का आरोप है कि भारत उसकी नदियों के पानी को रोककर कृषि और बिजली परियोजनाओं के लिए उपयोग कर रहा है।
- भारत का कहना है कि वह संधि के नियमों का पालन कर रहा है और केवल अपने हिस्से का पानी उपयोग कर रहा है।
- किशनगंगा और राटले डैम जैसे परियोजनाओं को लेकर पाकिस्तान ने कई बार अंतरराष्ट्रीय अदालत का दरवाजा खटखटाया है।
परिणाम:
यह विवाद दोनों देशों के बीच आपसी विश्वास की कमी को और गहरा करता है।
3. सीमा विवाद और आतंकवाद
सीमा विवाद और आतंकवाद दोनों देश के रिश्तों को बिगाड़ने वाले प्रमुख कारण हैं।
सीमा विवाद:
- सर क्रीक विवाद: गुजरात और सिंध के बीच स्थित सर क्रीक जलसंधि पर भारत और पाकिस्तान के बीच विवाद है।
- सियाचिन विवाद: सियाचिन ग्लेशियर, जो रणनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य संघर्ष का क्षेत्र बना हुआ है।
- पाकिस्तान का दावा है कि सियाचिन उसका हिस्सा है, जबकि भारत ने 1984 में ऑपरेशन मेघदूत के तहत इस क्षेत्र पर कब्जा कर लिया।
आतंकवाद:
- भारत का आरोप है कि पाकिस्तान आतंकवादी संगठनों को समर्थन देता है, जो भारत के विभिन्न हिस्सों में आतंकी हमले करते हैं।
- पठानकोट (2016), उड़ी (2016), और पुलवामा (2019) जैसे हमलों में पाकिस्तानी संगठन (जैसे लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद) की भूमिका रही है।
- पाकिस्तान इन आरोपों को खारिज करता है और कश्मीर में भारत पर मानवाधिकार हनन का आरोप लगाता है।
परिणाम:
आतंकवाद और सीमा पर लगातार संघर्ष ने दोनों देशों के संबंधों को और अधिक जटिल बना दिया है।
4. व्यापार और कूटनीतिक संबंधों में तनाव
भारत और पाकिस्तान के बीच व्यापार और कूटनीतिक स्तर पर भी तनाव बना रहता है।
व्यापार:
- दोनों देशों के बीच सीमित व्यापारिक संबंध हैं।
- 2019 में पुलवामा हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान का मोस्ट फेवर्ड नेशन (MFN) का दर्जा रद्द कर दिया और व्यापारिक संबंधों पर रोक लगा दी।
- पाकिस्तान ने भी भारत से व्यापार पर रोक लगाई, विशेषकर जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को समाप्त करने के बाद।
कूटनीतिक संबंध:
- दोनों देशों ने कई बार एक-दूसरे के दूतावासों को बंद करने या राजनयिकों को निष्कासित करने की धमकी दी है।
- कश्मीर विवाद और आतंकवाद के मुद्दे पर दोनों देश एक-दूसरे के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय मंचों पर आरोप-प्रत्यारोप करते रहते हैं।
परिणाम:
व्यापार और कूटनीति में तनाव ने न केवल दोनों देशों की अर्थव्यवस्थाओं को प्रभावित किया है, बल्कि क्षेत्रीय स्थिरता को भी खतरे में डाल दिया है।
निष्कर्ष
भारत और पाकिस्तान के बीच विवाद ऐतिहासिक रूप से गहरे और बहुआयामी हैं। कश्मीर, जल, सीमा विवाद, आतंकवाद और व्यापारिक संबंधों में तनाव ने दोनों देशों के बीच शत्रुता को बढ़ाया है। इन विवादों का समाधान केवल संवाद, आपसी विश्वास और अंतरराष्ट्रीय सहयोग से संभव है। हालांकि, वर्तमान परिदृश्य में यह एक चुनौतीपूर्ण कार्य बना हुआ है।