चीन को तीव्र गति से वृद्धि करने वाली अर्थव्यवस्था बनाने के लिए चीन के नेतृत्व द्वारा उठाए गए किन्हीं चार कदमों का वर्णन कीजिए।

चीन को तीव्र गति से वृद्धि करने वाली अर्थव्यवस्था बनाने के लिए उसके नेतृत्व ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए। इनमें से चार प्रमुख कदम निम्नलिखित हैं:

1. आर्थिक सुधार और खुलेपन की नीति (1978):

  • 1978 में डेंग शियाओपिंग के नेतृत्व में चीन ने “सुधार और खुलेपन” (Reform and Opening-up) की नीति अपनाई।
  • इस नीति के तहत सामूहिक कृषि प्रणाली को समाप्त कर दिया गया और व्यक्तिगत किसानों को अपनी भूमि पर उत्पादन करने और बाजार में बेचने की अनुमति दी गई।
  • विदेशी निवेश को प्रोत्साहन देने और विशेष आर्थिक क्षेत्रों (Special Economic Zones, SEZs) की स्थापना की गई।

2. विशेष आर्थिक क्षेत्र (SEZ) और उदारीकरण:

  • चीन ने शेनझेन, झुहाई, शांतोउ, और ज़ियामेन जैसे स्थानों में विशेष आर्थिक क्षेत्र स्थापित किए।
  • इन क्षेत्रों में उदार व्यापार नीतियों, कर प्रोत्साहन, और विदेशी निवेशकों को आकर्षित करने के लिए सहूलियतें दी गईं।
  • यह कदम विदेशी पूंजी, प्रौद्योगिकी और विशेषज्ञता को देश में लाने में सहायक साबित हुआ।

3. सरकारी स्वामित्व वाले उद्यमों (SOEs) का पुनर्गठन:

  • 1990 के दशक में, चीन ने अपने सरकारी स्वामित्व वाले उद्यमों (State-Owned Enterprises, SOEs) में सुधार किए।
  • कई अलाभकारी सरकारी कंपनियों को बंद कर दिया गया, जबकि कुछ को आधुनिक बनाने और प्रतिस्पर्धा के लिए सक्षम बनाने पर ध्यान दिया गया।
  • निजी क्षेत्र और उद्यमशीलता को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहन दिए गए।

4. निर्यात-प्रधान औद्योगिक नीति:

  • चीन ने खुद को “विश्व के निर्माण केंद्र” (Factory of the World) के रूप में स्थापित किया।
  • सस्ते श्रम, बड़ी जनसंख्या, और व्यापक उत्पादन क्षमता के कारण चीन ने वैश्विक बाजार में प्रतिस्पर्धी लाभ हासिल किया।
  • इलेक्ट्रॉनिक्स, कपड़ा, और मशीनरी जैसे क्षेत्रों में भारी निर्यात किया गया।

इन कदमों ने चीन को एक कृषि प्रधान अर्थव्यवस्था से बदलकर दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने में मदद की। चीन की आर्थिक वृद्धि को “चमत्कारिक विकास” के रूप में देखा जाता है।