संवैधानिक संघर्ष, सरकार ‘के किन दो अंगों के बीच था?

संवैधानिक संघर्ष मुख्य रूप से सरकार के दो प्रमुख अंगों कार्यपालिका (Executive) और न्यायपालिका (Judiciary) के बीच होता है।

यह संघर्ष तब उत्पन्न होता है जब:

  1. कार्यपालिका (सरकार) अपने अधिकारों या शक्तियों का प्रयोग करते हुए न्यायपालिका के अधिकार क्षेत्र में हस्तक्षेप करती है।
  2. न्यायपालिका अपने निर्णयों से कार्यपालिका के कार्यों को असंवैधानिक घोषित करती है या उनकी सीमाओं को निर्धारित करती है।

यह संघर्ष संविधान की व्याख्या और उसके अनुपालन से संबंधित मुद्दों पर होता है। दोनों अंग अपने अधिकारों और स्वतंत्रता की रक्षा करने के लिए संघर्ष करते हैं, जिससे संविधान के प्रति जवाबदेही बनी रहती है।

भारत में कुछ प्रमुख उदाहरण:

  • केशवानंद भारती बनाम केरल राज्य (1973): इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने संविधान की मूल संरचना (Basic Structure) के सिद्धांत को स्थापित किया और सरकार की संविधान संशोधन शक्ति को सीमित किया।
  • NJAC मामला (2015): न्यायिक नियुक्तियों में कार्यपालिका के हस्तक्षेप को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने NJAC अधिनियम को असंवैधानिक घोषित किया।

इस प्रकार, यह संघर्ष संतुलन बनाए रखने और संवैधानिक मूल्यों की रक्षा के लिए महत्वपूर्ण है।